ज़ख़्म
चोट या फोड़े फुंसी
जो लोग फोड़े - फुंसी
से अधिक परेशान है या फिर जिन लोगो को जख्मी चोट लग जाती है । उन
लोगों के लिए आयुर्वेद में कुछ देसी उपचार बताये है । जो
इस प्रकार है ।
नीम से
उपचार :-
नीम
की पत्तियों का रस लगभग चार चम्मच चाय के समान निकालकर इसमें सरसों के तेल के आठ चम्मच चाय के समान इस रस में मिलाये । और
इन दोनों को पानी में डालकर उबाले। जब तक उबलते रहे जब तक पानी सुख न जाये
। पानी
सूखने के बाद इसे ठंडा होने के लिए रख दे । इस
तरह से ये एक मलहम का रूप ले लेता है । इस
मलहम को रोजाना जख्मी चोट या फोड़े फुंसी पर लगाने से रोग ठीक हो जाता है ।
लहसुन करे
इलाज :-
फोड़े फुंसी या जख्मी चोट को ठीक करने के लिए लहसुन का भी प्रयोग किया जाता है । लहसुन
का रस १०० ग्राम निकालकर इसमें २०० ग्राम पानी डालकर धीमी - धीमी
आँच पर पकाये । और
ठंडा होने दे । इस
तरह से यह एक मलहम तैयार हो जाती है । इस
तैयार मलहम को रोग वाले स्थान पर लगाने से रोग ठीक हो जाता है ।
फोड़े - फुंसी
का गेहूँ
से उपचार :-
गेहूँ इस रोग में एक औषधी का काम करती है । गेहूँ
के हरे पौधे को लेकर इसे बारीक़ पीसकर लेप की तरह तैयार कर ले । और
जहाँ भी जख्म है वहां इस लेप को पट्टी के रूप में बांधने से जख्मी चोट ठीक हो जाती है । साथ
ही फोड़े फुंसी भी ठीक हो जाते है ।
तुलसी से
उपचार :-
तुलसी हर बीमारी का उपचार करती है । बड़े - बुजर्गो का मानना भी यही है की तुलसी हर बीमारी का निवारण करती है । इसलिए
अधिक चोट लगने पर तुलसी के पत्तों को छाया में सुखाकर महीन करके इसे किसी कपडेसे छानकर चोट वाले स्थान पर लगाने या जख्म पर भरने से जख्म थोड़े से दिनों में भर जाता है । और
चोट जल्द ही ठीक हो जाती है |
ये सभी उपाए जख्मी चोट या फोड़े - फुंसी
के लिए बहुत ही उपयोगी और लाभदायक है ।
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