अंगूर के फायदे और गुण , Angur . Grapes Ke Fayde Or Gun |

अंगूर के फायदे और गुण
अंगूर के फायदे और गुण
अंगूर के लाभ :- अंगूर सभी फलों में से अच्छा माना जाता है |इसका स्वाद भी अच्छा होता है | इसे दुनिया में हर व्यक्ति खाने में पसंद करता है | शायद ही कोई व्यक्ति ऐसा होगा जिसे अंगूर पसंद नही है | अंगूर मानव की आयु बढ़ाने वाला एक प्रसिद्ध फल होता है | इससे हमारे शरीर को ताकत भी मिलती है और हमारी स्किन की सुन्दरता भी बढती है | अंगूर खाने से हमे अधिक लाभ मिलता है | यह सभी फलों में से उत्तम होता है | जिसमे कोई भी दोष नही होता | इसमें बहुत तरह के पोष्टिक तत्व मौजूद होते है | जो व्यक्ति के लिए जरूरी होते है | जो व्यक्ति नीरोग होता है | उसके लिए यह एक पौष्टिक आहार है | जब अंगूर ना मिले तो आप इसके स्थान पर मुन्नका भी कहा सकते है | यह रोगी , कमजोर , स्वस्थ , बलवान सभी के लिए उपयोगी होता है | अंगूर की कई तरह की किस्मं पाई जाती है | जैसे :- काला अंगूर , लम्बे अंगूर , छोटे अंगूर आदि | इन्ही अंगूरों से किशमिश और मुनक्के बनाये जाते है | अंगूर में कैलोरी , फाइबर और विटामिन सी , इ और के की भरपूर मात्रा पाई जाती है | अंगूर का सेवन करने से सेहत और उम्र दोनों ही जवां रहती है | क्योंकि इसमें प्राकतिक गुण छिपे हुए है |  तो आइये जानते है | अंगूर के गुणों के बारे में |
Angur Ke Prkar,
Angur Ke Prkar,
अंगूर के लाभ :- अंगूर की विभिन्न किस्मे पाई जाती है | जैसे :- काले रंग के अंगूर , छोटे अंगूर , लम्बे अंगूर , बीज वाले अंगूर , आदि | जिस अंगूर में बीज नही होते उसे अच्छी तरह से सुखाकर किशमिश बनाई जाती है | जबकि काले रंग के अंगूर जिसमे बीज होते है | उससे मुनक्का बनाया जाता है | अंगूर मनुष्य के लिए एक पौष्टिक आहार होता है | जब किसी व्यक्ति को कोई बड़ा और भयंकर रोग हो जाता है | और कोई भी पदार्थ खाने पीने को नही दिया जाता तो ऐसी अवस्था में रोगी को अंगूर का सेवन करना चाहिए | अंगूर का सेवन करने से कैंसर, टीबी , बच्चों का सुखा रोग , संधिवात , फिट्स खून का विकार , अमाशय की गांठ , उपदंश , बार – बार पेशाब जाना मानव की दुर्बलता आदि रोगों को दूर हो जाता है | मानव को केवल अंगूर का सेवन करना चाहिए | इसके साथ और कोई फल ना खाएं |
 Angur Se Kren Vibhinn Rogon Ka Upchar,
 Angur Se Kren Vibhinn Rogon Ka Upchar,
बहुत से रोग ऐसे होते है | जिसमे में कोई न कोई चीज खाने से मना कर देते है | परन्तु अंगूर का सेवन किया जाता है | इससे रोगी को बल मिलता है | अंगूर के स्वाद के अनुसार ही किशमिश और मुन्नका बनाया जाता है | जैसे :- बैगनी अंगूर , लम्बे अंगूर , छोटे अंगूर और बिना बीज के अंगूर से किशमिश बनाई जाती है | इसके बाद बात करते है | इसके गुणों की |
अंगूर खाने से वीर्य वर्धक होता है | जब आप पके हुए अंगूर का सेवन करते है तो , यह आँखों के लिए अच्छा होता है | इसके साथ ही साथ इससे भूख भी बढती है | जबकि कच्चे अंगूर का सेवन करने से कफ और पित्त कम होता है |
अंगूर के ताज़े फलों का सेवन करने से खून बढ़ता है , और खून पतला होता है | इसे खाने से छाती से जुडी हुई समस्या नही होती |  
अंगूर से करें विभिन्न रोगों का इलाज :-
