गर्भवती के लिए पेट की बिमारियों का उपचार-
थोड़े से दाने मुनक्का के बीज निकाल कर , छोटी इलायची,बादाम की तीन चार गिरी और मिश्री इन सभी चीज़ों को बराबर मात्रा में लेकर कूट कर इसका चूर्ण बनाये फिर गर्भवती स्त्री को दोनों समय एक -१ चम्मच खिलाने से उसको जी मचलना, भूख न लगना और पेट की समस्याओ में राहत मिलती है ।
दस ग्राम मिश्री,पांच ग्राम छोटी इलायची के दाने, पांच ग्राम मुलहठी और आधा ग्राम पीपल मिट इन सबको मिश्रित करके खरल में कूट ले और छोटे बेरो के जितनी छोटी गालिया बना ले जब भी गर्भवती का जी मचलाये, दिल घबराये या भूख ना लगती हो तो एक गोली मुंह में डाल दे और चूसे तो ये सभी समस्याएं ठीक हो जाती है ।
Treatment of Stomach Diseases of Pregnant Women |
सौंफ,काली मिर्च,छोटी इलायची के दाने और मिश्री इन सभी को समान मात्रा में मिलाकर पीस ले और फिर उसमे शहद मिश्रित करके गोली बना ले जब भी पेट ख़राब हो तो एक एक गोली सवेरे और रात में देना लाभदायक रहता है ।
गर्भावस्था में
कब्ज़ का
उपचार
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कई बार गर्भवती स्त्री को कब्ज़ हो जाती है जिसके कारण उसे बहुत दिक्कत होती है इसके लिए कुछ उपचार इस प्रकार है :
बड़ी हरड़ का वक्कल, सोंठ,गुलाब के पुष्प और मुनक्का को पानी में धीमी आंच पर अच्छी तरह पका ले और जब यह अच्छे से पक जाये तब इसे कपडे से छान कर ठंडा करके गर्ब्वति स्त्री को रात को सोने से पहले पिला दे तो उसकी कब्ज़ दूर हो जाएगी ।
Treatment of constipation in pregnancy |
दस ग्राम गुलकंद और पांच मुनक्का को रात को सोने से पहले गर्भवती स्त्री को खिला दे तो उसकी कब्ज़ दूर हो जाएगी और जी भी ठीक रहेगा |
जायफल का एक टुकड़ा चावलों के पानी में घिस कर इसमें मिश्री और निम्बू रस मिलाके गर्भवती स्त्री को पिलाने से उसका पेट सही रहता है |
फलाहार ले , भारी व बासी भोजन न ले , लिक्विड डाइट अधिक ले ( तरल पदार्थो का सेवन अधिक करे ) हरी व पत्ते दार शब्जियों का प्रयोग करे। रात्री में कम खाना ले। एक बार में अधिक भोजन न करे। पानी , दूध और जूस भरपूर मात्रा में ले।
फलाहार ले , भारी व बासी भोजन न ले , लिक्विड डाइट अधिक ले ( तरल पदार्थो का सेवन अधिक करे ) हरी व पत्ते दार शब्जियों का प्रयोग करे। रात्री में कम खाना ले। एक बार में अधिक भोजन न करे। पानी , दूध और जूस भरपूर मात्रा में ले।
Note - Every pregnancy lady must consult the doctor
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