कण्ठ माला के लक्षण
मानव को अनेक प्रकार की बीमारी हो जाती है । उनमे
से एक कण्ठ की बीमारी । कई
लोगो को ये पता नही होता कि
कण्ठ की बीमारी किसे कहते है । कण्ठ
की बीमारी मनुष्य के गले में पाई जाती है । इस
बीमारी में मनुष्य को बोलने में, खाना
खाने , पानी
पीने इत्यादि में अधिक कठनाई होती है । कण्ठ
की बीमारी में मनुष्य के कण्ठ (गले) की ग्रीवा ग्रंथियाँ मोटी होकर एक माला की तरह हो जाती है । जब
ये ग्रंथियाँ मोटी होने लगती है तब मनुष्य को थोड़ा बुखार , दर्द
तथा जलन जैसे लक्षण दिखाई देने लगते है । ऐसी
स्थिति में मनुष्य की ग्रंथियाँ पकने अथवा इनमे मवाद होने लगता है । फिर
इन ग्रन्थियों का इलाज डॉक्टर की सलाह से इसका ऑपरेशन से इसे ठीक किया जाता है । तथा
पकने के बाद इसका समय पर उपचार नही किया गया तो मनुष्य के कण्ठ की दूसरी ग्रंथि भी पक जाती है । और
इस तरह से मनुष्य के कण्ठ में अधिक घाव हो जाता है और मनुष्य कभी - कभी
मृत्यु को भी प्राप्त होने की संभावना हो जाती है । इसी
को कण्ठ माला की बीमारी कहते है | लेकिन अब हर जगह डॉक्टर उपलब्ध है और आयुर्वेद में भी कई उपचार बताये गए है । आयुर्वेद
की कई प्रकार की जड़ी - बूटियों
से कण्ठ माला के रोग को दूर किया जा सकता है | इसका
उपचार इस प्रकार है |
kanth mala ki bimari, कंठ रोग की बीमारी का उपचार |
कण्ठ माला हेतु पीपल से ईलाज:-
ऊपर
बताई गई इन सभी बातो से पता चलता है कि इस बीमारी को नजरअंदाज न करते
हुए हमे इसका समय रहते ही उपचार करना चाहिए । और
अपने अच्छे जीवन को खोने के बजाए अपना जीवन स्वस्थ और सुन्दर रूप से बिताना चाहिए ।
उपचार :-
1. कण्ठ माला के रोग को ठीक करने के लिए पीपल बहुत ही लाभदायक औषधि है । इस
रोग में उन पीपल की जड़ो का उपयोग किया जाता है जिनकी जड़ जमीन के अंदर न फली
हो बल्कि उन पीपल की जड़ो का उपयोग किया जाता है जिनकी जड़े किसी मजबूत दीवार में लगी हो । ऐसी
पीपल की जड़े लेकर इन जड़ो को थोड़ा - थोड़ा
पानी के डालकर किसी पत्थर या सील पर रगड़कर एक मलहम के तरह तैयार कर ले । इस
मलहम को रोग वाली ग्रंथि पर रोजाना लगाने से कण्ठ माला का रोग थोड़े समय में ही ये रोग ठीक होता जायेगा ।
2.
कण्ठ माला ठीक
करने का दूसरा उपाय है पुनर्नवा । यह एक ऐसी जड़ी बूटी है जो किसी भी प्रकार
का कण्ठ रोग हो उसे आसानी से ठीक कर देती है । इस जड़ी बूटी का नाम हर इंसान को पता
होता है । बल्कि हर छोटे - छोटे बच्चों को पता होता है । और ये आसानी से पाई जा सकती
है । इस जड़ी - बूटी को लाने के लिए मनुष्य को शुक्ल पक्ष के पहले सप्ताह के रविवार
को सुबह जल्दी उठकर नहा -धोकर बिल्कुल साफ होकर किसी अच्छी जगह से इसकी जड़
उखाड़ कर ले आये । लेकिन यह याद रहे कि इस जड़ी बूटी को लाते समय इस पर मानव के शरीर
की परछाई नही पड़नी चाहिए । और इस जड़ी बूटी को लेने के बाद इसको छाया में सुखाकर
किसी भी वस्तु से बारीक़ करके किसी भी साफ शीशी में डालकर रख ले । इस तरह से आपकी कंठ माला की औषधि तैयार हो जाती है । इस औषधि का
उपयोग कण्ठ से जुड़े सभी रोगों के लिए किया जा सकता है । इस औषधि का उपयोग रोगी को सुबह -
शाम १- १ ग्राम पानी के साथ देने से यह कण्ठ रोग कुछ ही दिनों में जड़ से समाप्त हो
जायेगा ।
इसरोग में मानव
की कण्ठ की ग्रंथियाँ माला के समान मोटी हो जाती है । ऐसे मानव के लिए भी इसी जड़ी - बूटी
का उपयोग इसका चूर्ण बनाकर पानी डालकर मलहम की तरह तैयार करे । इस तैयार मलहम को
रोग वाले स्थान पर लगाने से रोग में बहुत ही आराम मिलता है । और माला जैसी फूली
ग्रंथियाँ ठीक हो जाएँगी । अगर ग्रन्थियों के बीच में से मवाद निकल रहा हो तो इसी
तैयार मलहम को लगाने से मवाद आना बंद हो जायेगा और कण्ठ माला का रोग जड़ से नष्ट
हो जायेगा । यह उपचार बिल्कुल ही आसान ,सस्ता और लाभदायक सिद्ध होता है । इस उपचार का उपयोग करने से कण्ठ माला की
बीमारी हमेशा के लिए दूर हो जाती है । और इस बीमारी छुटकारा मिल जाता है |
अनचाहे बालों का समाधान
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Boss i am MDR TB patient. Would suggest you go for Sputum for AFB, TLC DLC ESR and CRP test in blood...
ReplyDeleteYour symptom looks like TB
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ReplyDeleteYour symptom looks like TB
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ReplyDeleteYour symptom looks like TB
Sir.mere bete ko kanth ke upar bahar ki taraf ganth ban jati hai do bar operation bhi kara liya fir ho gayi.dr.entibitik dete hai to foda bankar tut jati hai or ek do mahine me fir ho jati hai.pls.kuch batao.
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