मूर्छा का रोग :- इस रोग को ठीक करने के लिए मुन्नका ,और आंवले को एक सामान मात्रा में लेकर उबाल लें | उबलने के बाद इसे अच्छी तरह से पीस लें | अब इसमें शुंठी का चूर्ण , भी मिलाकर एक मिश्रण बनाएं | इस मिश्रण को शहद के साथ खाने से मूर्छा यानि बेहोशी दूर हो जाती है |
Chati Ke Rogon Ke Liye Upyogi
Chati Ke Rogon Ke Liye Upyogi
मिश्री , अनार के पेड़ की छाल और खसखस की एक सामान मात्रा लें | अब इन सभी को कूटकर पानी में भिगाकर रख दें | इन सभी मिश्रण में लगभग 25 ग्राम मुनक्का भी भिगाकर रखे | अगले दिन सुबह इस पानी को अच्छी तरह से मसलकर पानी को छान लें | इस पानी की 3 खुराक बनाकर सुबह , दोपहर और शाम के समय पीयें | लाभ मिलता है |
चक्कर आना :- यदि किस व्यक्ति को चक्कर आता हो तो , 100 से 150 ग्राम मुनक्का को घी में भूनकर उसमे थोडा सा सेंधा नमक मिलाकर खाएं | इस उपाय को करने से चक्कर आना बंद हो जाता है |
ANGUR KE STHAN PR MUNKKA KA UPYOG KREN
ANGUR KE STHAN PR MUNKKA KA UPYOG KREN 
मुंह के रोग के लिए :- मुनक्का के लगभग 8 से 10 दानो के साथ जामुन के पेड़ के 3 या 4 पत्तों को पानी में डालकर काढ़ा तैयार करें | इस काढ़े से कुल्ला करने से मुंह का रोग ठीक हो जाता है |
नाक से खून आना :- अंगूर का रस निकालें | इस रस को नाक में एक या दो बूंद डालें | इस उपाय को करने से नाक से खून आना रुक जाता है |
सिर का दर्द :- मुनक्का , के 8 से 10 दानों में थोड़ी सी मिश्री और मुलहठी के चूर्ण को पीसकर सूंघने से सिर का दर्द दूर हो जाता है |
मुंह से बदबू आना :- मानव के शरीर में जब कफ होता है, तो इससे मुंह में से बदबू आने लगती है | इस समस्या को दूर करने के लिए रोजाना 4 या 5 मुनक्का के दाने खाएं |
Glgranthi Ke Rogon Ke Liye Upyogi
Glgranthi Ke Rogon Ke Liye Upyogi
सीने के घाव के लिए :- धान की खिल और मुनक्का की 10 – 10 ग्राम की मात्रा लें | इन दोनों को कुछ समय के लिए पानी में भिगाकर रख दें |लगभग 2 घंटे के बाद इस पानी को छानकर उसमे मिश्री , शहद और घी की 5 – 5 ग्राम की मात्रा मिलाकर औषधी बनाएं | इस औषधी को दिन में बार – बार ऊँगली से चाटकर खाएं | इस उपाय को करने से सीने का घाव दूर हो जाता है |
सुखी खांसी के लिए :- आंवला , खजूर , पिप्पली , काली मिर्च और द्राक्षा नामक औषधी को आपस में मिलाकर पीस लें| इसकी चटनी बनाकर खाने से सुखी खांसी में और कुत्ते की खांसी में आराम मिलता है |
टी , बी का रोग :- घी , खजूर , मिश्री , शहद , पिप्पली , मुनक्का आदि को आपस में मिलाकर सेवन करने से खांसी , बुखार , जीर्ण बुखार और टी . बी के रोग नष्ट हो जाते है |
मुनक्का मिश्री का मिश्रण
मुनक्का मिश्री का मिश्रण 
दुषित कफ विकार:- मुनक्का के 8 या 10 दानों में थोड़ी सी मिश्री , और दो ग्राम, कत्थे को पीसकर मुंह में कुछ देर तक रखें | ऐसा करने से दुषित कफ के विकारों को लाभ मिलता है |
पित्तज खांसी :- इस रोग को दूर करने के लिए 8 से 10 मुन्न्क्के के दाने , 25 से 30 ग्राम पिप्पली और ४५ से 50 ग्राम मिश्री को आपस में मिलाकर एक मिश्रण बनाएं | इस मिश्रण को शहद के साथ रोजाना चाटें | पित्तज कास के रोग में लाभ मिलता है |
पेट साफ रखें :- मुनक्का के कुछ दानों को अच्छी तरह से साफ करके उसमे से बीजों को निकाल लें | अब इन मुनक्का के दानों को दूध में अच्छी तरह से उबाल लें | इसके बाद दूध और मुनक्के का सेवन करें |आपका दस्त होकर पेट साफ हो जायेगा |
