कोढ़
कोढ़ एक प्रकार का ऐसा रोग है जो मानव के शरीर में किसी भी हिस्से में हो सकता है । इस रोग को कोढ़ या कुष्ट रोग भी कहते है । ज्यादातर मनुष्यों का मानना है कि इस यह रोग होने पर शरीर के अंग ख़राब या गल जाते है । परन्तु ऐसा सभी मनुष्य में नही होता लगभग १० से २० प्रतिशत मनुष्य में ऐसा हो जाता है । ऐसे रोगियों की नाक
, हाथ , उंगलियाँ और पैरों की उंगलियाँ गलने लगती है । इन्हे पहले सबसे अलग रोग की श्रेंणी में रखा जाता था और इनका इलाज सम्भव नही था । लेकिन अब इन रोगों का इलाज सम्भव हो गया है ।
यह रोग ज्यादातर गरीब लोगों में पाया जाता है क्योंकि इन लोगों के पास कोई सुविधा नही होती और ये लोग हर चीज से अनजान होते है । यह रोग मनुष्य की लापरवाही के कारण और अपने शरीर को स्वस्थ न रखने के कारण हो जाता है । परन्तु यह रोग पीढ़ी दर पीढ़ी नही होता और न ही संक्रमण होता है । इस रोग को फैलाने वाले बैक्टीरिया को दण्डाणु कहते है । ये दण्डाणु शरीर के अंग से निकलते रहते है । मनुष्य के शरीर में इस रोग को फैलाने वाले ये दण्डाणु शरीर के अंदर जाने के कई महीने बाद इसके लक्षण दिखाई देते है । इस रोग के दण्डाणु शरीर की त्वचा की ग्रंथियों , रक्त , नाड़ियों, यकृत , प्लीहा इत्यादि के अंदर रहकर रोगी के अंदर के अंगो को ख़राब कर देते है । और धीरे -धीरे ये रोग शरीर में कोढ़ का रूप ले लेती है ।
इस रोग की शरुआत मनुष्य के शरीर में इस प्रकार होती है । की मानव के माँस - पेशियों में दर्द होना शुरू हो जाता है । और रोगी को बुखार होने लगता है । मानव के शरीर में खुजली तथा त्वचा पर चिकनाहट आने लगती है और धुप में ज्यादा काम करने से शरीर की त्वचा में जलन होने लगती है । जिससे त्वचा सुन हो जाती है । और त्वचा पर लाल
-लाल चकते हो जाते है । तथा उनमे से मवाद निकलने लगता है । और शरीर के किसी भी हिस्से जैसे नाक
, गले , तथा चहरे आदि स्थानों पर गाँठे बन जाती है । और उस स्थान पर जहां पर गाँठ बनी होती है वहां पर छूने में कुछ पता नही चलता । इसलिए इस रोग को बढ़ने से पहले इसका उपचार समय रहते ही करना चाहिए । इसका उपचार हम अपने हाथ से बनाई जाने वाली ओैषधि से किया जा सकता है । इसका उपचार इस प्रकार है ।
Leprosy Treatment at Home , कोढ़ का उपचार , kusth Rog Ka Illaj Upchaar |
उपचार :-
कोढ़ या कुष्ट रोग को दूर करने के लिए नीम की पत्तियां बहुत ही उपयोगी माना जाता है । नीम की कोमल पत्तियों का रस निकालकर इस रस को लगातार ३ सप्ताह तक पीने से यह रोग ठीक हो जायेगा । और अधिक लाभ पाने के लिए रोगी को नीम के तेल की रोग वाले स्थान पर लगाने से यह रोग जल्दी ठीक हो जाता है । या फिर नीम और लाल मोगरा नामक तेल इन दोनों को मिलाकर रोग वाले स्थान पर लगातार लगाने से ये कुष्ट रोग ठीक हो जाता है ।
कुष्ट रोगियों के लिए लहसुन का रस भी उपयोग का रस निकालकर रोगी को देने से इस बीमारी में अधिक लाभ मिलता है । और अगर रोगी को आँवले को पीसकर इसका चूर्ण बना कर खिलाने से या रोगी को आँवले का रस निकालकर देने से इस बीमारी से जल्दी छुटकारा मिल जाता है । जिस भी मनुष्य को कुष्ट या कोढ़ जैसी बीमारी है । उन मनुष्यों को जिमिकन्द की सब्जी लगातार खिलाने से इस रोग में बहुत ही आराम मिलता है ।
कुष्ट या कोढ़ रोग को रोकने के लिए मानव को कटेले का रस निकालकर एक कप में भरकर इसमें एक चम्मच नींबू का रस मिलाकर
बिना कुछ खाए इसका सेवन आराम आराम से चाय के भाती पीना चाहिए । इस रस को कम से कम ४ से ६ महीने तक करने से इस रोग को बढ़ने से रोक जा सकता है । ऐसे मनुष्य जिनको कुष्ट या कोढ़ का रोग है उन व्यक्तियों को नीम के पेड़ के नीचे बैठकर आराम करना चाहिए । और जहां पर कुष्ट या कोढ़ रोगियों का आश्रम है वहां पर नीम के पेड़ ज्यादा से ज्यादा लगाने से पर्यावरण को दूषित होने से रोक जा सकता है । इसलिए मनुष्य को इस रोग का उपचार हमारी बताई गई विधि के अनुसार समय पर करने से इस रोग से जल्दी छुटकारा मिल जाता है । और मनुष्य शारीरिक रूप से बिल्कुल स्वाथ्य हो जाता है ।
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