पारे
के
जहर
और
स्थावर
विष
के
लिए
स्थावर : - आक के पौधे की जड़ को ठन्डे पानी में रगड़ कर एक दिन में तीन - चार
पिए ।
पारे :- आक के पौधे की लकड़ी को जला ले और इससे बने कोयले
में बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर पीस लें । इस बने हुए चूर्ण की ६-७
ग्राम की मात्रा को रोजाना खाए इससे शरीर का रुका हुआ पारा पेशाब के द्वारा निकल जाता है ।
aak ki jad |
आक
की जड़ को चूर्ण बनाने की विधि : - how to make madar root power
आक
के पौधे की जड़ ले और इसे पानी के साथ अच्छे से साफ कर ले । अब इस जड़ को छाया में तब तक सुखाये कि जब तक इसका दूध सुख न जाये । सूखे हुए जड़ कि छाल को अलग कर ले फिर इसे सुखाकर बारीक़ करके पीस कर किसी बोतल में भर कर रख दें । ये दवाई बुखार , अतिसार , चर्म रोग , जलोदर , और कुष्ठ जैसी बीमारियो के लिए प्रयोग में लाई जाती है ।
पारे के जहर व स्थावर विष को ठीक करने की दवाई, Paara or Sthavar Vish Treatment |
हानि :- आक का पौधा बहुत जहरीला होता है । इसके दूध का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए । इसके अधिक सेवन करने से उल्टी- दस्त
हो जाते है और मनुष्य की मृत्यु भी हो जाती है । इसलिए इसका उपयोग सही ढंग से और सावधानीपूर्वक करना चाहिए ।
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