गलग्रन्थि :- मुनक्का को पीसकर उसका रस निकलें | इस रस में हरड का एक ग्राम चूर्ण मिलाएं | इस तरह से यह एक औषधी तैयार है | इस औषधी का सेवन सुबह और शाम के समय करें | गल ग्रंथि का रोग दूर हो जाता है |
Kaf Ko Shrir Se Bahr Nikalne Ke Liye Upyogi
Kaf Ko Shrir Se Bahr Nikalne Ke Liye Upyogi
दस्त के लिए ;- मुनक्का के 15 से 20 दाने , अंजीर के 5 पीस , सौंफ , स्नाय , अमलतास का गुदा .गुलाब के फूलआदि को आपस में मिलाकर काढ़ा बनाएं | इस काढ़े में गुलकंद को मिलाकर पीने से लाभ मिलता है |
रात को सोने से पहले कुछ मुनक्कों को घी में भूनकर उसमे थोडा सा सेंधा नमक मिलाकर खाने से नींद अच्छी आती है | इसके आलावा सोने से पहले आप जरूरत के अनुसार दूध में किशमिश भी मिलाकर पी सकते है | इन उपाय को करने से आपकी सेहत अच्छी रहती है |
भोजन में अरुचि की समस्या ;- लगभग 7 से 8 दाने मुनक्के के , काली मिर्च के 5 से 6 दाने , भुना हुआ जीरा , सेंधा नमक को आपस में मिलाकर इसमें टाटरी की 500 मिलीग्राम की मात्रा को मिलाकर चटनी बनाएं | इस चटनी का सेवन करने से आपकी कब्ज दूर हो जाती है | इसके आलावा यदि आपको भूख ना लगती हो और खाने का दिल ना करें | तो इस चटनी का सेवन करें | इससे इन सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है |
पित्तज शूल :- अंगूर और अदुसे का काढ़ा बनाकर लगभग 50 मिलीलीटर की मात्रा में पीने से पित्त कफ से जुड़ा हुआ दर्द और पेट में होने वाला शूल दूर हो जाता है |
अम्लपित्त :- मुनक्का , और हरड की एक समान मात्रा लें | इन दोनों में शक्कर मिलाकर मिश्रण बनाएं | इस तैयार मिश्रण की छोटी – छोटी आकार की गोलियां बना लें | इन गोलियों में से रोजाना एक गोली सुबह के समय और एक गोली शाम के समय ठन्डे पानी के साथ खाएं | इस उपाय को करने से अम्लपित्त , हृदय कंठ की जलन , अपच और अधिक प्यास लगने जैसी सारी परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है | इसके आलावा एक और आसन सा उपाय है | जो इस प्रकार से है | मुनक्का के 10 से 15 दानों के साथ सौंफ के दानो को मिलाकर पानी में भिगाकर रख दें | अगले दिन सुबह उठकर इस पानी को में मिलाएं हुए सौंफ और मुनक्के को अच्छी तरह से मसलकर पानी को छानकर पी लें | इस उपचार को करने से अम्लपित्त का रोग दूर हो जाता है |
Pet Ke Rogon Ke Liye
Pet Ke Rogon Ke Liye
कामला या पीलिया का रोग :- बीज रहित मुनक्के के चूर्ण में 8 लीटर पानी और आधा किलो पुराना घी मिलाकर अच्छी तरह से पकाएं | पकते – पकते जब केवल घी मात्र रह जाये तो इसे आंच से उतारकर ठंडा होने के लिए रख दें | इसके बाद इस मिश्रण को छान कर अलग कर लें | इस औषधी की 5 से 10 ग्राम की मात्रा का सेवन करने से पीलिया या कामला का रोग ठीक हो जाता है |
पत्थरी का रोग :- काले रंग के अंगूर की लकड़ी को जलाकर राख बना लें |इस राख की 10 ग्राम की मात्रा लेकर पानी में मिलाकर  पीयें | इस उपाय को करने से पेशाब के जरिये पत्थरी शरीर से बाहर निकल जाती है और साथ ही साथ शरीर में पथरी को बनने से भी रोकता है | इस उपाय के आलावा एक और उपाय है | जिससे आप अपनी पथरी को दूर कर सकते है | अंगूर की 6 ग्राम भस्म को गोखरू के साथ मिलाकर काढ़ा तैयार करें | इस तैयार काढ़े को पीने से पथरी का रोग दूर हो जाता है | यदि आप मुनक्के के कुछ दानो में काली मिर्च के दानो को मिलाकर पीसकर खाते है तो इससे आपकी पथरी की समस्या दूर हो जाती है |
