अन्नद्रव शूल और परिणामशूल का आयुर्वेदिक तरीके से ईलाज
यह रोग भी बासी भोजन, दूषित पानी , असमय या अधिक सोने से ,
व्यायाम न करने से , आवश्कता से अधिक खाने से , अधिक ठन्डे पदार्थों का सेवन करने
से हो सकता है.
उपचार -
मुलेठी क्वाथ :-
२०० ग्राम
सोंफ
:- १०० ग्राम
किसी एक बड़े बर्तन में ४०० मिलीलीटर पानी लेकर इसमें एक
चम्मच उपर लिखी औषधि को मिलाकर धीमी – धीमी आंच पर पकाये | पकते – पकते जब इसका
पानी मात्र १०० ग्राम शेष रह जाए तो इसे छानकर सुबह और शाम के समय खाली पेट पी लें
| इस उपचार को करने से अन्न द्रव का दर्द और परिणाम शूल रोग ठीक हो जाता है |
अन्नद्रव शूल , परिणामशूल |
२. अविपत्तिकर चूर्ण
:- १०० ग्राम
धनिया चूर्ण
:- ५० ग्राम
शंख भस्म
:- १० ग्राम
कामदुधा रस
:- १० गर्म
मुक्ताशुक्ति
:- १० ग्राम
मोती पिष्टी
:- ४ ग्राम
इन सभी औषधियों को अच्छी तरीके से आपस में मिलाकर एक मिश्रण
बना लें | इस मिश्रण को रोजाना एक दिन में कम से कम तीन बार एक एक चम्मच ठन्डे
पानी के साथ प्रयोग करे | यह विधि सबसे उत्तम और फायदेमंद है |
नोट :- यदि किसी भाई या बहन को कब्ज की शिकायत या परेशानी भी
रहती है तो उस बंधू जन को उदरकल्प चूर्ण , हरीतकी चूर्ण , या त्रिफला चूर्ण में
ईसबगोल की भूसी को मिश्रित या मिलाकर हल्के गर्म या गुनगुने पानी के साथ एक चम्मच
की मात्रा में सेवन करे, कब्ज वाले रोगी को ठंडा पानी बिलकुल नहीं पीना चाहिए ये
आपके रोग को ठीक नहीं कर सकता , सैदेव गुनगुना पानी ही पीये | इस विधि का प्रयोग रात को सोने से पहले करे |
anndravshool or parinaam shool ann drava shool ka ayurvedic ilaj sambhav, hai , ye rog baasi bhojan ke khaane se or dushit paani ke peene se hota hai , ydi is bimari mein rogi ko kabj bhi saath saath hai to trifala churan , haritki churna, or udarkalp churan ka sevan gungune paani ke saath kare, mulheti kwath or sauf ko paani mein ubale or aadhi raha jaane ke baad isko pee le , avipatikar churan, shankh bhasma, dhaniya churan, kaam dhadi rasa, mukta shakti, moti pishti ka sevan karne se rogi ko andrawa shool or dard ya praninaam shol ke dard se mukti milti hai , saath hi saath parhej bhi khoob karne hai,
No comments:
Post a Comment