अनिमिया / अनीमिया / अनेमिया और जौंडिस की बीमारी का आयुर्वेदिक तरीके से ईलाज :-
जब व्यक्ति के शरीर में रक्त की
कमी हो जाये तो इस अवस्था को अनीमिया की बीमारी कहते है अनिमिया की बीमारी में
रोगी के सरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है और लौह तत्व कम हो जाते है, यह
रोग उचित पोषण की कमी और मलिन भोजन करने के कारण होता है , आइये इसके उपचार के
बारे में जानते है,
सामाग्री :-
१.
सर्वकल्प क्वाथ :- २०० ग्राम
२. वृक्कदोषहर क्वाथ :-
१०० ग्राम
३. मुनक्का :- ५ या ७ नग
४. उन्नाव :- ५ या ६
सबसे पहले एक बड़े बर्तन में लगभग
४०० मिलीलीटर पानी लें | इस पानी में सर्वकल्प क्वाथ , .
वृक्कदोषहर क्वाथ का एक चम्मच मिश्रण मिला दे | इस मिश्रण के
आलावा आधा चम्मच सोंफ , मुनक्का के ५ या ७
दाने और ५ या ६ उन्नाव
मिलाकर धीमी – धीमी आंच पर पकने के लिए रख दें | पकते – पकते जब इसका पानी
लगभग १०० ग्राम शेष रह जाए तो इसे छानकर सुबह और शाम खाली पेट पीये | इस उपयोग को
रोजाना करने से अनेमिया और जौंडिस से होने वाली शरीर की कमजोरी दूर हो जाती है |
और इस बीमारी से जल्दी ही राहत मिल जाती है |
Anemia in Hindi, अनीमिया |
२. प्रवाल पंचामृत
:- १० ग्राम
२
कासीस भस्म :- ५ ग्राम
३. गिलोय
सत :- १० ग्राम
४. स्वर्ण माक्षिक भस्म
:- ५ ग्राम
५. स्वर्णवसंत मालती रस :- २ ग्राम
६.मंडूर भस्म :-
१० ग्राम
इन सभी औषधियों को आपस में मिलाकर एक मिश्रण बना लें | इस
मिश्रण की बराबर मात्रा की ६० पुड़ियाँ बनाकर पीड़ित व्यक्ति को अपनी बीमारी की
अवस्था के अनुसार ही इन पुड़ियाँ का उपयोग
करना चाहिए | इस औषधि को एक दिन में दो बार सुबह और शाम खाना खाने से आधा घंटा
पहले ताज़े पानी या शहद के साथ खाए | गाय के दूध के साथ सेवन करने से इस बीमारी में
जल्दी आराम मिलता है |
नोट :- यदि किसी मनुष्य को जलोदर के
साथ जौंडिस और अनामिया का रोग हो जाता है तो उसे उपर लिखी हुई औषधि के साथ शोथरी
लौह का उपयोग करना चाहिए | इससे इस रोग से पीड़ित मनुष्य को बहुत फायदा मिलाता है |
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