अंगूर के रस में थोडा सा केसर मिलाकर एक मिश्रण बनाएं | इस मिश्रण का सेवन करने से पथरी का रोग कम हो जाता है |
अंगूर के रस का सेवन है लाभकारी
अंगूर के रस का सेवन है लाभकारी 
पेशाब करने में जलन होना :-इस रोग को मूत्रकृच्छ का भी रोग कहते है | इस रोग को कम करने के लिए या फिर दूर करने के लिए मुनक्के , मिश्री को पीसकर दही के साथ खाएं | यह समस्या सुर हो जाएगी | इसके आलावा पाषण भेद , मुनक्का , पुनर्नवा की जड़ , अमलतास का गुदा की 6 – 6 ग्राम की मात्रा में लेकर आधा किलो पानी मिलाकर पकाएं | जब इस मिश्रण का आधे से भी कम भाग रह जाये तो इसे छानकर ठंडा होने के बाद पीयें | इस उपाय को करने से मूत्रकृच्छ का रोग और उससे होने वाली तमाम परेशानियाँ दूर हो जाती है |
रात के रखे हुए पानी में मुनक्का के दाने को पीसकर चटनी बना लें | इस चटनी को पानी के साथ खाएं | मूत्रकृच्छ का रोग और उससे होने वाली तमाम परेशानियाँ दूर हो जाती है |
अंडकोष की वृद्धि के लिए उपचार :- अंगूर के पौधे की कुछ पत्तियों को लेकर उस पर थोडा सा घी लगा लें | इस घी लगे हुए पत्ते को आग पर थोडा गर्म कर लें | इन पत्तों को अंडकोष के फोड़ों पर बांधने से फोड़ों की सूजन बिखर जाती है |
अंडकोष के रोग के लिए उपयोगी
अंडकोष के रोग के लिए उपयोगी 
बल और पुष्टि के लिए :- छुहारा मुनक्का और मखाना आदि को आपस में मिलाकर दूध में डालकर खीर बना लें | इस तरह से तैयार की हुई खीर को खाने से खून और मांस की वृद्धि होती है | और हमारा शरीर पुष्ट बनता है | इसके आलावा एक और उपाय है | जिससे आप अपने शरीर को पुष्ट बना सकते है | मुनक्का , किशमिश , ब्राहमी , छोटी इलायची , बादाम , खरबूजे की गिरी और बबूल की पत्तियों को आपस में मिलाकर पीस लें | इस मिश्रण का सेवन करने से शरीर की गर्मी शांत हो जाती है | और साथ ही साथ शरीर पुष्ट बनता है |
रोजाना सुबह के समय मुनक्का के 20 से 25 ग्राम के दानो को खाएं | इसके उपर दूध पी लें | इससे आपका बुखार उतर जाता है | और शरीर पुष्ट हो जाता है |
रात के समय पानी में थोड़े से किशमिश को भिगाकर कर रख दें | अगले दिन सुबह के समय मसल – मसलकर छान लें | उस पानी को पीने से शरीर की कमजोरी दूर हो जाती है | इसके आलावा एसिडिटी और अम्लपित्त का रोग ठीक हो जाता है |
किशमिश का उपयोग करें
किशमिश का उपयोग करें 
रात को सोने से पहले मुनक्का खाएं | और उपर से पानी पी लें | इस उपाय को करने से कुछ ही महीनों में शरीर की कमजोरी दूर हो जाती है | लेकिन इस उपाय को जरूरत से अधिक नही करना चाहिए | नही तो दस्त हो सकते है | अपनी शरीर की क्षमता के अनुसार ही इस औषधी का प्रयोग करना चाहिए |
जलने पर उपचार :- रात के समय 15 से 20 नग मुनक्का को पानी में भिगोकर रख दें | अगले दिन सुबह के समय इसे अच्छी तरह से मसलकर पानी को छान लें | इस पानी में सफेद जीरे का चूर्ण और मिश्री या चीनी मिलाकर पीयें | इस उपाय को करने से पित्त के कारण होने वाली जलन दूर हो जाती है |  
लगभग 10 ग्राम की मात्रा में किशमिश को आधे किलो गाय के दूध में मिलाकर अच्छी  तरह से पका लें | इस पके हुए दूध को रात के समय पीकर सो जाएँ | जलन ठीक हो जाती है | इसके आलावा 10 ग्राम मुनक्का और 10 ग्राम किशमिश को आपस में मिलाकर चबा – चबाकर खाएं | इससे भी जलन दूर हो जाती है |
