अल्सरेटिव कोलाइटिस का आयुर्वेदिक ढंग से ईलाज colitis
यह बीमारी हमारी आंत से जुडी हुई होती है | इस बीमारी में हमारे शरीर की आंत में जकडन के साथ साथ सूजन हो जाती है और जलन भी होने लगती है | कुछ समय बाद आंत में छोटी फुंसियाँ हो जाती है या घाव भी बन जाता है | जो हमारे शरीर में फैल जाते है | इस बीमारी को ठीक करने के लिए एक आयुर्वेदिक ईलाज है जो इस प्रकार से है :-
१. बिल्वादी चूर्ण :- १०० ग्राम
२. गंगाधर चूर्ण :- ५० ग्राम
३. शंख भस्म :- १० ग्राम
४. कपर्दक भस्म :- १० ग्राम
५. कहरवा पिष्टी :- १० ग्राम
अल्सरेटिव कोलाइटिस |
इन सभी सामग्रियों को आपस में मिलाकर मिश्रण बना लें | इस मिश्रण की एक चम्मच की मात्रा को पानी के साथ खाने के लगभग आधा घंटा पहले सेवन करे |
२. कटुजघन वटी :- ४० ग्राम
इस औषधि की २ -२ गोली रोजाना सुबह और शाम खाने के बाद हल्के गर्म पानी के साथ सेवन करे |
३. कटुजरिष्ट :- ४५० मिली लीटर
इस औषध की चार चम्मच में 4 चम्मच पानी की मात्रा मिलाकर प्रतिदिन सुबह के समय और शाम के समय खाना खाने के बाद इसका सेवन करे |
नोट :- इस बिमारी से पीड़ित व्यक्ति को दूध या दूध से बनी हुई वस्तुओं का प्रयोग नहीं करना चाहिए | छाछ से भी परहेज रखना चाहिए |
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bhasma, kaharva pisthi, katujagan vati, katujristha vati , ulcerative colaitis
rog mein rogi ko thode din ke liye doodh ka tyag kar dena chahiye, ye rog hamari aanto or Intestine se related
hai , is bimari ka upchaar or ilaj samy par karwana jaroori hai, anytha aapko
preshaani ho skati hai , aanto or intestine mein jakdan sujan hone lagti hai ,
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