पत्थरचट्टा के पौधे से करें पथरी का रोग ठीक |
पत्थरी के
रोग के लिए पत्थरचट्टे का उपयोग :- आजकल मानव के
सामने इतनी बिमारियों के नाम है | जिन्हें पहले वो जानता तक नही था | एक स्वस्थ
मनुष्य अपने सभी इच्छाओं की पूर्ति कर सकता है |मनुष्य के लिए सबसे पहले अपने शरीर
को स्वस्थ रखने की जरूरत है | आज के समय में गुर्दे से जुडी हुई कई बीमारियाँ
सामने आई है | जिसमे से पत्थरी का रोग एक है | इसके आलावा गुर्दे में दर्द , पेशाब
में जलन आदि और भी कुछ रोग है | जिनसे मनुष्य परेशान रहता है | इन समस्याओं की
संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है | इसी प्रकार के रोगों में से एक रोग
पत्थरी का भी है | जो आज के समय का एक सामान्य सा रोग बनकर रह गया है | परन्तु इस
रोग से डरने की कोई आवश्यकता नही है | क्योंकि आयुर्वेद में पत्थरी का इलाज संभव
है | गुर्दे की पत्थरी को निकालने के लिए कुल्थी और पत्थर चट्टे का पौधे का उपयोग
किया जाता है | क्योंकि इन दोनों में कुछ ऐसे तत्व होते है | जो पत्थरी जैसे कण को
भी तोडकर शरीर से बाहर निकाल देते है | कुल्थी एक बहुत ही लाभदायक औषधी है | यह
पत्थरी के रोग को ठीक करने के आलावा वात और कफ को भी हमारे शरीर से बाहर निकालती
है| कुल्थी के उपयोग से आप अपने शरीर का मोटापा भी कम कर सकते है | इसके आलावा
कुल्थी के आप यकृत के प्लीहा के रोग को भी दूर कर सकते है |
पथरी रोग कैसे होता है |
मनुष्य के शरीर का स्वस्थ होने को ही
स्वस्थ नही कहा जा सकत बल्कि अपने शरीर , अपने समाज , मानसिक , संस्कृति और आर्थिक
द्रष्टि से भी स्वस्थ रहना ही पूर्ण रूप से स्वस्थ माना जाता है | आज हम आपको
गुर्दे की पत्थरी को दूर करने के लुच उपाय के बारे में बता रहे है | जिसके उपयोग
से आप अपनी बीमारी को दूर कर सकते है | इसकी जानकारी देते हुए हम सबसे पहले बात
करते है कि पत्थरी के लक्षण क्या है |
जिन लोगों को पत्थरी है , उन्हें बड़ा
भयंकर दर्द होता है | यह ना सहने वाला दर्द है | इस दर्द की असली पीड़ा सिर्फ वही
व्यक्ति जान सकता है | जिसे यह रोग होता है | यदि आप इस दर्द को सहन नही करना
चाहते है तो | हमारे द्वारा बताई हुई कुछ विधियों का उपयोग करें | जैसे :-
अपने घर में एक पत्थरचट्टे का पौधा
लगायें | इस पौधे की किसी एक डाली या आप किसी एक पत्ते को भी लगा सकते है | यह कुछ
दिनों में अपने आप ही पौधा बन जाता है | लेकिन इस पौधे को नियमानुसार पानी दे खाद
दें | तभी ये पौधा पूरी तरह से विकसित होगा |
पत्थरचट्टे के पौधे का केवल एक पत्ता तोड़ें
| इस पत्ते का सेवन करें | यह पत्थरी को ठीक करने की एक चमत्कारी औषधी है | इसके आलावा पत्थरचट्टे के
पौधे की एक या डी पत्तियों को सब्जी में डालकर बनाएं और सेवन करें | इस उपाय को
करने से एक तो आपका सारा परिवार सुरक्षित रहेगा और साथ ही साथ आपकी पत्थरी भी गलकर
निकल जाएगी |
जिन लोगों को
बार – बार पत्थरी होती है | उन्हें हर दुसरे दिन पत्थरचट्टे के आधे पत्ते का सेवन
करना चाहिए |
धुम्रपान ना करें |
जिन लोगों को
पत्थरी का रोग है , उन्हें जर्दा , तम्बाकू , चने , सुपारी और टमाटर के बीजों का