80 ग्राम किशमिश गिलोय का पिसा हुआ चूर्ण , जीरा और चीनी आदि की 10 -10 ग्राम की मात्रा लें | इन सभी को आपस में मिलाकर किसी बर्तन में डालें | इसमें गया का घी भी मिला दें | इसमें इतना घी मिलाएं कि ये सारा मिश्रण घी में भीग जाये | इस औषधी की 10 से 20 ग्राम की मात्रा को खाने से एक या दो सप्ताह में ही चेचक का रोग होने के बाद जो शरीर में जलन होती है , वह जलन शांत हो जाती है | यह एक असरदार उपाय है |
जलन के लिए उपचार करें
जलन के लिए उपचार करें 
सन्नीपात ज्वर :- जब किसी व्यक्ति की जीभ सुख जाये या फट जाये तो उस पर 2 या 3 अंगूर को एक चम्मच शहद के साथ पीसकर उसमे थोडा सा घी मिलाकर लेप लगायें | इस रोग के लिए यह एक लाभकारी उपाय है |
पित्त ज्वर :- अमलतास का गुदा और काले अंगूर को पानी में मिलाकर काढ़ा बनाएं | इस काढ़े की 50 से 60 मिलीलीटर की मात्रा का सेवन करने से पित्त का ज्वर दूर हो जाता है | इस उपाय को रोजाना सुबह से शाम के समय करें |  
दाह ज्वर :- अंगूर का शर्बत बनाएं | इस शर्बत को रोजाना पीने से दाह ज्वर शांत हो जाता है | यदि आपको अधिक प्यास लगे तो अंगूर और मुलहटी को मिलाकर काढ़ा बनाएं | इस तैयार काढ़े को दिन में दो या तीन बार 50 मिलीलीटर की मात्रा में पीयें | इस उपाय को करने से दाह ज्वर के रोग में लाभ मिलता है | इसके आलावा आंवला और मुनक्का की एक समान मात्रा में लेकर बारीक़ पीस लें | पीसने के बाद इसमें थोडा सा घी मिलाएं | इस मिश्रण की थोड़ी सी मात्रा को मुंह में रखें | यह उपचार बहुत ही लाभकारी होता है |
रक्त पित्त :- दूध :- 160 मिलीलीटर
किशमिश   :- 10 ग्राम
पानी    :- 640 मिलीलीटर
इन सभी को आपस में मिलाकर अच्छी तरह से आंच पर पकाएं | जब इस मिश्रण की आधी से भी कम मात्रा में रह जाये तो , इसमें थोड़ी सी मिश्री मिलाकर पीयें | इस उपाय को करने से रक्त पित्त का रोग दूर हो जाता है |
मुलहटी , गिलोय , मुनक्का का मिश्रण
मुलहटी , गिलोय , मुनक्का का मिश्रण 
 मुलहटी , गिलोय , मुनक्का , आदि की एक समान मात्रा लें | अब इन सभी को आपस में मिलाकर कुट लें | अब इस मिश्रण को आधे लीटर पानी में डालकर काढ़ा बनाएं | इस काढ़े का सेवन करने से रक्त का विकार दूर हो जाता है |
गुलर के पेड़ की जड़ , मुनक्का , और धमासा आदि की 10 -10 ग्राम की मात्रा लें | अब इन सभी को कूटकर के मिश्रण बनाएं | इस मिश्रण को पानी में डालकर काढ़ा बनाएं और सेवन करें | इसका सेवन करने से रक्त पित्त जलन , मुंह की सूजन , कफ के साथ खून आना और अधिक प्यास लगना आदि सभी समस्या दूर हो जाती है | यह एक असरदार उपाय है |
रक्त पित्त के लिए और भी अन्य उपाय :- अंगूर का रस निकालें | इस रस की 50 से 100 मिलीलीटर की मात्रा में घी और चीनी मिलाकर खाने से यह समस्या दूर हो जाती है | इसके आलावा मुनक्का के कुछ दानो को पके हुए गुलर के फल के साथ मिलाकर पीस लें | अब इसे शहद के साथ चाटें | इस उपाय को रोजाना सुबह से शाम के समय करें | लाभ मिलता है| मुनक्का के कुछ दानो को हरड के साथ पानी मिलाकर पीस लें | इस मिश्रण की 6 से 8 ग्राम की मात्रा को बकरी के दूध के साथ पिलायें |
स्किन के रोग :- जब बसंत का मौसम आता है तो अंगूर की टहनी को तोडकर पीस लें और इसका रस निकाल लें | इस रस को स्किन पर लगाने से स्किन की प्रॉब्लम दूर हो जाती है |
