ज्वर या बुखार का उपचार अगस्त पेड़ से :-
1. अगस्त के पत्तों को पीसकर रस निकालकर इसमे शहद मिलाकर दो या चार चम्मच सुबह - शाम
पीने से बुखार में जल्दी आराम मिलता है इस विधि का प्रयोग लगातार १५ दिनों तक करने से हड्डियों में समाया हुआ
बुखार भी ठीक हो जाता है। इसके आलावा इस पेड़ के फूलो और पत्तों का रस सूंघने से बंधा हुआ जुखाम ठीक हो जाता है।
2. यदि किसी रोगी को बलगम वाली खांसी और बुखार है , तो ऐसे रोग में अगस्त के पेड़ की छाल को पीसकर बारीक़ चूर्ण बना ले । इस चूर्ण को पान के पत्ते के रस मिलाकर पीने से ये बीमारी ठीक हो जाती है । इस उपचार को एक दिन में कम से कम ३ बार करने से जल्दी आराम मिलता है ।
अगस्त
के पौधे की जड़ की छाल और पत्तों को पीसकर इसका रस निकाल ले । इस निकाले हुए रस में शहद मिलाकर एक दिन में तीन बार पीने से मलगम वाली खांसी और फेफड़े से सम्बंधित रोग ठीक हो जाता है । इसके आलावा अगर ज्वर में जो फोड़े फुंसिया हो जाते है तो उसे अगस्त के पेड़ की छाल का हिम २० से ३० ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम खाली पेट खाना चाहिए । । इस प्रयोग से मानव हमेशा स्वस्थ रहता है ।
बच्चों
के
विकार : -
बच्चे
का स्वास्थ्य यदि ठीक हो तो वे हमेशा खेलते मुस्कुराते रहते है। लेकिन जब उनका स्वास्थ्य ठीक न हो तो वे चिड़चिड़े हो जाते है और बहुत जयादा रोते रहते है। ऐसी अवस्था में अगस्त के पत्तों का रस निकालकर ५-१०
ग्राम की मात्रा में बच्चों को देने से २-३
बार दस्त होकर सब विकार ठीक हो जाते है, इस प्रयोग का लगातार अनुकरण
न करे अन्यथा बच्चे को दस्त अधिक हो सकते है ।
रक्तस्राव
यदि
कोई मनुष्य रक्तस्राव से पीड़ित है और घाव ठीक नहीं होते है
तो ऐसे रोगी को अगस्त के फूलो व कच्ची फलियों का शाक बनाकर खाना चाहिए । इस विधि के उपयोग से रक्तस्राव का रोग ठीक हो जाता है और रोगी के घाव भरने
लगते है । अगस्त के पत्तों को थोड़ा गर्म करके फोड़े - फुंसियों
वाले स्थान पर बांधने से फोड़े फूटकर बह जाते है और इस बीमारी से छुटकारा मिल जाता है ।
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