रसवह स्त्रोत की बीमारी / rasa vaha strots , srotas
इसका मुख्य स्त्रोत इंसान का दिल , दश और रसवाही धमनियां है |
इस बीमारी में प्रमुख परेशानी - तेज बुखार , आमवात , नशा छाया रहन , मदात्यय और बदन दर्द इत्यादि है |
ज्वर शांत करने के लिए जड़ी बूटी :-
ज्वरनाशक क्वाथ
:- २०० ग्राम
सर्वकल्प क्वाथ
:- १०० ग्राम
इन दोनों औषधियों को आपस में
मिलाकर एक मिश्रण बना लें | फिर किसी बर्तन में ४०० मिलीलीटर पानी लेकर इसमें औषध के
मिश्रण की एक चम्मच की मात्रा मिलाकर धीमी – धीमी आंच पर पकाने के लिए रख दें |
पकते – पकते जब पानी की मात्रा १०० ग्राम शेष रह जाए तो इसे सूती वस्त्र से छानकर
खाली पेट सुबह और शाम के समय पी लेने से बुखार में आराम मिल जाता है |
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Rasa Vaha Srotas रसवह |
२. ज्वरनाशक वटी :- ४० ग्राम
इस आयुर्वेदिक जड़ी – बूटी की २ –
२ गोलियाँ प्रतिदिन सुबह और शाम के समय खाए | इस औषधी को उपर लिखे पकाए हुए पानी के साथ खाए | इस उपाय को करने से बुखार जल्दी ठीक हो जाता है
|
सामग्री :-
१. महासुदर्शनघन वटी :- ४० ग्राम
२. आरोग्यव्र्धानी वटी :- ४० ग्राम
३. गिलोयघन वटी :- ४० ग्राम
इन तीनो औषधियों को मिलाकर इनकी छोटी – छोटी गोलियां बनाकर
रोजाना सुबह और शाम खाना खाने के बाद खाएं | इन गोलियों का सेवन हल्के गर्म पानी
के साथ करे | बहुत फायदा मिलेगा |
१. अमृतारिष्ट :- ४५० मिलीलीटर
किसी भी आयुर्वेदिक कम्पनी का अमृतारिष्ट लेकर इसे रोजाना सुबह और शाम
खाना खाने के कुछ देर बाद सेवन करे | इस औशधि की ४ चम्मच की मात्रा में चार चम्मच पानी मिलाकर पीये | रोगी का बुखार तुरंत ठीक हो जाएगा |
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