धतूरे का जहर :- धतूरे के जहर को दूर करने के लिए अंगूर के 10 मिलीलीटर के रस में सिरका मिलाकर एक मिश्रण बनाएं | इस मिश्रण को दूध में मिलाकर दिन में कई बार पिलायें | इसके आलावा रोगी को उल्टी करके शरीर में से जहर को निकाला जाता है | उल्टी करवाने के लिए रोगी को 10 से 20 ग्राम किशमिश को दूध में मिलाकर पकाएं | और रोगी को दें |
अंगूर के रस का सेवन करें
अंगूर के रस का सेवन करें 
नशे को छुड़ाने के लिए :- जो लोग सिगरेट , चाय , कोफ़ी , जर्दा और शराब का सेवन करते है | उन्हें रोजाना अंगूर  का सेवन करें | यह समस्या दूर हो जाती है |
महिला के स्तनों के दूध में वृद्धि के लिए उपाय :- जिन महिलाओं के स्तनों में दूध की कमी है तो उसे रोजाना अंगूर का सेवन करना चाहिए | क्योंकि अंगूर खाने से दूध में वृद्धि होती है | यदि प्रसव होने के बाद अधिक खून का बहाव होता है | तो इस खून की कमी को पूरा करने के लिए रोजाना अंगूर का सेवन करें | यह खून में रक्त कणों की वृद्धि होती है |
ताकत बढ़ाने के लिए
ताकत बढ़ाने के लिए
ताकत बढ़ाने के लिए :- जो लोग शरीरिक रूप से कमजोर होते है ,तो उन्हें रोजाना अंगूर के रस का सेवन करना चाहिए | इससे शरीर में खून बनता है | , खून पतला होता है | यदि इस उपाय को रोजाना करने से शरीर मोटा होता है | अंगूर के रस का सेवन करने से पाचन शक्ति ठीक रहती है | जिससे कब्ज की समस्या नही होती | भोजन खाना से यह जल्दी पच जाता है और शरीर की कमजोरी भी दूर हो जाती है | इसके आलावा सिर का दर्द , बेहोशी के दौरे पड़ना , चक्कर आना , छाती के रोग , टी ,बी का रोग और रक्त विकार को दूर करता है | यह हमारे शरीर में उपस्थित विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है |  
बार – बार पेशाब आने की समस्या :- जिन लोगों को बार – बार पेशाब आता है | तो उन्हें रोजाना अंगूर का सेवन करना चाहिए | इसका सेवन करने से लाभ मिलता है |
गुर्दे के दर्द को दूर करें :- अंगूर के बेल की कुछ ताज़े पत्तियों को पीसकर पानी में मिलाकर छान लें | इस छने हुए पानी में थोडा सा नमक डालकर पी लें | इस उपाय को करने से गुर्दे के दर्द की समस्या से छुटकारा मिल जाता है |
अनियमित मासिक धर्म के लिए
अनियमित मासिक धर्म के लिए 
अनियमित मासिक धर्म और श्वेत प्रदर :- रोजाना 100 ग्राम अंगूर को खाने से अनियमित मासिक धर्म और श्वेत प्रदर की समस्या ठीक हो जाती है | और साथ ही साथ स्वास्थ्य ठीक रहता है |  
घबराहट को दूर रहे :- जब किसी मनुष्य को घबराहट होती है | तो उसे अंगूर का सेवन करना चाहिए |
बच्चों के दांत निकलते समय के दर्द के लिए :- जब किसी बच्चे को दांत निकलते है तो बच्चा चिडचिडा हो जाता है | ऐसी अवस्था में बच्चे को रोजाना अंगूर के रस की 2 चम्मच की मात्रा पिलानी चाहिए | इस उपाय को करने से बच्चे के दांत आसानी से और जल्दी ही निकल जाते है | बच्चा हमेशा हसमुख रहता है | अंगूर के रस का सेवन करने से बच्चे में सुखा रोग नही होता | बच्चा सुडौल बनता है | इसके आलावा बच्चे को यदि अंगूर का रस अच्छा ना लगे तो इसमें थोडा सा शहद भी मिला सकते है | ऐसा करने से बच्चे को दौरे नही पड़ते और चक्कर भी नही आते | यह एक असरदार उपाय है | जब बच्चे को दांत निकलते है तो उस समय बच्चे को अधिक तकलीफ होती है| ऐसे में बच्चे को अंगूर का रस देना चाहिए | इससे दर्द भी कम होता है | बच्चा स्वस्थ रहता है और दांत मजबूत बनाते है | यदि बच्चे को दांत निकलते समय अंगूर के रस में शहद मिलाकर खाने दर्द कम होता है | दांत मजबूत बनाते है |