उपयोग नही करना चाहिए |
यदि आपने
पत्थरचट्टे का पौधा नही देखा है तो हमारे लेख में पत्थरचट्टे का पौधा दिखाया गया
है |
पथरी के रोग
के लिए कुल्थी का उपयोग :- कुल्थी की औषधी बनाने की विधि इस प्रकार से है |
कुल्थी का उपयोग है लाभकारी |
विधि :- लगभग
200 से 250 ग्राम कुल्थी लें | इसे बनाने से एक रात पहले लगभग तीन से चार लीटर
पानी में भिगोकर रख दें | अगले दिन सुबह उठकर भीगी हुई कुल्थी को पानी के साथ ही
मंद आंच पर कम से कम 3 या 4 घंटे तक पकाएं | पकते – पकते जब पानी की मात्रा एक
लीटर रह जाये तो इसे आंच से उतारकर ठंडा होने के लिए रख दें | अब इस पकी हुई
कुल्थी में से 30 से 50 ग्राम की मात्रा को निकालकर देशी घी से छोंक लगायें | इस
तरह से पथरी को दूर करने के लिए औषधी तैयार है | यदि आप इसमें छोंक लगाते हुए थोडा
सा काली मिर्च का पावडर , सेंधा नमक , हल्दी , जीरा आदि डालते है | तो और भी
फायदेमंद होता है |
इस तैयार
औषधी को किस तरह से प्रयोग करना है |
प्रयोग करने की
विधि – एक दिन में एक समय दोपहर के भोजन के स्थान पर कुल्थी का तैयार किया हुआ सूप
पीयें | और उपर से एक गिलास या दो गिलास पानी अवश्य पीयें | इस उपाय को करने एक से
दो हफ्ते के अंदर गुर्दे की पत्थरी निकल
जाती है | यदि ना निकले तो इस औषधी का लगातार सेवन करते रहना चाहिए | इससे आपकी
सेहत को कोई भी नुकसान नही होगा |
यदि कोई
व्यक्ति भोजन किये बिना ना रह सके तो कम से कम एक कटोरी कुल्थी का सूप अवश्य पीये
| और इसके साथ एक रोटी खा सकते है |
कुल्थी का उपयोग है लाभकारी |
पत्थरी होने
के कारण यदि गुर्दे में सूजन आ जाती है ,तो अधिक से अधिक पानी का सेवन करें | पानी
पीने से दस दिन में ही गर्दे का दर्द ठीक हो जाता है |
कुल्थी का
उपयोग कमर दर्द के लिए भी किया जाता है | कुल्थी की दाल बनाकर रोटी के साथ खाने से
पत्थरी मूत्र के जरिये टुकड़े – टुकड़े होकर निकल जाती है | इसके आलावा यह दाल
हड्डियों की चिकनाई को भी बढाता है |
पत्थरी के
रोग में किन चीजो का सेवन है लाभकारी :- कुल्थी , खीरा , तरबूज के बीज . खरबूजे के
बीज , चौलाई का साग , मुली , आंवला , अनानास . बथुआ , जौ , मुंग की दाल , गोखुरू
आदि का सेवन लाभकारी होता है | विशेष रूप से कुल्थी का सेवन करने से पथरी 10 से 12
दिनों में निकल जाती है | लेकिन पानी पीने की मात्रा में कमी ना करें | अधिक से
अधिक पानी पीयें |
मुली का सेवन करें |
पत्थरी के
रोग में किन चीजों से परहेज करें :- पालक , टमाटर , चावल , लेसदार पदार्थ , सूखे
मेवे , चोकलेट , चाय ,मदिरा पान , मांस का सेवन बैगन और उड़द की दाल का सेवन
अहिताकरी होता है |
कुल्थी का
पानी पीना है लाभदायक :- कुल्थी का पानी पीने से गर्दे की कैसी भी पत्थरी पेशाब से
जरिये निकल जाती है | इसके आलावा यह गुर्दे में और नई पत्थरी को बनने नही देती | इसे
इस्तेमाल करने के लिए कुल्थी के दानों को अच्छी तरह से साफ करके पोलीथिन में डालकर
किसी साफ डब्बे में सुरक्षित रख दें |
पत्थरचट्टे का पौधा |
कुल्थी के
