ॐ शनैचराय नम:
भगवान शनिदेव के धाम शिगनापुर
मंदिर के बारे में यह कहा जाता है कि देवता की कृपा जिस व्यक्ति पर हो जाती है
उसके साथ सब कुछ अच्छा होता है | वह व्यक्ति हमेशा उन्नति के पथ पर बढ़ता जाता है |
लेकिन यदि शनिदेव का क्रोध किसी व्यक्ति पर होता है तो वह पूरी तरह से बर्बाद हो
जाता है | उसके सामने अनेक मुश्किल आकर खड़ी हो जाती है | शनिदेव के क्रोध से बचने
के लिए भक्तगण उन पर तेल काला तिल चढ़ाते है |
सूर्य पुत्र शनिदेव का पवित्र स्थान | |
भगवान शनिदेव का धाम महाराष्ट्र
के शिगनापुर नामक स्थान है | यंहा के मन्दिर का अलग ही महत्व है | क्योंकि जिस
स्थान पर शनी देव की प्रतिमा है उस स्थान पर कोई भी मंदिर नही है | वहाँ के घरों में
दरवाजे नही है | क्योंकि यंहा कभी भी किसी भी वास्तु की चोरी नही होती | लम्बे –
लम्बे पेड़ है लेकिन उसकी कोई छाया नही है |
शिगनापुर मन्दिर की विशेषता :- सुर्यपुत्र
शनिदेव की महिमा अपार है | इस मंदिर में शनिदेव की बहुत ही प्राचीन मूर्ति
विराजमान है | यह मूर्ति स्वयंभू है | इस प्रतिमा का कोई आकार नही है | केवल एक
पत्थर को शनी के रूप में माना जाता है | यह प्रतिमा लगभग 5 फीट और 9 इंच लम्बी 1 फीट और 6 इंच चौड़ी है | यह प्रतिमा खुले आसमान
के नीचे है | चाहे अधिक धुप हो बरसात हो या ठण्ड हो यह प्रतिमा दिन रात खुले में
रहती है | शनिदेव के दर्शन के लिए हजारों की तादाद में भक्तगण शिगनापुर धाम जाते
है | उनके उपर तेल और काला तिल चढ़ाते है | जिससे भगवान शनिदेव प्रसन्न होते है |
भगवान शनिदेव की प्रतिमा |
शनिदेव की महिमा :- शनिदेव बहुत
ही शक्तिशाली माने जाते है | और इनका इन्सान के जीवन में एक अलग महत्व है | आमतौर पर
मनुष्य का मानना यह कि शनिदेव मनुष्य का शत्रु होता है | जब उनकी साढ़ेसाती चढ़ती है
तो मनुष्य के घर में दुःख , पीड़ा, क्लेश और पैसों की कमी आ जाती है | लेकिन सच तो
यह है कि शनिदेव केवल उन्ही लोगो को सजा देते है जो मनुष्य रूप में बुरे काम करता
है | क्योंकि कहावत है जो जैसा करेगा वो बैसा भरेगा | शनीदेव म्रत्यु लोक के ऐसे
स्वामी है जो व्यक्ति को अच्छे बुरे कर्म के आधार पर सजा देते है और उन्हें सुधरने
का मौका देते है | पंडित , विद्वानों के अनुसार शनी मोक्ष प्रदान करते है | शनिदेव
शुभ ग्रहों से अधिक अच्छा फल देते है |
मनुष्य को चोरी , डकैती दुर्व्यवहार
और झूठ बोलकर अपना जीवन नही बिताना चाहिए | यदि कोई झूठे रास्ते पर चलता है तो शनिदेव
के प्रकोप से वह नही बचता | इसलिए हमे सड़ा अच्छे कर्म करने चाहिए | जिससे हमारे
ऊपर शनिदेव की कृपा द्रष्टि बनी रहे |
शिगनापुर धाम की विशेष बात :- ऐसा
कहा जाता है कि इस गाँव का रक्षक भगवान शनिदेव है | इस गाँव के लोग अपने घरों में
ताला नही लगाते | यंहा के लोगों का मानना है कि इस नगरी की रक्षा खुद शनिदेव करते
