जटिल बिमारियों की चिकित्सा

आयुर्वेदिक तरीके से मुश्किल 
 जटिल और जीर्ण बिमारियों की चिकित्सा

आयुर्वेद के द्वारा चिकित्सा करना हमारे देश  की बहुत पुरानी परम्परा है | इस चिकित्सा में आयुर्वेदिक औषधियों का प्रयोग किया जाता है इन औशधि का परिक्षण हमारे पुराने ऋषि – मुनियों के द्वारा  किया गया है | और यह साबित हो चुका है कि आयुर्वेदिक ढंग से चिकित्सा करवाने में किसी भी प्रकार का नुक्सान नहीं होता | हमारे पूर्वज ऋषि – मुनियों के द्वारा बनाई हुई इस परम्परा को हम लोगों तक पहुंचा रहे है ताकि उन्हें निरोगी काया प्राप्त हो और उनके जीवन में खुशियों और स्वास्थ्य की वृद्धि हो | हमे इस बात की खुशी है की लाखों , करोड़ो लोगों तक हमारी इस चिकित्सा पद्दति को पँहुचाया जा रहा है | और इसका प्रयोग करके लोग अपनी बीमारियों से छुटकारा पा रहे है | प्राकृतिक चिकित्सा के अतिरिक्त हमे कुछ प्रभावित करने वाले आसनों और प्रणायाम का भी प्रयोग करना चाहिए |

हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले रोग निम्मिन्लिखित है :-

दिल की परेशानी , फुफ्फुस , रसवाही , और धमनिया ,हिक्का , श्वास , कास , पाशर्वशूल , राज यक्ष्मा क्षतक्षीण , स्वर भेद , हृदय रोग आदि |

प्राकृतिक चिकित्सा करने से पहले चिकित्सक पीड़ित व्यक्ति की स्थिति को समझता है और फिर उसका इलाज करना आरम्भ करता है | किसी भी रोगी को औषधि का सेवन करने से गर्मी महसूस होती है या उसे दस्त हो जाते है तो ऐसी अवस्था में औशधि की मात्रा कम कर दे | यदि रोग तीव्रता और जीर्णता तो इस बीमारी के साथ और अनेक बीमारी  और हो जाती है | इस अवस्था में  चिकित्सक को बड़ी ही सावधानी से इलाज करना चाहिए |

श्वास कास
श्वास कास

श्वास कास , जीर्ण , प्रतिश्याय , और साइनस की बीमारी की चिकित्सा :-

श्वाश्सरी  क्वाथ        :-   २०० ग्राम
मुलेठी क्वाथ           :-   १०० ग्राम

इन दोनों औषधियों को आपस में मिलाकर एक चम्मच की मात्रा को पानी की लगभग ४०० मिलीग्राम की मात्रा में मिलाकर इसे धीमी – धीमी आंच पर पकाए | पकते – पकते जब पानी की मात्रा १०० मिली लिटिर रह जाए तो इसे किसी सूती कपडे से छानकर किसी बर्तन में रख ले | इस तैयार पानी को सुबह के समय खाली पेट पीये और रात के समय खाना खाने के बाद पीये | शरीर को बहुत फायदा मिलता है |

२  श्वासारी रस     :-   २० ग्राम
   अभ्रक भस्म     :- ०५  ग्राम
   प्रवाल पिष्टी     :- १० ग्राम
   त्रिकटु  चूरण    :-  १० ग्राम
   सितोपलादि  चूरण  :-  २५ ग्राम

इन सभी औशधियों को आपस में मिलाकर इस मिक्सर की बराबर मात्रा की ६० पुडिया बना ले | और इन पुडिया को किसी डिब्बे में बंद करके रख दे | रोजाना इन में एक पुडिया सुबह खाना खाने के बाद और रात के समय खाना खाने से आधा घंटा पहले खाए | इस औशधि को पानी , शहद या फिर गाय के दूध से निकली मलाई के दवारा सेवन करे | इस प्रयोग को करने से सांस की बीमारी में बहुत फायदा मिलता है |

