पक्षाघात की बीमारी
का ईलाज :-
लकवा और पक्षाघात की बीमारी शरीर के किसी भी भाग में हो सकती है , इसका तुरंत इलाज करवाना उचित होता है , नया लकवा और अर्दित रोग जल्दी ठीक हो जाता है , जबकि पुराना लकवा ठीक होने में काफी समय लेता है , इसका काफी परहेज करना पड़ता है ताकि आगे भविष्य में इसकी शिकायत न हो , हमारे द्वारा सुझाव किये गये नुस्खों में से आप कोई भी अपना सकते है परन्तु एक बात चिकित्सक से जरूर संपर्क करे ताकि आपकी बीमारी की सीमा को जाँच कर सही मात्रा में फार्मूला आपको दिया जा सके,
लकवा और पक्षाघात की बीमारी शरीर के किसी भी भाग में हो सकती है , इसका तुरंत इलाज करवाना उचित होता है , नया लकवा और अर्दित रोग जल्दी ठीक हो जाता है , जबकि पुराना लकवा ठीक होने में काफी समय लेता है , इसका काफी परहेज करना पड़ता है ताकि आगे भविष्य में इसकी शिकायत न हो , हमारे द्वारा सुझाव किये गये नुस्खों में से आप कोई भी अपना सकते है परन्तु एक बात चिकित्सक से जरूर संपर्क करे ताकि आपकी बीमारी की सीमा को जाँच कर सही मात्रा में फार्मूला आपको दिया जा सके,
सामग्री :-
दशमूल क्वाथ(Dashmool Kwath) :- २००
ग्राम
मेधा क्वाथ(Megha Kwath) :- १०० ग्राम
किसी एक बर्तन में ४०० मिलीलीटर पानी लें | इसमें एक चम्मच दशमूल क्वाथ ,
और मेधा क्वाथ को पानी में मिलाकर धीमी – धीमी आंच पर पकाएं |
पानी पक कर १०० ग्राम रह जाए तो इसे छानकर सुबह और शाम के समय खाली पेट पीये | इस
विधि का प्रयोग करने से अर्दित का रोग ठीक हो जाता है |
सामग्री
१. एकांगवीर रस( Ekangvir Rasa) :- १० ग्राम
२. अमृता सत(Amrita Sat) :- १०
ग्राम
३. महावातविध्वंसन रस(Mahavatvidhyansan Rasa) :- ५ ग्राम
४. रसराज रस(rasraj Rasa) :- १ ग्राम
५. प्रवाल पिष्टी(Praval Pisti) :- १० ग्राम
६. मोती पिष्टी (Moti Pisti) :- ४ ग्राम
७. स्वर्ण माक्षिक(Swaran Makshik) :- ५ ग्राम
८. गोदन्ती रस(Godanti Rasa) :- १० ग्राम
उपरोक्त औषधियों को आपस में मिलाकर किसी वात रहित डिब्बे में बंद करके रख दें | इस औषधि की एक चम्मच की मात्रा
को सुबह के समय और रात के समय खाना खाने
से आधा घंटा पहले खाएं | इस औषधि को हल्के
गर्म पानी के साथ खाने से लाभ मिलता है |
सामग्री
१. चंद्र प्रभा वटी(Chandraprabha Vati) :- ४० ग्राम
२. शिलाजीत रसायान वटी(Shilajeet Rasayan Vati) :- ४० ग्राम
३. त्र्योदशांग गुग्गुलु(Tryodshang Guggal):- ६० ग्राम
इन तीनो औषधियों की एक – एक गोली एक दिन में कम से कम तीन बार भोजन करने से
आधा घंटा पहले हल्के गर्म पानी के साथ
खाएं |
सामग्री:-
अश्वशिला केप्सूल(ashwashila capsule):- २० कैप्सूल
अश्वगन्धा चूर्ण(Ashwgandha Churan):- १०० ग्राम
इन औषधि में से आधा चम्मच अश्वगन्धा
चूर्ण और अश्वशिला कैप्सुल मिलाकर खाएं | इस औषधि को सुबह और शाम के समय
खाना खाने से आधा घंटा पहले खाए | हमारे शरीर की बीमारी को ठीक होने में बहुत
सहायता मिलेगी |
सामग्री
पीड़ान्तक तेल (Peedantak tel) :- १००
मिलीलीटर
किसी भी अच्छी आयुर्वेदिक कंपनी का पीड़ान्तक तेल खरीद कर इस तेल से एक दिन में २ से ३ बार
मालिश करने से अर्दित ठीक हो जाता है |
सामग्री
अश्वगन्धारिष्ट(Ashwagandharist):- ४५० मिलीलीटर
इस औषधि की ४ चम्मच की मात्रा में ४
चम्मच पानी मिलाकर सुबह और शाम खाना खाने के बाद पीये | लाभ मिलेगा |
इन सभी फार्मूलों में से कोई भी नुस्खा आप अपना सकते है , परन्तु अपने शरीर की क्षमता के अनुसार और चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही दवा ले .
खाने योग्य पदार्थ – दूध गाय या बकरी का , हरी सब्जी, परवल, खजूर,
गर्म पानी पीना चाहिए, गर्म पानी से स्नान करना चाहिए, तेल मालिश करना, मुनक्का, लहसुन का सेवन भी करना अच्छा होता है ,
त्यागने योग्य चीजे – ठंडा पानी , ठंडी और तली हुई चीजें, खटाई , तेज
मिर्च मसाले और तला हुआ भोजन इत्यादि त्यागने योग्य है .
tyagne ke liye thanda paani, thande paani se nahana, thandi hawa se bachna, fry or tala bua masaledaar bhojan nahi karna chahiye, lakwa grast or pakshaghaat sthan ki malish karni chahiye, lakwa ek dam se nahi lagta , iski shuruaat bhaut pahle ho jaati hai , isliye apne shareer ki dekhbaal karni bhaut hi jaruri hai , pratidin exercise or yogasan kare, lazy na bane or aalsya ko door bahagaye, paralysis or lakwa ke rogi ko lahsun , munakka, tel ki malish jaroor karni chahiye, garm paani peena chahiye, thanda paani or thandi hawa ko tyag dena chahiye, bakri or cow ma milk peena chaiye, freeze ka koi bhi samaan ka sevan na kare,
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