लकवा
इस
बीमारी को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक उपाय है । इसके लिए हमें ४किलो पानी में आक के पौधे की जड़ को थोड़ा कूट कर (मोटा
पिसा हुआ ) लगभग
आधा किलो मिलाकर आग पर पकने के लिए रख दे । जब इसका पानी पक कर १ किलो रह जाये तो इस पानी को उतार कर छान ले । उबले हुए पानी में बराबर मात्रा में मिश्री मिलाएं । फिर इसमें काली मिर्च , मुलहटी , पीपल , वंश
लोचन , और
इलायची को ६-६
ग्राम की मात्रा में मिलाकर धीमी -धीमी
आंच पर पका कर इसका शर्बत तैयार कर ले । तैयार शरबत की १-२
ग्राम की मात्रा में सेवन करने से खाँसी , साँस
की बीमारी , हाथ - पैर का रोग पेट का दर्द ठीक होता ही है साथ ही साथ लकवे जैसी बीमारी भी दूर हो जाती है । इससे शरीर को कोई भी नुकसान नहीं पहुँचता है ।
Treatment of Paralysis With Madar लकवे का आयुर्वेदिक उपचार in hindi |
वात
पीड़ा : -
जौ और आक की एक किलो जड़ जो छाया में सुखाई गई हो इन दोनों को ८ किलो पानी में मिलाकर आग पर पकाये । जब यह मिश्रण पक कर लगभग २ किलो रह जाये तो इसे उतार कर इसमें एक किलो एरंड का तेल मिलाकर धीमी -धीमी
आंच पर पकाये । पकते - पकते
इसमें जब खाली तेल रह जाये तब किसी बोतल में भर कर रख ले । फिर सुबह - शाम
इस तेल से मालिश करे । इस उपचार से जल्दी ही आराम मिलता है ।
2. एक भाग आक के जड़ की छाल में कुटकी , काली
मिर्च , और
नमक डालकर इन सभी को पानी के साथ पीसकर बारीक़ करके पिसे । फिर इनकी छोटी - छोटी
आकार की गोलियाँ बनाकर सुबह - शाम
गर्म पानी के साथ खाए । इससे शरीर के किसी भी हिस्से में वात रोग हो जल्दी ठीक हो जाता है । इसके आलावा आक की रुई से बने कपड़े पहने और रजाई ओड कर सोये इससे शीघ्रता से आराम मिलता है
lakwa theek kare |
No comments:
Post a Comment