श्वेत दाग :-
श्वेत दाग अर्थात ल्यूकोडर्मा. ल्यूकोडर्मा शब्द डॉक्टरी भाषा में प्रयोग किया
जाता है. हमारी त्वचा में मेलोनिन तत्व
मौजूद होता है. जब हमारी त्वचा के हिस्से में से यह तत्व नष्ट हो जाता है तब हमारी
त्वचा का वह हिस्सा श्वेत (सफेद) पड़ जाता है. इन धब्बों का सम्बन्ध हमारी त्वचा के
रंग पर निर्भर करता सांवली रंग की त्वचा में मेलोनिन तत्व अधिक मात्रा में होता है
जिसके कारण अपेक्षाकृत धब्बे अधिक होते है. श्वेत दागों का होना कोई छूत का रोग
नहीं है और न ही यह कोई वंशानुगत रोग है. यह बीमारी सरीर में किसी प्रकार का कष्ट
नहीं देती बल्कि केवल मानसिक पीड़ा ही देता है. यह रोग पिगमेंट मेलानिन तत्व की कमी
के कारण होता है जो बॉडी की त्वचा को नेचुरल कलर देता है .
श्वेत दागों को से छुटकारा
पाने के लिए डॉक्टर दाग के चारों ओर कार्बोलिक एसिड का घोल लगाने का परामर्श देते
है. इसके अलावा आप आयुर्वेदिक उपायों का इस्तेमाल करके भी श्वेत दाग को दूर कर
सकते है. आयुर्वेद में बावर्ची के तेल से मालिश करने का सुझाव दिया जाता है. इसके
नियमित मालिश के फलस्वरूप कई बार दाग-दार त्वचा धीरे-धीरे सामान्य त्वचा का रूप
लेने लगती है. बावर्ची के तेल से मालिश एक कारगर उपाय है. इसके अलावा प्राक्रतिक
चिकित्सा द्वारा भी श्वेत दागों को दूर कर सकती है परन्तु प्राक्रतिक चिकित्सा
अपेक्षाकृत महंगी होती है.
चिकित्सा के अलावा आप
श्रृंगार द्वारा भी इन धब्बों को अस्थाई रूप से छिपाया जा सकता है. इसके लिए सबसे
पहले त्वचा को भली प्रकार स्वच्छ कर लें. इसके बाद फाउंडेशन का प्रयोग करें,
परन्तु इस बात का ध्यान अवश्य रखे कि फाउंडेशन का रंग आपकी त्वचा के रंग से थोडा
गहरा हो. तत्पश्चात फेस पाउडर लगाकर रुज कर लें. इसके अलावा रात्रि में सोने से
पहले श्रृंगार को पूरी तरह से साफ़ करके कैलामाइन लोशन लगाने से विशेष लाभ होगा.
आयुर्वेदिक और घरेलु नुस्खे
1 . १/२ किलोग्राम हल्दी को
को ६ लीटर पानी में उबाले, जब पानी आधा रह जाये तो इसको ठंडा कर ले और १/२ KG
सरसों का तेल मिलाकर इसको दोबारा से गर्म करे , जब केवल तेल रह जाये तब इस तैयार तैलीय मिश्रण को एक शीशी में बंद करके रख
ले और सफेद दाग पर लगाये, ऐसा करने से 4
से 5 माह में सफ़ेद दाग खत्म हो जायेगा.
2 . बाबची के बीज को २ दिन
तक पानी में भिगोकर रखे , फिर बाद में इसके छिलके को उतार कर छाया में सुखाकर इसका
चूर्ण बना ले , इस पाउडर को स्वेत दाग पर भी लगा सकते है और १ ग्राम की मात्रा को एक
गिलास दूध के साथ प्रतिदिन लेने से रोगी को लाभ मिलेगा,
3 . थोड़ी सी लाल मिटटी लेकर
इसमें अदरक का रस मिलाकर इसका लेप बना ले और पीड़ित त्वचा पर लगाये , इससे भी रोगी
को नार्मल और सामान्य त्वचा मिलने में आसानी होगी,
4 . ताम्बे के गिलास में रखा
पानी प्रतिदिन सुबह उठकर पीये, ऐसा करने से आपको बहुत लाभ मिलेगा, कब्ज न होने दे
,
लेकिन कोई भी दवा लेने से पहले अपने नजदीकी चिकित्सक से जरूर सलाह करे , चिकित्सक से सलाह करने से आपको अपने सरीर की जरुरत के अनुसार ही दवा लेनी चाहिए,
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