महावीररासन
इस आसन का नाम है महावीररासन, इसके नाम से ही पता चल रहा है कि इस आसन को
प्रयोग करते समय आपके शरीर की आकृति एक बलपूर्वक मनुष्य की तरह दिखाई देने लगती है
इसलिए इसे महावीररासन कहा जाता है. तो आइये जानते है महावीररासन की विधि के बारें
में:-
विधि-(1).सबसे पहले समतल जमीन पर बिल्कुल सीधे खड़े हो जाये.
(2).अब अपनी क्षमता के अनुसार अपने एक पैर को आगे की ओर लाते हुए घुटने से
मोड़कर खड़े हो जाए व अपने दूसरे पैर के घुटने को पीछे की तरफ मोडकर रखें. इस बात का
ध्यान रखें कि आपके पैर जमीन से होने चाहिये.
(3).अब अपनी दोनों हाथों की मुट्ठियों को बंद करके नीचे दिखाए गए चित्र के
अनुसार ऊपर की ओर उठाये.
(4).अपने मुंह को बंद रखते हुए अपनी नाक से श्वांस लेते रहें और क्रिया खत्म
हो जाने पर श्वांस बाहर निकल दें.
(5).इस आसन को करते समय अपने शरीर को बिल्कुल तान कर रखें और अपने पैरों की
स्थिति बदलते हुए अपने शरीर को घुटनों पर ढीला छोड़ दें. छाती को इस तरह तान ले
ताकि खून चेहरे पर उतर आये.
लाभ –इस आसन का प्रयोग करने से आपके हाथ और पैर दोनों ही मजबूत व ताकतवर
बनेगें.
2.ये आसन फेफड़ों के लिए अधिक लाभदायक है तथा इसको करने से शरीर में बल उत्पन्न
होता है.
3.ये आसन मोटापे को कम कर देता है अथवा बढ़ा हुआ पेट भी कम हो जाता है तथा कमर
पतली हो जाती है जिससे मनुष्य के शरीर की सुन्दरता बढ़ जाती है.
4.ये आसन आलस्य को दूर करके शरीर में फुर्ती पैदा कर देता है अथवा शरीर फुर्ती
से कार्य करने लगता है.
5.ये आसन पाचन तन्त्र और आमाशय दोनों को ही लाभ पहुचंता है साथ ही हमारे साहस
और धैर्य को भी बढ़ाता है.
6.यह आसन किसी भी मनुष्य के लिए हानिकारक नहीं होते है बल्कि हर मनुष्य के
शरीर के लिए लाभदायक होते है. इसलिए इसका प्रयोग अवश्य करके देखें.
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