अंगूर में पाए जाने वाले तत्व
अंगूर में पाए जाने वाले तत्व 
जुकाम की समस्या :- जिन लोगों को बार – बार जुकाम होता है | उन्हें रोजाना कम से कम 50 ग्राम अंगूर का सेवन करना चाहिए | यह समस्या दूर हो जाती है |
गठिया का रोग ;- अंगूर में कुछ ऐसे तत्व होते है | जो हमारे शरीर में से उन तत्वों को बाहर निकालता है | जिनसे हमे गठिया हो सकता है | इस परिस्थित को होने से पहले ही रोकने के लिए रोजाना सुबह के समय अंगूर का सेवन करना चाहिए |
चेचक का रोग दूर करें :- जिन लोगों को चेचक का रोग है | उन्हें अंगूर को गर्म पानी से धोकर खाने से लाभ मिलता है |
मिर्गी के रोग के लिए :- मिर्गी से पीड़ित लोगों को रोजाना अंगूर का सेवन करना चाहिए | इससे मिर्गी के रोगी को लाभ मिलता है |
माइग्रेन के रोगी के लिए :- अंगूर के रस की आधे कप की मात्रा को रोजाना सुबह के समय पीने से सिर का दर्द दूर हो जाता है | लेकिन इस उपाय को सूर्य उदय होने से पहले करें |
उपरोक्त बताएं हुए तरीकों और विधियों को अपनाने से आप विभिन्न समस्यों से निजात पा सकते है | इन सभी के बाद बात करते है | डायबिटीज के रोग के लिए अंगूर कैसे फायदेमंद है |
डायबिटीज के रोग के लिए :- अंगूर में प्राकृतिक तत्व होते है | जिन लोगों को डायबिटीज का रोग होता है ,उन्हें रोजाना अंगूर का सेवन करना चाहिए | अंगूर खाने से हमारे शरीर में शुगर का लेवल कम होता है | अंगूर खाने से खून में बढ़े हुए शुगर को नियंत्रित करता है |
डायबिटीज के रोग के लिए फायदेमंद
डायबिटीज के रोग के लिए फायदेमंद 
अंगूर का सेवन करने से शरीर में आयरन और खून की कमी पूरी हो जाती है |
हरीतकी और मुनक्का का काढ़ा बनाएं | इसमें थोडा सा शहद भी मिला दें | इस उपाय को करने से दमा का रोग ठीक हो जाता है |
मुंह से दुर्गन्ध आना :- रोजाना 5 से 10 मुनक्के के दानो को चबा – चबाकर खाने से मुंह की दुर्गन्ध दूर हो जाती है|
यदि सिर में दर्द हो रहा है तो 8 से 10 नाग मुनक्का , 10 मिश्री और 10 ग्राम मुलहटी को ताज़े पानी में रात भर खुले आसमान के नीचे रात भर रखें | अगले दिन सुबह के समय इस मिश्रण को पीस लें | इस मिश्रण के रस की दो बूंद को नाक में टपकायें | | इस उपाय को करने से सिर का दर्द दूर हो जाता है और साथ ही साथ नाक में खून आना भी रुक जाता है |
माइग्रेन :- अंगूर के रस की आधे कप की मात्रा को रोजाना सुबह के समय पीने से सिर का दर्द दूर हो जाता है | लेकिन इस उपाय को सूर्य उदय होने से पहले करें |
 Munh Ke Rog
 Munh Ke Rog
आंवला , खजूर , पिप्पली , काली मिर्च और द्राक्षा नामक औषधी को आपस में मिलाकर पीस लें| इसकी चटनी बनाकर खाने से सुखी खांसी में और कुत्ते की खांसी में आराम मिलता है |
टी , बी का रोग :- घी , खजूर , मिश्री , शहद , पिप्पली , मुनक्का आदि को आपस में मिलाकर सेवन करने से खांसी , बुखार , जीर्ण बुखार और टी . बी के रोग नष्ट हो जाते है |
