सफेद दाग या ल्युकोडर्मा
सफेद दाग या ल्युकोडर्मा का मानव के किसी भी हिस्से में हो जाता है । पर यह रोग ज्यादातर मानव के चहरे पर पाया जाता है । ये रोग मानव के शरीर में लीवर ख़राब होने के कारण या फिर लीवर में कुछ कमी होने के कारण हो जाता है । इस रोग में मवाद कम निकलता है पर रोग वाले स्थान पर सफेद दाग या वह स्थान अलग सा दिखाई देने लगता है । और त्वचा बिल्कुल बेकार दिखाई देने लगती है । यह रोग शारीरिक रूप से इतना परेशान करने वाला नही है परन्तु मानसिक रूप से अधिक परेशान करता है । यह बीमारी जन्म से ही नही होती बल्कि आज के खान - पान से हो जाती है इस बीमारी को हमारे आयुर्वेद में कुष्ठ का नाम दिया गया है ।
ल्युकोडर्मा की बीमारी को ही कुष्ठ कहते है । पर कई अनजान मानव इस बीमारी को कोढ़ की बीमारी समझते है लेकिन कुष्ठ रोग का कोढ़ से कोई संबध नही है । यह कुष्ठ रोग कई मनुष्यों की शादी होने के कारण भी हो जाती है । यह रोग कभी - कभी खानदानी रूप भी ले लेता है
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सफेद दागों का समय पर उपचार न करने पर ये रोग और ज्यादा बढ़ जाता है तथा ये दाग लाल से होकर भूरे रंग के हो जाते है । और ये छोटे - छोटे दाने का रूप ले लेते है इन दानो में पानी सा निकलने लगता है तथा बहुत खाज खुजली होने लगती है । खुजली करने से रोग वाले स्थान पर जलन होना शुरू हो जाती है । यह रोग अगर जोड़ों की त्वचा और श्लेष्मा झिल्ली पर पाया जाता है तो इसका इलाज थोड़ा मुश्किल हो जाता है पर इस रोग का समय पर और आयुर्वेद के बताये गई विधियों के अनुसार किया जाये तो ये सफेद दाग की समस्या दूर हो जाती है । इस बीमारी का इलाज इस प्रकार है ।
Safed Daag or White Spot Treatment |
ईलाज :-
1.सफेद दाग को दूर करने के लिए कुटज के पेड़ की छाल को पीसकर इसका चूर्ण बनाकर एक छोटा चम्मच प्रतिदिन सुबह - दोपहर और शाम इसका सेवन करे । या फिर पेट साफ करने वाली दवाई का भी प्रयोग कर सकते है ।
2. ल्युकोडर्मा जैसी बीमारी को ठीक करने के लिए भल्लातक (भिलावा) जैसी औषधि का उपयोग अवलेह बनाकर रोगी को एक चम्मच सुबह- शाम देना चहिये ।
3. सफेद दाग को ठीक करने के लिए बकुची (बावची) नामक औषधि का उपयोग सबसे लाभदायक माना जाता है । बकुची नामक औषधि को आयुर्वेद और एलोपैथी दोनों में ही सबसे उत्तम माना जाता है । इस रोग को जल्दी ठीक करने बकुची का पेस्ट भी इस्तेमाल करने से और अधिक लाभ मिलता है । और रबदिर (खैर)
और आँवले का चूर्ण बनाकर एक काढ़े में मिलाकर रोगी को खिलाने से सफेद दागों में काफी आराम मिलता है । अगर इससे बना चूर्ण रोगी को १/२ चम्मच सुबह -शाम सेवन कराने से भी यह रोग दूर हो जाता है ।
Lyukoderma Treatment |
4. ल्युकोडर्मा या सफेद दाग़ जैसी बीमारी को दूर करने के लिए
"आरोग्य वर्धनी वटी " औषधि का सेवन भी बहुत ही लाभकारी होता है । इसका उपयोग ४-४ गोलियाँ एक दिन में यानि सुबह दोपहर और शाम का सेवन करने से अधिक लाभ मिलता है ।
नोट :- ये बीमारी ज्यादातर उन्ही लोगों में पाई जाती है जिनकी पाचन क्रिया सही काम नही करती । इसलिए ऐसे रोगियों को कड़वी सब्जी करेला जैसी सब्जियों का सेवन अघिक करना चाहिए । कड़वे स्वाद वाले पदार्थ अघिक लाभदायक होते है । और ऐसे मनुष्य जिनको इस बीमारी की शिकायत है उन्हें नमक कम खाना चाहिए । तथा चटपटी चीजो व मसाले से बनी सब्जियों को नही खाना चाहिए । अगर रोगी हमारी बताए गई चीजों का जितना परहेज करेगा औषधि उतनी ही जल्दी बीमारी को ठीक करने में अपना रंग दिखाएगी |
अनचाहे बालों का समाधान
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सर मेरे को सोरासिस व मेरे सरपर ओर सरीर पर पुरा फेला हुआ है ओर बोहत जादा खाज आ रही है आप इसका इलाज बताए रमजान
ReplyDeleteसर मेरे को सोरासिस व मेरे सरपर ओर सरीर पर पुरा फेला हुआ है ओर बोहत जादा खाज आ रही है आप इसका इलाज बताए रमजान
ReplyDeleteसर मेरे को सोरासिस व मेरे सरपर ओर सरीर पर पुरा फेला हुआ है ओर बोहत जादा खाज आ रही है आप इसका इलाज बताए रमजान
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