सूजाक रोग का उपचार
सूजाक रोग एक ऐसा रोग हैं जो व्यक्ति के गुप्तांगों में
विशेष रूप से होता हैं. इसलिए इसे यौन संचारित रोग भी कहा जाता हैं. यह रोग नेइसेरिया
गोनोरी नामक जीवाणु के द्वारा फैलता हैं. यह जीवाणु
अधिकतर महिलाओं और पुरुषों के शरीर के नर्म और गर्म भाग में होता हैं. जैसे आमतौर
पर यह रोग महिलाओं के गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब में तथा पुरुषों के मूत्रमार्ग
आदि में हो जाता हैं. सूजाक रोग को गोनोरिया तथा प्रमेह नाम से भी जाना जाता हैं.
क्योंकि यह एक यौन संचारित रोग हैं इस लिए इस रोग की शुरुआत व्यक्ति में ३० उम्र
से भी कम समय में ही हो जाती हैं, और इसलिए इस बीमारी के शिकार अधिकतर युवा पीढ़ी
ही होती हैं.
सूजाक रोग से छुटकारा कैसे पायें |
सूजाक रोग के लक्षण
पुरुषों में इस बीमारी के निम्नलिखित लक्षण
पायें जाते हैं.
१.
इस बीमारी से जब कोई पुरुष पीड़ित
होता हैं तो उसके अंडकोष में सूजन आ जाती हैं.
२.
इसके अतिरिक्त पुरुष के लिंग में
से सफेद गाढे तरल पदार्थ का स्राव होने लता हैं.
३.
पेशाब के दौरान दर्द होता हैं.
महिलाओं में इस बीमारी के निम्नलिखित लक्षण
पायें जाते हैं.
१.
इस बीमारी से ग्रस्त होने पर महिला
की योनी से भी तरल पदार्थ का स्राव होने लगता हैं.
२.
उनके पेशाब में जलन होने लगती हैं.
३.
मासिक धर्म के दौरान रक्तस्राव
अधिक होता हैं.
४.
यदि किसी महिला को यह रोग हैं और
वह गर्भवती भी हैं तो यह रोग उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को भी हो सकता हैं.
इस रोग की पहचान कैसे करें
१.
इस रोग के लक्षण यदि आपको नजर आते
हैं तो इसके लिए आप अपने मूत्र के नमूने को जांच के लिए देकर इसके जीवाणुओं की
पहचान कर सकते हैं.
२.
सूजाक रोग की पहचान आप अपने
गुप्तांगों की जांच कराकर भी कर सकते हैं.
सूजाक रोग होने के कारण
१.
एक से अधिक साथी के साथ यौन
सम्बन्ध बनाने के कारण यह रोग हो सकता हैं.
२.
अगर आप सम्भोग के दौरान कंडोम का
प्रयोग नही करते हैं तो भी इस रोग के होने की सम्भावना बनी रहती हैं.
सूजाक रोग हेतु घरेलू उपचार
१.
केला –
इस रोग से मुक्ति पाने के लिए १५ ग्राम पके हुए केले के फूल लें और उन्हें सुखा
दें. इसके बाद फूल का चूर्ण तैयार कर लें और इसमें १५ ग्राम कलमी शोरा तथा डेढ़ लीटर
पानी डालें. अब इस मिश्रण को रातभर एक
मिटटी के बर्तन में भरकर रख दें. अगले दिन इस मिश्रण को दूध में मिलाकर पूरे दिन
इसका थोड़ी – थोड़ी मात्रा में सेवन करें. यदि आप इस उपाय को निरंतर करते रहते हैं
तो आपको कुछ ही समय में इस रोग से छुटकारा मिल जाएगा.
२.
तरबूज –
तरबूज भी इस रोग के निदान हेतु बहुत ही उत्तम साबित होता हैं. इसके लिए एक तरबूज
लें और उसके ऊपर के कठोर हिस्से को काटकर अलग कर दें. इसके बाद ८ ग्राम कलमी शोरा
लें और इसमें ६० ग्राम पीसी हुई मिश्री मिला लें. अब तरबूज को रात को किसी बर्तन
से ढककर रख दें और अगले दिन इस तरबूज का रस निकालकर इस रस का सेवन करें. आपको जल्द
ही रोग से मुक्ति मिल जायेगी.
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३.
खरबूज –
प्रमेह रोग के निदान हेतु आप खरबूज के बीजों का भी उपयोग कर सकते हैं. इसके लिए
खरबूज के बीजों को छील लें और इन्हें अच्छी तरह से पीस लें. इसके बाद पीसे हुए बीज
के मिश्रण को पानी में मिला लें और इसमें कम से कम १० से १२ बूंद चन्दन के तेल की
डालें और इसके पश्चात् इस पानी का सेवन करें. यह उपाय करने से भी आपको इस रोग में
काफी आराम मिलेगा.
४.
खीरे –
सूजाक रोग से निजात दिलाने में कलमी शोरा बहुत ही प्रभावी सिद्ध होता हैं. इसलिए
इसका प्रयोग आपको खीरे के साथ भी करना हैं. इसके लिए खीरे का एक गिलास रस लें और
उसमें कलमी शोरा मिलाकर रोजाना पियें. अगर आप रोजाना इस रस का सेवन करते हैं तो
आपको इस रोग से मुक्ति अवश्य मिल जायेगी.
५.
बेल – इस
रोग को दूर करने के लिए बेलगिरी लें और उसके गूदे को निकाल लें. अब बेलगिरी के गूदे
को एक गिलास दूध में डालकर घोल लें और इसके बाद दूध को छान लें. अब एक चम्मच चीनी
लें और इसे दूध में घोल लें और अब इस दूध का सेवन कम से कम तीन घंटे के अंतराल पर
करते रहें. आपको काफी लाभ होगा.
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