Raktapitta | रक्तपित्त का रोग

रक्तपित्त का रोग

रक्त पित्त की बीमारी का  कारण :-  यह रोग हमारे गलत खाने पीने के कारण हो जाता है | इस बीमारी में हमारा शरीर बहुत गर्म हो जाता है | जिसके कारण हमारे शरीर के कुछ अंगों से खून निकलने लगता है | जैसे :- योनी से , नाक से आदि | इस बीमारी को इंग्लिश में हमोरेजिक हिजीज कहते है | यह बीमारी हमारे शरीर में विटामिन सी ( vitamin – C ) की कमी से होता है | जब किसी व्यक्ति को यह बीमारी हो जाती है तो उसका शरीर कमजोर हो जाता है | और शरीर पीला दिखने लगता है | इस बीमारी को दूर करने के लिए एक आयुर्वेदिक  तरीका है | जैसे :-

सामाग्री :-

१. मोती पिष्टी (Moti pisthi )  :- ४ ग्राम
२. स्फटिका भस्म( saftika bhasma) :- ५ ग्राम
३. गिलोय सत ( giloy sat )    :- १० ग्राम
४. प्रवाल पिष्टी  ( Praval pisthi ) :- १० ग्राम
५. कहरवा  पिष्टी ( kaharva pisthi ) :- १० ग्राम

उपरोक्त औषधियों  को आपस में मिलाकर एक मिश्रण बना लें | इस मिश्रण बनाने के बाद एक बराबर मात्रा की लगभग ६० पुड़ियाँ बना लें | और शीशे के डिब्बे में बंद करके  किसी सुरक्षित जगह पर रख दें | रोजाना  दिन में २ से ३ बार इस औषधि का प्रयोग ताज़े पानी या फिर शहद के साथ करे | इस उपयोग को करने से हमारे शरीर में उपस्थित दूषित पित्त बाहर निकल जाता है |

Raktapitta in hindi
Raktapitta in hindi
२. उसीरासव  ( usirasav )    :-   ४५० मिलीलीटर

किसी भी अच्छी आयुर्वेदिक  कंपनी का उसीरासव  लेकर इसे प्रतिदिन ४ चम्मच की मात्रा में लेकर पीये | हमे इस औषधि की मात्रा के बराबर ही पानी लेना चाहिए |  इस औषधि को  रोजाना सुबह और शाम के समय  खाना खाने के बाद प्रयोग करे |

नोट :- यदि किसी मनुष्य को यह बीमारी ज्यादा प्रभावित कर देती है तो उसे दूर्वा का रस और पीपल के पत्ते का रस निकालकर पीना चाहिए | लगभग १ कप पीपल के पत्ते का रस निकालकर इसमें थोड़ी सी मिश्री मिलाकर  पीने से रक्तपित्त के रोगी को बहुत फायदा मिलता है | और यदि किसी भी व्यक्ति को ज्यादा तकलीफ है तो पीपल के पत्तों को पीसकर इसका रस निकालकर इसके रस में थोड़ी सी काली मिर्च  का चूर्ण मिला दे | और फिर इसका सेवन करे | बहुत फायदा मिलेगा | इसके आलावा हम अधिक गर्मी या लू से बचने के लिए भी शीशम के पत्ते के रस का भी प्रयोग कर सकते है |


raktpit ka rog kisi bhi aayu ke vyakti ko ho skata hai ismein adhik sambhaavna unko rahti hai jo physical exercise kam karte hai , uchit khaan paan na hone ke karan hi ye rog hota hai, peepal or seesham ke patton ka prayog kar sakte hai , kisi badiya company ka usirasav lekar ise daily 4 chammch ki matra mein peense rakt pita theek ho jayega, rogi ko apna khaan paan bhi theek karna chahiye, ye rog vitamin C ki kami ke karan hota hai isliye. raktpita ka ilaj, rakt pit ka upchaar, raktpita ke karan, lakshan.

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