पित्त की पथरी को निकालें घरेलू उपाय से |
कहते है कि पित्त की थैली में होने वाली पथरी को केवल ओपरेशन करके ही बाहर
निकाला जा सकता है | परन्तु ओपरेशन करवाने से पहले कुछ घरेलू तरीके अपनाकर देखें |
हो सकता है कि पथरी गल जाएँ | इससे आपकी सेहत को कोई भी नुकसान नही होगा | घरेलू
उपाय को करने से पथरी तो गलती ही है साथ ही साथ आपकी पाचन शक्ति भी मजबूत बनती है
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Pitt Ki Pathri ko Nikale Ghrelu Upay Se |
पथरी एक ऐसा रोग है जो किसी को भी हो सकती है | चाहे जवान हो या कोई वृद्ध
व्यक्ति | परन्तु महिलाओं में यह रोग पुरुषों की तुलना में अधिक होता है | पथरी के
होने के क्या कारण है :- मानव का पित्त लीवर में बनता है | जो मनुष्य वसा युक्त
भोजन का सेवन करता है , उसका पाचन पित्त के दवारा ही होता है | लेकिन जिस समय
पित्त की थैली में कोलेस्ट्रोल की मात्रा अधिक हो जाती है | तो वह कोलेस्ट्रोल जम
जाता है | जिससे पथरी बनती है | यह अधिकतर तेल युक्त भोज्य पदार्थ के खाने से ,
अधिक समय बैठे रहने से , शरीर में खून की कमी से या मोटापे से पथरी बनती है | आज
हम इस लेख के माधयम से आपको पथरी जैसी भयंकर बीमारी और उससे होने वाले असहनीय दर्द
से मुक्ति पाने के कुछ आसान से उपाय बतायेंगे |
सेब का जूस या फल का उपयोग |
1.
सेब :- इस फल में पथरी को गलाने वाले तत्व मौजूद होते है | सेब में
मौजूद मौलिक एसिड पथरी को गलाने में मदद करता है | सेब के जूस और सेब के सिरके का
भी उपयोग कर सकते है | ये अधिक लाभकारी होते है | सेब का सिरका लीवर में कोलेस्ट्रोल को बनने नही देता | जिससे
हमारे शरीर में पथरी बनती है | सेब के जूस या सेब के सिरके का सेवन करने से पथरी
गल जाती है और दर्द में भी राहत मिलती है | इसके आलावा शरीर में दोबारा पथरी नही
बनती |
उपयोग कैसे करें :- एक गिलास सेब का जूस लें , उसमे एक चम्मच सिरका
मिला लें | इस जूस को एक दिन में दो बार पीये | लाभ मिलेगा |
नाशपाती का जूस :- नाशपाती के
उपयोग से आप पित्त की थैली को साफ़ कर सकते है | नाशपाती में पेक्टिन नामक तत्व
होता है जो शरीर में कोलेस्ट्रोल को बनने नही देता | नाशपाती में बहुत सारे गुण
होते है | जो हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है |
कैसे उपयोग करें :- एक गिलास पानी को गर्म कर लें | अब नाशपाती का एक
गिलास जूस निकाल लें | इसमें दो चम्मच शहद मिलाकर गर्म पानी में मिला दें | इस तरह
से तैयार किये हुए जूस के मिश्रण को एक दिन में लगभग दो बार पीयें | लाभ मिलेगा |
गाजर , खीरा और चुकन्दर का जूस |
vगाजर , खीरा और चुकन्दर आदि फलों का जूस
:- पित्त की थैली के इलाज के लिए जूस का उपयोग किया जाता है |यह इलाज सबसे अधिक
प्रयोग में लाया जाता है | चकुंदर का सेवन करने से शरीर मजबूत होता है और साथ ही
साथ यह लीवर के कोलोन को भी साफ़ करता है | इसके बाद बात आती है खीरे की | खीरे में
पानी की अधिक मात्रा होती है | जो गोल ब्लेंडर को डिओक्सीफाई करती है | गाजर में
विटामिन सी की अधिकता होती है |
इसके आलावा इसमें बहुत से पौषक तत्व मौजूद होते है |इसका उपयोग किस
प्रकार से करना है इसके बारे में हम आपको जानकारी दे रहे है |
उपयोग करने की विधि :- एक चुकन्दर , एक खीरा और लगभग 3 से 4 गाजर लें
| अब इन तीनो को आपस में मिलाकर जूस तैयार कर लें | इस तरह से तैयार किये हुए जूस
को एक दिन में कम से कम दो बारे पीयें | जूस बनाते समय एक बात का अवश्य ध्यान रखे
कि इसे बनाने के लिए सभी की मात्रा एक सामान होनी चाहिए | इसके जूस बनाने की
मात्रा को घटाया या बढाया जा सकता है | इस जूस का सेवन करने से पथरी के दर्द में
राहत मिलती है और साथ ही साथ पथरी भी कुछ हद तक गल जाती है |
Pudine Ka Sevn Kaese Kren |
vपुदीना :- इसका उपयोग एक औषधि के रूप में
भी किया जाता है | पुदीने का उपयोग भोजन को पचाने के लिए किया जाता है | यह मानव
के पित्त वाहिका और पाचन तत्र से जुडी हुई हर समस्या को ठीक करता है | पुदीने की
पत्तियों से चाय बनाकर पथरी के रोगी को दें | इस चाय का सेवन करने से पथरी गल जाती
है | क्योंकि पुदीने में पथरी को गलाने वाला तत्व होता है जिसे तारपीन कहते है |
पुदीने का उपयोग कैसे करना हसी | इस बात की जानकारी हम आपको दे रहे है |
