यकृत शोथ और यकृत विषमताओं
का ईलाज :-
यह यकृत से सम्बंधित रोग है, यकृत
या लीवर हमारे पाचन तंत्र का अहम भाग है, इसको हम कलेजा भी कहते है , यह एक द्रव को निष्कासित करता है जिसको बाइल या पित भी
कहते है यह तरल पदार्थ भोजन को पचाने में काफी सहायक होता है , यदि लीवर ढंग से
कार्य न करे तो हम बीमार पड़ जाते है .
यकृत रोग का उपचार समय पर करवाना काफी अहम होता है अन्यथा शरीर में कई अन्य
रोग भी पनप जाते है जैसे पीलिया और दिल सम्बन्धी रोग. इस आयुर्वेदिक चिकित्सा इस प्रकार है .
liver rog hindi |
सामाग्री :-
१. सर्वकल्प क्वाथ ( sarvkalp kwath ) :- २०० ग्राम
२. कायाकल्प क्वाथ( kayakalp kwath ) :- १०० ग्राम
इन दोनों औषधियो को आपस में मिलाकर एक मिश्रण बना लें | फिर एक बर्तन में
४०० मिलीलीटर पानी में एक चम्मच औषधि का मिश्रण मिलाकर मंद अग्नि पर पकाए | पक कर
जब इसका पानी १०० ग्राम रह जाए तो इसे
छानकर पी लें | इस उपचार का प्रयोग रोजाना
खाली पेट ही करना चाहिए |
२. प्रवाल पंचामृत( praval panchamrit ):- १० ग्राम
कासीस भस्म ( kaseem bhasma ) :- ५ ग्राम
गिलोय सत ( giloye sat ) :- १० ग्राम
स्वर्ण माक्षिक भस्म(swaran makshik bhasma):- ५ ग्राम
स्वर्णवसंत मालती रस ( swaran sant malti ras ) :- २ ग्राम
ऊपर लिखी हुई सामग्रियों को आपस में मिलाकर एक मिश्रण बना लें | और इस
मिश्रण की एक बराबर की मात्रा की ६० पुड़ियाँ बना लें | रोजाना एक पुड़ियाँ सुबह के
समय और रात के समय खाना खाने के लगभग आधा घंटा पहले ताज़े पानी के साथ या शहद के
साथ खा लें | यकृत से जुडी हुई समस्या दूर हो जाती है
उदरामृत वटी ( udramrit vati ) :- ६० ग्राम
आरोग्यवर्धिनी वटी(aarogyavardhini vati) :- ४० ग्राम
पुनर्नवादी मंडूर( punarnavadi mandoor) :- ४० ग्राम
इन तीनो औषधियों की एक – एक गोली दिन में तीन बार सुबह , दोपहर और शाम को
खाना खाने के आधे घंटे बाद हल्के गर्म पानी के साथ सेवन करने से भी इस बीमारी से
छुटकारा मिल जाता है |
टोटला क्वाथ
(totla kwath) :- एक मिट्टी के बर्तन में एक कप पानी में दो
चम्मच औषधि ( टोटला क्वाथ ) को मिलाकर रात के समय भिगो दें | अगले दिन सुबह उठकर
पानी में भिगोय हुए औषधि को अच्छी तरह मसलकर छानकर खाली पेट पी लें |
इन सभी विधियों का उपयोग करके कोई भी मनुष्य यकृत से जुडी हुई समस्या दूर हो
जायगी
yakrat
sambandhi bimariyon ka ilaj or upchaar samy par hi karwa lena chaiye , ydi in
dwaiyon ko ek mitti ke bartan mein paka kar tyair kar le , ausdhi ko chaan kar
pee le , ausdhi or dwa ko ya to gungune paaani ke saath ya phir taaje paani ke
saath le. adhik garm ya phir adhik thande freeze ke paani se na le.
हेपेटाइटिस बी के रोगियों को कौन कौन सी औषधियों का प्रयोग करना चाहिए? लीवर पर ज्यादा नुक्सान नहीं हुआ है. अल्ट्रासाउंड नोर्मल है. पेशाब कुछ कुछ पीला आता है. भूख भी ठीक ठीक ही लगती है. कृपया इलाज पूर्ण विधि सहित बताये? धन्यवाद
ReplyDeleteपुनर्नवारिष्ट
ReplyDeleteअगर हमें लीवर की कोई बीमारी नहीं है तो सर्वकल्प क्वाथ लेना चाहिए या नहीं अगर लेते है तो कोई साइड इफेक्ट होंगे क्या ?
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