. लक्ष्मी विलास रस :-      ४० ग्राम
संजीवनी  वटी      :-       ४० ग्राम

इन दोनों औषधियों की छोटी – छोटी गोलियां बनाकर रोजाना एक गोली दिन में तीन बार खाए | सुबह नाश्ते , दोपहर और रात को खाना खाने के बाद खाए | इन गोलियों को हल्के गर्म पानी में या हल्दी में मिलाकर या गाय के दूध के साथ खाए |
प्रतिश्याय , जुकाम
प्रतिश्याय , जुकाम

विशेष बात : ध्यान रखने योग्य बातें  

  १. जिन व्यक्तियों को जीर्ण का रोग है उन व्यक्तियों को एक महीने की दवाई में स्वर्णबसंत मालती रस की मात्रा २ स्व ३ ग्राम मिलाकर खाने से बहुत लाभ मिलता है |
  
  २. क्षतक्षीण के रोगी को कहरवापिष्टी की ५ से १० ग्राम की मात्रा को औषधियों में मिलाकर खाने से लाभ मिलता है |
  
  ३. यदि किसी रोगी को श्वास कास के साथ सरीर की कमजोरी भी महसूस होती है तो शिलाजीत रसायन वटी की एक एक गोली सुबह और शाम गुनगुने दूध से खाए | विशेष लाभ मिलता है |

  ४. किसी भी आयुर्वेदिक कंपनी का बाम छाती में लगाने से आपको राहत मिलेगी |

  ५. षडबिंदु तेल के नाक के द्वारा सूघने से भी फायदा मिलता है |
धुम्रपान अनेकों बीमारियों को जन्म देता है
धुम्रपान अनेकों बीमारियों को जन्म देता है 
परहेज :- इन आयुर्वेदिक औषधियों का इस्तेमाल करते समय हमें कुछ खाने पीने की वस्तुओं का परहेज रखना होगा

 जैसे :- 
घी , तेल , खटी वस्तुएँ , केला , दही , आइसक्रीम , आदि ठंडी वस्तुओं का उपयोग नहीं करा चाहिए | पानी हल्का गुनगुना पीना चाहिए |

No comments:

Post a Comment


http://ayurvedhome.blogspot.in/2015/09/pet-ke-keede-ka-ilaj-in-hindi.html







http://ayurvedhome.blogspot.in/2015/08/manicure-at-home-in-hindi.html




http://ayurvedhome.blogspot.in/2015/11/importance-of-sex-education-in-family.html



http://ayurvedhome.blogspot.in/2015/10/how-to-impress-boy-in-hindi.html


http://ayurvedhome.blogspot.in/2015/10/how-to-impress-girl-in-hindi.html


http://ayurvedhome.blogspot.in/2015/10/joint-pain-ka-ilaj_14.html





http://ayurvedhome.blogspot.in/2015/09/jhaai-or-pigmentation.html



अपनी बीमारी का फ्री समाधान पाने के लिए और आचार्य जी से बात करने के लिए सीधे कमेंट करे ।

अपनी बीमारी कमेंट करे और फ्री समाधान पाये

|| आयुर्वेद हमारे ऋषियों की प्राचीन धरोहर ॥

अलर्जी , दाद , खाज व खुजली का घरेलु इलाज और दवा बनाने की विधि हेतु विडियो देखे

Allergy , Ring Worm, Itching Home Remedy

Home Remedy for Allergy , Itching or Ring worm,

अलर्जी , दाद , खाज व खुजली का घरेलु इलाज और दवा बनाने की विधि हेतु विडियो देखे

Click on Below Given link to see video for Treatment of Diabetes

Allergy , Ring Worm, Itching Home Remedy

Home Remedy for Diabetes or Madhumeh or Sugar,

मधुमेह , डायबिटीज और sugar का घरेलु इलाज और दवा बनाने की विधि हेतु विडियो देखे