घेंघा का रोग :-
यह रोग अवटुग्रन्थि से जुडी हुई होती है | यह हमारे शरीर
की सबसे छोटी ग्रन्थि होती है | जो तिल्ली के आकार की और गर्दन के बीच में होती है
| इसका मुख्य काम होता है , कि शरीर के उपापचय ( कोशिकाओं की दर जिससे वह जीवित
रहने के लिए जरूरी काम करते है |)को नियंत्रित करता है | उपापचय को नियंत्रित करने
के लिए अवटु ग्रन्थि हार्मोन्स बनाता है | यह हमारे शरीर की कोशिकाओं को यह बताता
है कि कितनी उर्जा का उपयोग किया जाना चाहिए | यदि यह ग्रन्थि अपना काम सही तरीके
से करते है , तो हार्मोन्स सही मात्रा में बन रहेगा | जैसे – जैसे हार्मोन्स का
उपयोग होता है , वह अवटु ग्रन्थि की प्रतिस्थापना होती है |
Mahilaon Ko Yah Rog Kis Samy Gherta Hai, |
अवटु ग्रन्थि बिमारी के कई कराण होते
है |
इस रोग मे ग्रन्थि सुज जाती है |
इसके आलावा हरमोनस जरुरत से कम हो जाती है | यह एक इमयुन प्रणाली की बीमारी होती है | इस रोग में दर्द
नही होता | इसके आलावा यह एक वंशानुगत बीमारी होती है |
कई बार यह रोग महिला
के प्रसव के बाद हो जाता है | ऐसा लगभग 5 से 9% महिलाओं में देखा गया है |
आयोडीन की कमी से
लोगो को यह समस्या हो जाती है | यह समस्या संसार के लगभग एक करोड़ लोगो में पाया
गया है | अवटु ग्रन्थि आयोडीन का उपयोग हार्मोन्स बनाने के लिए करता है |
इस रोग का कुप्रभाव
लगभग 4000 नवजात बच्चों में से किसी एक में पाया जाता है | यदि इस बीमारी का इलाज
समय पर नही किया गया तो , बच्चा मानसिक और शरीरिक रूप से पिछड़ा हुआ हो जाता है |
इस रोग के होने का
कारण निम्नलिखित है |
ग्रेव बीमारी में
पूरा अवटु ग्रन्थि अति सक्रिय हो जाता है | और अधिक हार्मोन्स बनने लगता है | इसके
आलावा हमारे शरीर की नोड्युल्स अवटु ग्रन्थि में भी अति सक्रिय हो जाती है |
थायरोईड एक ऐसी
बीमारी है | जिसमे व्यक्ति को दर्द
का अनुभव नही होता | या ये भी हो सकता है कि
अवटु ग्रन्थि में रखे गए हार्मोन्स निर्मुक्त हो जाये | जिससे कुछ महीनों या कुछ
सप्ताह के लिए यह बीमारी हो जाएँ | दर्द रहित थायरोइड अधिकतर प्रसव के बाद महिलाओं
में पाया जाता है | जरूरत से अधिक आयोडीन कई औषधियों में पाया जाता है | जिससे किसी न किसी अवटु ग्रन्थि या तो बहुत
अधिक या फिर बहुत ही कम हार्मोन्स बनाने लगती है |
Shrir Ki Koun Si Garnthi Mein Ghengha Hota hai |
हाइपोथायरोडीजम या
हाइपरथायरोडीजम के लक्षण क्या – क्या होते है | इन दोनों में से सबसे पहले बात
करते है हाइपोथायराइडिज्म के लक्षणों के बारे में जानकारी हासिल करते है |
काम करते समय थकावट
महसूस करना |
हमेशा जरूरत से अधिक
मासिक धर्म होना और अधिक मासिक धर्म होना |
शरीर के वजन का बढ़ना
|
याददास्त का कमजोर
होना |
सुखी और रुखी स्किन
और बालों का होना |
बोली में कडवट आना |
अधिक सर्दी को सहन
नही कर पाना |
हाइपरथायरोदीजम के
निम्नलिखित होते है |
इस रोग में व्यक्ति
के शरीर का वजन कम होता चला जाता है |
इस रोग से पीड़ित
व्यक्ति को मांस पेशियों में कमजोरी आ जाती है या हमेशा कापनी होती रहती है |
जो लोग इस रोग से
पीड़ित होते है | उन्हें मासिक धर्म कम होता है | या कई बार होता ही नही है |
जिन व्यक्तियों को
यह परेशानी होती है वह व्यक्ति हमेशा चिड -चिडेपन में रहता है |
थायरोइड के रोगियों
को नींद भी ठीक से नही आती है |
थायरोइड के रोगीयों की
अवटुग्रथि भी आधिक बढ़ जाती है |तथा उनके आखों में भी समस्या होती है |तथा उनकी
आखों में भी जलन होता है |
Thayroid Kitne Trh Ka Hota Hai, |
थायरोइड के व्यक्ति
गर्मी के प्रति अधिक संवेदनशील होते है |
अगर आप को अवटुग्रथी के
रोग के बारे में आप को जल्दी पता चल जाता है |तो आपको लक्षण के दिखने से पहले इलाज
करके आप इस रोग से बच सकते है |यह अवटु ग्रथी जीवन भर रहता है |अगर ध्यान से इस
प्रबधन से अवटुग्रथि के रोगी अपना जीवन आसानी से स्वस्थ तथा सामान्य तरीके से जी
सकते है|
घेंघा रोग
कैसे होता है ,Ghengha rog
kaese hota hai , Shrir Ki Koun Si Garnthi Mein Ghengha Hota Hai , Mahilaon Ko Yah Rog Kis Samy Gherta Hai , Thayroid Kitne Trh Ka Hota Hai , Unke Kya Lakshn Hai , In Bimari Ke Upchar Ka Trika |
No comments:
Post a Comment