Treatment of Goitre and Dracunculiasis | वर्ण ग्रन्थि गलगण्ड नारू के रोग

वर्ण ग्रन्थि, गलगण्ड , नारू के रोग :- 

आक के पौधे की बिना पत्तो की टहनी को कूटकर इसका छिलका अलग कर ले और इस छिलके की ४०-५० ग्राम की मात्रा को लेकर रगड़ कर इसकी टिकिया बना के किसी करछी में गर्म कर ले फिर इसे वर्ण वाले स्थान पर लगायें - बार लगाने से शोथ युक्त वर्णो से छुटकारा मिल जाता है

2. आक के पौधे की जड़ की छाल को सुखाकर उसे बारीक़ करके पीस ले वर्ण वाली जगह जिसमे से मवाद निकलता हो , सड़ने के कारण बदबू आती हो  इस बारीक़ चूर्ण की - ग्राम की मात्रा में लेकर उस स्थान पर छिड़क दे और इस पर कपूर , सिंदूर और राल का तैयार किया हुआ मलहम लगाये इस उपचार को लगातार - दिन करने से सड़ा हुआ मांस निकल जाता है और घाव जल्दी भर कर ठीक हो जाते है
root of madar plant for Naaru Diseases


2. सामग्री :-  

    1. आक के पत्तो का रस    = किलो
    2. कच्ची हल्दी का रस      =  १२५ ग्राम
    3. तिल का तेल            = २५० ग्राम

 ऊपर लिखी सामग्रियों को मिलाकर धीमी - धीमी आंच पर पकने के लिए रख दे जब यह मिश्रण पक जाये और सिर्फ तेल रह जाये तो इसे छान कर रख ले और इसे वर्ण , बिगड़े हुए फोड़ो पर लगाने से ये सब बीमारी ठीक हो जाती है |

आक के पौधे की जड़ को सुखाकर बारीक़ पीस ले फिर ग्राम चूर्ण में १० मिलीलीटर घी या नारियल का तेल मिलाकर घाव पर लगाने से व्रण वाले घाव ठीक हो जाते है इसके आलावा गाय का घी और आक के पौधे का दूध बराबर मात्रा में मिलाकर एक दिन में - बार लगाने से वर्णो से जुडी हुई बीमारी ठीक हो जाती है

Aak ke Paudhe se Upchaar , Madar plant and use as Ayurvedic medicines for goitre or dracunculiasis
Aak ke Paudhe se Upchaar , Madar plant and use as Ayurvedic medicines for goitre or dracunculiasis


बंद ग्रंथि - Dracunculiasis

 आक के पौधे के दूध में सफेद उशारेबन्द को थोड़ी मात्रा में मिलाकर दिन में - बार लेप लगाये इस लेप को लगाने से कच्ची गाँठ बैठ जाती है इस बीमारी को ठीक करने का एक और तरीका है जो इस प्रक़र है :- आक के पत्तो पर एरंड का तेल लगाकर इसे गर्म करके ग्रंथि पर बांधने से ग्रंथि फट जाती है या फिर बैठ जाती है|

नारू

आक के पौधे के १० -१२ फूलो को पीस कर नारू वाले स्थान पर बांधने से यह रोग ठीक हो जाता है इस पर हम आक का दूध भी लगा सकते है इससे नहरुवा निकल जाता है।
आक के पत्ते और ५० ग्राम गुड़ को मिलाकर कूट ले फिर इनकी छोटी आकार की गोलियाँ बना कर एक दिन में तीन बार ताज़े पानी के साथ खाये इस उपचार से नारू की बीमारी ठीक हो जाती है

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