vउपयोग करने की विधि :-एक गिलास पानी लें |
इसमें पुदीने की सुखी या ताज़ी पत्तियों को डालकर अच्छी तरह से उबाल लें | जब यह पक
जाये तो इसे छानकर रख दे | हल्का ठंडा होने पर इसमें शहद मिलाकर पी लें | इस तरह
के पुदीने के पानी को एक दिन में कम से कम दो बार पीने से आपको अधिक लाभ मिलेगा |
vअपने खाने – पीने की चीजो की और विशेष तौर
पर ध्यान दें | अपनी दिनचर्या में भी बदलाव करें |
vजिस भोजन में वसा की मात्रा अधिक हो और
तेल युक्त पदार्थ हो उससे परहेज करें | इस तरह के भोज्य पदार्थ का कम उपयोग करें |
Kin Chijon Ka Parhej Kren |
vप्रतिदिन 8 से 10 गिलास पानी पीयें | यदि
आपको प्यास न भी लगे तो भी पानी की मात्रा को कम ना करें |
v
रोजाना कोफ़ी का सेवन अवश्य करें | एक दिन में कम से कम दो कप कोफ़ी जरुर
पीयें | कोफ़ी का नियमित रूप से सेवन करने से पित्त वाहिका बढती है और इसमें पथरी
होने की सम्भावना कम हो जाती है |
vतेज़ मसालें वाला भोजन ना खाएं |
vभोजन में विटामिन सी की मात्रा का लेना ना
भूलें | एक दिन में आपसे जितना हो उतना विटामिन सी वाले भोजन खा सकते है |
vगाजर और ककड़ी का जूस बनाकर पीयें | इस जूस
की लगभग 100 मिलीलीटर की मात्रा अवश्य लें | यह जूस बहुत ही लाभदायक होता है |
vसूरजमुखी या इसके स्थान पर आप ओलिव ऑयल को
भी ले सकते है | इन दोनों में से किसी भी एक तेल की 30 मिलीलीटर की मात्रा को खाली
पेट पीयें | इस तेल के पीने के तुरंत बाद अंगूर का रस या निम्बू का रस पीयें | ऐसा
करने से पित्त की पथरी गल जाती है | इस उपचार को नियमित रूप से करने से आपको अधिक
लाभ मिलेगा |
vलगभग एक सप्ताह तक निम्बू के रस का सेवन
करें | इससे आपको अधिक फायदा मिलेगा | एक तो पथरी गल जाएगी और दूसरा आपकी पाचन
शक्ति मजबूत बनेगी |
Nashpati Pathri Ke Liye Hai Upyogi |
vजिस व्यक्ति को पथरी का रोग है |उसे
नाशपाती का फल जरुर खाना चाहिए | क्योंकि इस फल में कुछ ऐसे तत्व होते है जो
पिताश्य के सभी रोगों को दूर करते है |
vजिन व्यक्तियों को पथरी का रोग है ,उन्हें
अपने खाद्य पदार्थों में हरी सब्जियों का और फल का उपयोग करना चाहिए | ये सभी
पदार्थ कोलेस्ट्रोल रहित होते है | इसके आलावा तली , भुनी हुई वस्तुएं और मसालेदार
भोजन से जितना परहेज करेंगे उतना ही आपकी सेहत के लिए अच्छा है |
vचाय , कोफ़ी या जिसमे चीनी अथवा शक्कर हो
उनसे भी परहेज करें |
vशराब आपकी सेहत के लिए हर सुरत में
हानिकारक है |
v दिन में एक बार से अधिक बार भोजन ना करें
| अधिक भोजन करने से शरीर में कोलेस्ट्रोल बनता है |
दूध का सेवन कम करें |
vदूध से बनी हुई चीजों का उपयोग ना करें |
रेशे वाले पदार्थों का भोजन में उपयोग बड़ी ही सोच समझकर करें | इसके आलावा अपने
भोजन में ताज़े फल , अंकुरित अनाज , हरी सब्जियां , और इसबगिल की भूसी का उपयोग
करें |
vइन सभी उपाय को करने से आप 2. 3 mm की
पथरी से मुक्ति मिल जाती है | पित्त की पथरी होने पर कुछ लोग ओपरेशन करवाते है
जिससे उनके गाल ब्लाडर को हटा दिया जाता है | इसके हटाने से मनुष्य को आगे चलाकर
बड़ी कठनाई का सामना करना पड़ता है |
vकिन चीजों से परहेज करें :- चावल , मुंग
की छिलके वाली दाल , तुरई , परवल , करेला , मौसमी , अनार ,आंवला , मुन्नका ,
ग्वारपाठा , और जेतुं का तेल , आदि |
vजो भोजन आसानी से पच जाये | ऐसे भोजन का
सेवन करना चाहिए | सादा और बिना तेल और घी का भोजन उत्तम होता है |
पित्त की पथरी को निकालें घरेलू उपाय से | Pitt Ki Pathri ko
Nikale Ghrelu Upay Se | Pathri Hone Ka Karan , Kin Flon Ka Jus Hai Pathri Ke
Rogi Ke Liye Laabhdayak , Pudine Ka Sevn Kaese Kren , Nashpati Pathri Ke Liye
Hai Upyogi , Pathri Mein Kin Chijon Ka Parhej Kren |
Thanks for sharing home remedies for stone issues. Very informative post. You can also use herbal remedies fortified with natural ingredients.visit http://www.hashmidawakhana.org/natural-treatment-for-kidney-stones.html
ReplyDeleteThanks for sharing home remedies for kidney stone. If home remedies are not working for you then you can try out herbal supplement made of herbal remedies. It will stop the formation of kidney stone again.
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