उदररोग / Abdominal disease
मन्दाग्नि जो हमारे पेट का मुख्य
स्थान है यदि यहाँ पर सभी गतिविधियाँ ठीक तो हम स्वस्थ है लेकिन मन्दाग्नि की
कार्य क्षमता कम होने पर रोग हमारे नजदीक आने लगते है | इसको पेट की सभी बीमारियों
का मुख्य कारण माना जाता है | जैसे अन्न्वह
, अम्लपित , रसवह , पेचिस , स्वेद , एसिडिटी , पुरीषवह स्त्रोत , उदकवह , आदि बिमारिया
और विकार हो जाते है |
जिन व्यक्तियों का अग्निमंध्य
कमजोर होता है और वह मलिन और दूषित भोजन का लगातार खाने में प्रयोग करता है स्वच्छ
जल भी ग्रहण नहीं करता है | तो उसके भोजन का पाचन पूरी तरह से नहीं हो पाता है |
इसके कारण हमारे शरीर में पेट संबंधी बीमारियाँ होने लगती है |
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Udar Rog उदररोग |
पेट से जुडी हुई समस्या का ईलाज
सामग्री :- १. सर्वकल्प क्वाथ
:- ३०० ग्राम
इस औषध को बनाने के लिए किसी एक
बड़े बर्तन में ४०० मिलीलीटर पानी लेकर इसमें एक चम्मच सर्वकल्प क्वाथ मिलाकर धीमी – धीमी आंच पर पकाए | पकते –
पकते जब इसका पानी १०० ग्राम शेष रह जाए | तो इसे छानकर खाली पेट सुबह और शाम के
समय पी लें | इसके पीने से पेट की जुडी हुई समस्या और पुराने रोग भी ठीक हो जाते
है |
२. चित्रकादी वटी :-
४० ग्राम
उदरामृत वटी :- ६० ग्राम
इस औषधी की २- २- गोली सुबह और
शाम खाना खाने के बाद हल्के गर्म पानी के साथ सेवन करने से भी पेट से जुडी हुई
समस्या ठीक हो जाती है |
कुमार्यासव :-
४५० मिलीलीटर
पुनर्नवरिष्ट :- ४५० मिलीलीटर
इन दोनों औशधियों को आपस में
मिलाकर चार चम्मच की मात्रा में चार चम्मच ही पानी मिलाकर प्रतिदिन खाना खाने के
बाद इसका सेवन करे | जल्दी ही सेहत में सुधार होगा और आपको आराम मिलेगा.
त्रिफला चूर्ण :-
१०० ग्राम
हरीतकी चूर्ण
:- १०० ग्राम
इस चूर्ण की एक चम्मच की मात्रा
को गर्म पानी के साथ रात के समय सोने से पहले खाने से पेट की सारी परेशानियां ठीक
हो जाती है |
udar rog ya bimari hamare pet se sambandhit diseases hai , we can say its abdominal diseases, in ayurveda we hvae source to get it treated , ayurveda mein udar ki bimari ka safal ilaj or upchar bataya gaya hai, trifala churan, haritki churan, kumaryasav, punarnavristh, chitrakadi vati, udramrit vati, sarvkalp kwath, stomach or pet se related jitni bhi bimari hai vo sab hamare khaan paan ke karan hoti hai , agar dushit bhojan karte hai tabhi ye rog janm lete hai , isliye time par khaan or samy par sona chahiye, surya ugne se pahle hume bistar chod dena chahiye, we
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