सावन के महीने में
भगवान शिव की कौन सी वस्तु अर्पित करें
आप सावन के सोमवार
को सही पूजा विधि से भगवान शिव के साथ उनकी पत्नी गौरी, पुत्र गणेश तथा नंदी जी की
पूजा जरुर करें. क्योंकि शिवजी की पूजा में इन सभी का भी अपना एक अलग महत्व हैं और
इन सभी की पूजा के बिना आपका व्रत पूर्ण नहीं होगा. इसके साथ ही शिवजी को खुश करने
के लिए उन्हें आप कमल, नीलकमल, बेलपत्र तथा समीपत्र चढ़ा सकते हैं. क्योंकि पुराण
जैसे धार्मिक ग्रन्थ में यह खा गया हैं कि अगर आप १०० कमल के बदले एक नीलकमल चढ़ा
दें, तो आपको पूर्ण फल की प्राप्ति होती हैं. इसके स्थान पर अगर आप हजार नीलकमल के
स्थान पर केवल एक बेलपत्र चढाते हैं तो आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं तथा
अगर आप हजार बेलपत्र के स्थान पर केवल समीपत्र चढाते हैं तो इससे आपको विशेष फल की
प्राप्ति होती हैं. इसलिए इन सभी वस्तुओं को भगवान शिव की आराधना करते समय उनके
समक्ष जरुर अर्पित करें.
अगर आप समीपत्र का
प्रयोग शिवजी की पूजा में करते हैं तो इस पत्र को चढाते समय निम्नलिखित मन्त्र का
उच्चारण जरुर करें.
सावन में शिवजी को कौन सी वस्तु अर्पित करें |
मन्त्र -
अमंगलानाम् शमनीम् शमनीम् दुष्कृतानाम् च।
दुःस्वप्न-नाशिनीं धन्यां प्रपद्येSहं शमीं शुभाम्।।
इस मन्त्र के साथ
पूजा करने से आपकी पूजा पूर्ण हो जायेगी. इसके अलावा यह माना जाता हैं कि यदि आप
श्रावण मास में अपने पूर्ण तन – मन तथा धन से भगवान शिव की पूजा करते हैं तो इससे
आपका दुर्भाग्य सौभाग्य में बदल जाता हैं. आपको मनवांछित वर या वधु की प्राप्ति
होती हैं, धन, सुख - समृद्धि से आपका घर भरा रहता हैं और आपको स्थाई सम्पत्ति की
प्राप्ति होती हैं.
श्रावण महीने में
पूजा कर पायें रोगों से छुटकारा
१. कपूर युक्त जल – अगर आप चाहते हैं कि आप कभी भी बीमार न हो तो
इसके लिए सावन के महीने में शिवलिंग का अभिषेक कपूर मिश्रित जल से करे और अभिषेक
करते समय महामृत्युंजय मन्त्र का जाप करें.
२. मंगलवार की पूजा – अगर आप किसी रोग से बहुत ज्यादा परेशान हैं तो
इसके लिए सावन के महीने के प्रत्येक मंगलवार को पूजन की सभी सामग्री का प्रयोग कर
शिवजी की पूजा करें.
३. आयु वृद्धि हेतु – अगर आप सदीव निरोग रहना चाहते हैं और इसके साथी
ही दीर्घायु भी प्राप्त करना चाहते हैं तो इसके लिए सावन महीने के हर गुरुवार को
शिव जी की पूजा जरुर करें.
४. असाध्य रोग – अगर आप किसी असाध्य रोग से ग्रस्त हैं तो इस रोग
से मुक्ति पाने के लिए शिवलिंग का अभिषेक कुशोदक जल से करें. क्योंकि कुशोद्क जल
से अभिषेक करने से व्यक्ति को असाध्य रोग से मुक्ति मिल जाती हैं.
Savan Mein Shivji Ko Koun Si Vastu Arpit Karen |
५. मधुमेह – अगर कोई व्यक्ति मधुमेह का रोगी हैं तो उसे
भगवान शिव की अराधना करते समय निम्नलिखित महामृत्युन्जय मन्त्र का जाप करना चाहिए
तथा इसके साथ ही शिवलिंग का अभिषेक इस मन्त्र के दस हजार करते हुए घी की धारा से
करना चाहिए.
६. हरी दूर्वा – दीर्घायु प्राप्ति की इच्छा रखने वाले शिव
भक्त को शिवजी की पूजा में हरी दुर्वा का इस्तेमाल जरुर करना चाहिए. क्योंकि हरी
दुर्वा का प्रयोग करने से उनकी यह इच्छा जल्द पूरी हो जाती हैं.
७. लम्बे समय तक चली आ रही बीमारी के लिए – अगर आपको कोई ऐसा रोग हो गया हैं जिसका इलाज
असम्भव हैं और आप इस रोग से बहुत ज्यादा परेशान हैं तो इसके लिए तीर्थ का जल लें
और उससे पंचमुखी शिवलिंग का अभिषेक करें. आपको जल्द ही इस बिमारी से छुटकारा मिल
जाएगा.
८. ज्वर – अगर किसी व्यक्ति को बुखार हो गया हैं तो इसके
लिए उसे श्रावण महीने में जल चढाना चाहिए. इससे उसे बहुत ही लाभ मिलेगा.
९. नपुसंकता – अगर किसी व्यक्ति को नपुसंकता के कारण सन्तान प्राप्ति नही हो रही हैं तो इसके लिए श्रावण महीने में भगवान शिव का अभिषेक घी से करें, इसके बाद इस महीने के सभी सोमवार का व्रत रखें. ऐसा करने से उसे जल्द ही नपुसंकता की परेशानी से छुटकारा मिल जाएगा और जल्द ही उसे सन्तान प्राप्ति भी होगी.
Lambi Bimari Se Chutkara Dilaayen Shivji |
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