है | कोई भी चोर जिन्दा इस गाँव की सीमा को पार नही कर सकता | इसके साथ ही लोगों
की यह आस्था है कि शिगनापुर गाँव के अंदर यदि किसी व्यक्ति को जहरीलें सांप ने काट
लिया हो तो उस व्यक्ति को शनिदेव की प्रतिमा के पास ले जाना चाहिए | भगवान शनिदेव
की कृपा से जहरीले विष का असर बेअसर हो जाता है |
शनिदेव के दर्शन |
शनिदेव के दर्शन के कुछ आवशयक
नियम :- शनिधाम में शनिदेव की पूजा करने के कुछ नियम है जिसका अनुसरण यंहा पर आये हर भक्तगण को करना पड़ता है | भगवान
शनिदेव बाल ब्रह्मचारी है | इसलिए तीर्थ यात्रा पर आई हुई महिलाएं दूर से ही इनके
दर्शन करती है | जबकि पुरुष नियमानुस्सर स्नान करके गीले कपड़ों में ही शनिदेव की
पूजा करते है |
भगवान शनिदेव को तिल तेल चढ़ाया
जाता है | दर्शन करने के बाद भक्त यंहा स्थित दुकानों से घोड़े की नाल और काले कपड़े
से बनी गुडिया अवश्य खरीदते है | कहा जाता है कि घोड़े की नाल को घर के बाहर लगाने
से लोगों की बुरी नजर नही लगती | और घर में सुख समृधि आती है |
भगवान शनिदेव की नगरी शिगनापुर
में हर आल शनिदेव जयंती बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है | इस अवसर पे शनिदेव का
जन्मदिवस मनाया जाता है | यह जयंती वैशाख की अमावस्या के दिन मनाई जाती है | इस दिन शनिदेव
की प्रतिमा नीले रंग की दिखाई देती है | इस अवसर पर पांच दिन तक यज्ञ कराया जाता
है और सात दिनों तक भजन कीर्तन होता है | साथ दिन तक यह जयंती बड़े ही धूमधाम से
मनाया जाता है | अंत में महापूजा के बाद इसका समापन किया जाता है | इस अवसर के
पहले दिन मूर्ति को पंचाम्रत , तेल और पडौस के कुएं के पानी से और गंगाजल से नहलाया
जाता है | इस कुएँ के पानी का उपयोग केवल मूर्ति की सेवा के लिए उपयोग किया जाता
है | मूर्ति को स्नान कराने के बाद मूर्ति को आभूषण से सजाया जाता है | इसके बाद
उनकी पूजा की जाती है |
शिगनापुर में शनिदेव का धाम |
शिगनापुर में आप केवल शनिदेव के
ही नही साईं नाथ के भी दर्शन कर सकते है | जो यंहा से कुछ ही दुरी पर है |
शनिदेव के धाम जाने का रास्ता :- भगवान शनिदेव मन्दिर में आप किसी भी रास्ते से जा सकते है | जैसे :-
सड़क मार्ग से :- शिगनापुर जाने के लिए आप बस टैक्सी या अपना वाहन
करके जा सकते है | मुंबई , पूना और
अहमदाबाद के रास्ते होते हुए आप शिगनापुर धाम जा सकते है | यह मार्ग सस्ता और
सुरक्षित है |
रेल मार्ग :- आप किसी भी बड़े शहर
से रेल लेकर शनिदेव के मंदिर जा सकते है | यंहा का पास का स्टेशन श्रीराम पुर है |
वायु मार्ग से :- शिगनापुर का
सबसे पास हवाईअड्डा पूना में है | जो इस गाँव से 160 किलोमीटर की दुरी पर है |
सूर्य पुत्र शनिदेव का पवित्र स्थान | Shignapur Dhaam Ki Visheshta , Shnidev Ki Svymbhu Prtima ,
Shnidev Ko Kaese Prsnn Kren , Shnidhaam Jane Ka Rasta |
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