सुख प्रसव के लिए
अपामार्ग का उपयोग : -
अपामार्ग नामक पौधे की जड़
को उखाड़ ले | इस जड़ को तीन – तीन इंच के टुकड़ों में काट लें | और किसी उनी धागे में अच्छी तरह से बांध कर माला बना लें |
जब स्त्री को प्रसव होने का दर्द शरू हो जाये तो इस माला को स्त्री की कमर मे बांध
दे| ऐसा करने से १० से १५ मिनट में आसानी से प्रसव हो जाता है | यदि इस प्रकार की
विधि से भी प्रसव न हो तो अपामार्ग की जड़
को पीसकर इसका लेप बनाये और इस लेप को नाभि के चारों तरफ और पेडू पर लगायें
| यह एक चमत्कारी योग है |
सावधानियाँ :- १. प्रसव होने के तुरंत बाद ही अपामार्ग के जड
की बनी माला जो कमर में बांधी हुई है उसे तुरंत हटा दे| और यदि लेप लगाया हुआ है
उसे भी हटा दें | अन्यथा हानि हो सकती है |
१.
अपामार्ग की जड़ से या इसकी टहनी के प्रयोग से दातुन करें |
इससे दांत मजबूत होते है और साथ ही साथ पायरिया आदि दांत की और दूसरी बीमारी भी
दूर हो जाती है |
२.
अपामार्ग के पौधे के पत्तो को पीसकर लेप बनाएं | इस लेप को
किसी भी गांठ पर लगाने से पीड़ित व्यक्ति को बहुत लाभ मिलता है |
३.
अपामार्ग के पौधे के बीजों को धूप में सुखा कर इसकी खीर
बनाकर खाने से भस्मक की बीमारी ठीक हो जाती है | जिस रोगी को बहुत भूख लगती
हो, इसकी खीर खाने से भूख पर ( कंट्रोल )
नियन्त्रण कर सकते है |
४.
यदि कोई योगी और महात्मा पुरुष लम्बे समय तक उपवास रखे तो उन्हें
उपवास करने से पहले अपामार्ग के बीज की खीर बनाकर खा लें | इससे उनको भूख नहीं
लगती |
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