डब्बा रोग
यह रोग बच्चों में पाया जाता है. बच्चा बहुत छोटा हो ,उसे
कफ और सर्दी ज्यादा हो गया हो , और
उसे कोई दवाई न दी जा सकती हो तो ऐसी अवस्था में आक के पौधे की रुई से तैयार की गये गद्दे और तकिये पर लिटाने से बच्चे की सर्दी और जुकाम की शिकायत दूर हो जाती है ।
आक
के पौधे के पत्तो का रस निकाल ले । पत्तों को साफ़ करके उनका
रस निकाले । इस रस की १० -१२
बून्द ले इसमें ३० मिलीग्राम सेंधा नमक मिलाकर बच्चे की माँ को पिला दे। इससे जब वो स्तनपान करवाएगी तो बच्चे को
लाभ मिलेगा। इस
उपयोग से उलटी - दस्त
बंद हो जाता है ।
यदि पेट में उफारा
आता हो तो आक के पत्तो पर तेल लगाकर पेट को सेके | इससे
पेट की तकलीफो से छुटकारा मिल जाता है साथ ही साथ डब्बा रोग भी ठीक हो जाता है| यदि बच्चा अधिक छोटा है तो डॉक्टर ( BAMS ) से कंसल्ट
करके दवाई दे |
dabba rog bacchon ki bimari hai , is bimari mein chhote bacchon ke pet mein ufara aa jaata hai, dabba ki bimari ka prakartik tareeke se ilaj kiya ja sakta hai , aak ke paaton ka saath tel se halki halki sikari karne se is rog se nijat paai ja sakti hai ,is rog se bachne ke liye maa ko apne baccho ke liye kam se kam do teen saal tak jaroor stan paan karwana chahiye,
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