पानी बनाने की विधि :- एक बर्तन में लगभग 250 ग्राम पानी लें | इस पानी में कम से
कम 20 से 25 ग्राम कुल्थी डालकर रात के समय ढककर रख दें | अगले दिन सुबह इस पानी
को अच्छी तरह से मिलाकर खाली पेट पी जाएँ
| इसके बाद उतना ही पानी उसी भीगी हुई कुल्थी में डालकर रख दें | इस पानी को दोपहर
के समय पी लें | दोपहर को पानी पीने के बाद उतना ही पानी डालकर रख दें जिसे आप शाम
के समय पी सकते है | इस प्रकार से रात में भीगे हुई दाल के पानी को अगले दिन सुबह
, दोपहर और शाम के समय पीयें और कुल्थी के दानों कोफेंक दें | इस उपाय को एक महिना
करके देखें | गुर्दे की पत्थरी मूत्र के
द्वारा शरीर से बाहर निकल जाती है |
पालक का सेवन ना करे |
पत्थरी के लिए कुल्थी का सूप बनाने की विधि :-
लगभग 200 से 250 ग्राम कुल्थी लें | इसे बनाने से एक रात पहले लगभग तीन से चार
लीटर पानी में भिगोकर रख दें | अगले दिन सुबह उठकर भीगी हुई कुल्थी को पानी के साथ
ही मंद आंच पर कम से कम 3 या 4 घंटे तक पकाएं | पकते – पकते जब पानी की मात्रा एक
लीटर रह जाये तो इसे आंच से उतारकर ठंडा होने के लिए रख दें | अब इस पकी हुई
कुल्थी में से 30 से 50 ग्राम की मात्रा को निकालकर देशी घी से छोंक लगायें | इस
तरह से पथरी को दूर करने के लिए औषधी तैयार है | यदि आप इसमें छोंक लगाते हुए थोडा
सा काली मिर्च का पावडर , सेंधा नमक , हल्दी , जीरा आदि डालते है | तो और भी
फायदेमंद होता है | यह एक स्वादिष्ट औषधी तैयार है |
पानी का अधिक से अधिक सेवन करे |
प्रयोग करने
की विधि – एक दिन में एक समय दोपहर के भोजन के स्थान पर कुल्थी का तैयार किया हुआ
सूप पीयें | और उपर से एक गिलास या दो गिलास पानी अवश्य पीयें | इस उपाय को करने
एक से दो हफ्ते के अंदर गुर्दे की पत्थरी
निकल जाती है | यदि ना निकले तो इस औषधी का लगातार सेवन करते रहना चाहिए |
इससे आपकी सेहत को कोई भी नुकसान नही होगा |
विशेष
जानकारी :- कुल्थी का उपयोग तब तक करें जब तक पत्थरी बाहर ना निकल जाये | इसके
पानी को रोजाना पीते रहे | इसे अधिक दिनों तक पीते रहने से कोई नुकसान नही होगा |
इस औषधी को
आप एक सप्ताह में कम से कम पांच बार उपयोग करें | यह औषधी पथरी के लिए रामबाण इलाज
है | यदि भोजन के बिना नही सलते है तो एक रोटी खा सकते है |
उड़द की दाल का सेवन ना करें |
पत्थरी के
कारण यदि गुर्दे में सूजन आ जाती है | तो पानी का अधिक से अधिक सेवन करें | कुछ
दिनों में दर्द में आराम मिलता है | इसका रोजाना प्रयोग करने से शरीर का मोटापा भी
कम होता है |
कुल्थी की
औषधी का सेवन करने से प्लीहा नामक रोग से भी मुक्ति मिल जाती है |
उपरोक्त बताई
हुई विधि को जो भी पत्थरी का रोगी अपनाता है | उसे जरुर पत्थरी के रोग से मुक्ति
मिल जाती है | परन्तु इसे ठीक करने के लिए परहेज का अवश्य ध्यान रखें|
पत्थरचट्टा के पौधे से करें पथरी का
रोग ठीक , PatthrChtta Ke Poudhe
Se Kren Pathri Ke Rog Ko Thik | Patthri Ke Liye Kulthi Ka Upyog Kaese Krna Hai
| Patthri Ke Lakshan , Kya Khana Chhaiye Or Kin Chijon Se Prhej Kren |
No comments:
Post a Comment