सावन के महीने में क्या काम नही करने चाहिए
सावन का महिना बारह महीनों में से बहुत ही पवित्र माना जाता
हैं. क्योंकि इस महीने में शिवजी की भक्ति की जाती हैं. इस महीने में जहाँ विशेष
ढंग से शिवजी को प्रसन्न करने की कोशिश की जाती हैं. वहीँ अगर आप इस महीने में शिवजी
को प्रसन्न करने के साथ – साथ कुछ ऐसे कार्य करते हैं जिन्हें आपको इस महीने में
नहीं करने चाहिए तो आपको शिवजी की कृपा प्राप्त नहीं हो पाती तो चलिए जानते हैं कि
आपको सावन के महीने क्या नहीं करना चाहिए.
सावन महीने में क्या न करें
१. शिवलिंग पर
हल्दी – अगर आप सावन के महीने में शिवजी की पूजा करते समय उन पर
हल्दी का तिलक लगाते हैं तो ऐसा बिल्कुल न करें. हल्दी को केवल जलाधारी पर ही
चढाना चाहिए. क्योंकि माना जाता हैं कि हल्दी स्त्री से सम्बन्धित पदार्थ हैं और
शिवजी एक पुरुष हैं. इसलिए उनका शिवलिंग भी पुरुषत्व प्रधान होता हैं. इसी वजह से
कभी भी शिवलिंग पर हल्दी न चढाएं, इसके स्थान पर इसे जलधारी पर चढ़ाएं. क्योंकि
जलधारी स्त्री से जुड़ा हुआ तत्व होता हैं.
२. दूध का सेवन न
करें – सावन के महीने में आपको दूध का भी सेवन नहीं करना चाहिए.
क्योंकि इस समय दूध पीने से शरीर में वात की वृद्धि होती हैं और इसी वजह से
शिवलिंग पर दूध चढाने की परम्परा शुरू की गई हैं. अगर आप दूध पीने के आदि हैं तो
इसके लिए दूध को अच्छी तरह से उबाल लें और इसके बाद इसका सेवन करें. इसके अलावा इस
महीने में कच्चा दूध बिल्कुल न पीयें.
सावन की पूजा में क्या गलतियाँ न करें |
३. हरी पत्तेदार
सब्जी – सावन में हरे पत्तों वाली सब्जी का भी सेवन नहीं करना
चाहिए, खासतौर से हरी साग में गिने जाने वाले पालक, बथुआ, मेथी आदि का. क्योंकि इस
महीने में इनमें वात तत्व की मात्रा बढ़ जाती हैं. जिससे मनुष्य के स्वास्थ्य को
हानि पहुँचती हैं. इसलिए इसे सावन के महीने में बिल्कुल नहीं खाना चाहिए. इसके
अलावा एक और कारण यह बताया जाता हैं कि इस महीने में हरी पत्तेदार सब्जियों में
किट – पतंगे अधिक मात्रा में लग जाते हैं और हरे साग के साथ कुछ घास – पूस भी उग
जाते हैं. जिसका सेवन यदि मनुष्य कर लें तो उसका स्वास्थ्य खराब हो जाता हैं.
४. बैंगन – सावन में जहाँ
तक हो सके आपको बैंगन के भर्ते तथा सब्जी का भी सेवन नहीं करना चाहिए. बैंगन न
खाने के धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही कारण होते हैं.
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धर्मिक कारण – शास्त्रों में
बैंगन को खाद्य पदार्थों में से सबसे अशुद्ध खाद्य पदार्थ माना गया हैं. इसी वजह
से इस महीने बैंगन का सेवन करना वर्जित माना गया हैं.
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वैज्ञानिक कारण – वैज्ञानिकों
का मानना हैं कि सावन के महीने में बैंगन में बहुत अधिक कीड़े हो जाते हैं. जिसके
कारण ही इसका सेवन नहीं करना चाहिए और इसके विपरीत अगर कोई व्यक्ति इस महीने में
बैंगन का सेवन करता हैं तो उसके स्वास्थ्य पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता हैं. इसलिए
बैंगन इस महीने में बिल्कुल न खाएं.
५. बुरे विचार – सावन में किसी
दुसरे व्यक्ति का अहित करने के बारे में, उसे नुकसान या चोट पहुँचाने के बारे में
बिल्कुल नहीं सोचना चाहिए. इसके साथ ही किसी भी स्त्री के बारे में अपने मन में
गलत विचार बिल्कुल भी न लाएं. क्योंकि अगर आप शिवजी के भक्त हैं और उनकी पूजा सावन
के महीने में रोजाना करते हैं तो इससे आप पूर्ण रूप से समर्पित होकर भगवान की
अराधना नहीं कर पाते और इसी वजह से आपका ध्यान भी भंग हो जाता हैं
६. सुबह देर तक
सोना – स्वान के महीने में सुबह अत्यधिक देरी तक सोना भी इस महीने
में वर्जित माना गया हैं. क्योंकि अगर आप देरी से सोकर उठेंगे तो इससे आपके अंदर
अधिक आलस आएगा और आपके सभी कम देरी से होंगे. इसके स्थान पर प्रात: काल उठकर जल्दी
से स्नान करें और शिव मन्दिर में जाकर शिवजी की पूजा करें. अगर आप ऐसा करते हैं तो
आप अधिक एकाग्रता के साथ पूजा कर पाने में सक्षम होंगे और इसके बाद सुबह ही
सुहावनी हवा का लाभ भी उठा सकेंगे.
Savan Ki Pooja Mein Kya Galtiyan Na Karen |
७. मांस का सेवन
करना – क्योंकि सावन का महिना बहुत ही शुभ और पवित्र होता हैं
इसलिए इस महीने में आपको अधार्मिक काम न करने के साथ – साथ मांस का भी सेवन नहीं
करना चाहिए. इसके अलावा सावन के महीने में बारिश अधिक होती हैं. जिससे सूर्य देवता
और चन्द्रमा अधिक देर तक आसमान में उपस्थित नहीं रहते. माना जाता हैं कि सूर्य और
चन्द्र देवता की रौशनी जब हमारे शरीर पर पड़ती हैं तो इससे हमारा पाचन तन्त्र मजबूत
बनता हैं और सावन के महीने में क्योंकि आकाश में अधिकतर बादल छाए रहते हैं सूर्य
और चंद्रमा का प्रकाश हमें नहीं मिल पाता. इसीलिए हमारा पाचन तन्त्र कमजोर हो जाता
हैं. क्योंकि मांस खाने के लिए अच्छी पाचन शक्ति होना बहुत ही जरूरी हैं. इसीलिए
मांस का भी सेवन हमें इस महीने में नहीं करना चाहिए.
८. पति – पत्नी के
बीच मतभेद – अक्सर शादी के बाद पत्नी - पत्नी में छोटी – छोटी बातों को
लेकर झगडे होते रहते हैं. लेकिन अगर सावन के महीने में भी आपके घर में झगडे होते
रहते हैं और अधिकतर समय अशांति आपके घर में व्याप्त रहती हैं. तो ऐसा नहीं होना
चाहिए. क्योंकि देवी – देवता कभी – भी अशांत माहौल में निवास नहीं करते. सावन का
महिना विशेष शिवजी की पूजा करने के लिए होता हैं और यदि आप शिवजी को प्रसन्न करना
कहते हैं तो इसके लिए हमेशा घर में प्रेम पूर्ण वातावरण बनाये रखें.
९. क्रोध – क्रोध विनाश का
कारण बनता हैं यह तो आपने सुना ही होगा और जब क्रोध आता हैनं तो इन्सान अपनी सोचने
समझने की शक्ति खो देता हैं. इसलिए सावन में क्रोध बिल्कुल न करें. जितना हो सके
शांत रहने. क्योंकि शिवजी की पूजा अगर आप पूर्ण विधि – विधान से करना चाहते हैं तो
इसके लिए ध्यान लगाना और अपने गुस्से पर नियंत्रण पाना बहुत ही महत्वपूर्ण होता
हैं.
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