एसिडिटी की समस्या :- मुनक्का और हरड को आपस में मिलाकर पीस लें | इसमें थोड़ी सी शक्कर या चीनी मिलाकर एक मिश्रण बनाएं | इस मिश्रण की एक – एक ग्राम की छोटी – छोटी गोलियां बनाएं | इन गोलियों में से एक गोली को सुबह और शाम के समय एक गोली को ठंडे पानी के साथ खाएं | इस उपाय को करने से एसिडिटी की समस्या दूर हो जाती है |
कब्ज से मुक्ति :- मुनक्का , भुना हुआ जीरा , और सेंधा नमक मिलाकर एक चूर्ण बनाएं | इस चूर्ण को रोजाना हल्के गर्म पानी के साथ खाएं | इस उपाय को करने से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है |
खूनी बवासीर :- अंगूर के एक गुच्छे को एक बर्तन में डालकर बंद कर दें | ताकि यह राख बन जाये | इस भस्म की पांच ग्राम की मात्रा में मिश्री और घी मिलाकर खाने से खूनी बवासीर का रोग कम या दूर हो जाता है |
खूनी बवासीर के लिए उपयोगी
खूनी बवासीर के लिए उपयोगी 
पेशाब खुल कर ना आने की परेशानी :- जिन लोगों को पेशाब खुलकर नही आता तो कुछ मुनक्के के दानों को मिश्री के साथ मिलाकर दही में डालकर खाने से लाभ मिलता है |
छाती का कैंसर का रोग :- छाती के कैंसर को ब्रैस्ट कैंसर का रोग भी कहते है | इस रोग को कम करने के लिए अंगूर का सेवन करें | इसके आलावा हार्ट अटैक के रोगी को भी अंगूर का सेवन करना चाहिए | इस जूस का सेवन करने से लाभ मिलता है |
काले अंगूर के रस को निकालकर पीने से खून में थक्के को बनने से रोकता है | इसके आलावा अंगूर के रस का सेवन करने से दिल में हो रहा दर्द दूर हो जाता है |
पेशाब करने में जलन होना :-इस रोग को मूत्रकृच्छ का भी रोग कहते है | इस रोग को कम करने के लिए या फिर दूर करने के लिए मुनक्के , मिश्री को पीसकर दही के साथ खाएं | यह समस्या सुर हो जाएगी | इसके आलावा पाषण भेद , मुनक्का , पुनर्नवा की जड़ , अमलतास का गुदा की 6 – 6 ग्राम की मात्रा में लेकर आधा किलो पानी मिलाकर पकाएं | जब इस मिश्रण का आधे से भी कम भाग रह जाये तो इसे छानकर ठंडा होने के बाद पीयें | इस उपाय को करने से मूत्रकृच्छ का रोग और उससे होने वाली तमाम परेशानियाँ दूर हो जाती है |
मुनक्का , मखाना , और छुहारा की खीर बनाएं
मुनक्का , मखाना , और छुहारा की खीर बनाएं 
मुनक्का , मखाना , और छुहारा को आपस में मिलाकर दूध में पकाकर खीर बनाएं | इस तरह के खीर का नियमित रूप से सेवन करने से शरीरिक कमजोरी दूर हो जाती है |
याददास्त बढ़ाने के लिए उपाय :- याददास्त को बढ़ाने के लिय अंगूर के रस की दो चम्मच की मात्रा को सुबह के समय और शाम के समय दो चम्मच की मात्रा को पानी के साथ मिलाकर पी लें | इस उपाय को करने से कमजोर याददास्त बढ़ जाती है |
पेट साफ रखें :- मुनक्का के कुछ दानों को अच्छी तरह से साफ करके उसमे से बीजों को निकाल लें | अब इन मुनक्का के दानों को दूध में अच्छी तरह से उबाल लें | इसके बाद दूध और मुनक्के का सेवन करें |आपका दस्त होकर पेट साफ हो जायेगा | अंगूर और अडूसे यानि वासा का काढ़ा बनाएं | इस तैयार काढ़े को रोजाना पीने से पेट का दर्द दूर हो जाता है |
खून का बहाव :- हमारे शरीर में कई बार खून की कमी हो जाती है | जो रक्त स्त्राव के कारण हो सकती है | इस समस्या को दूर करने के लिए अंगूर के रस की दो चम्मच की मात्रा में दो चम्मच शहद मिलाकर पीने से शरीर में खून की कमी दूर हो जाती है |
गले के रोग को दूर करने के लिए अंगूर के रस से गरारे करें | लाभ मिलता है |
मुनक्का या किशमिश का उपयोग करें
मुनक्का या किशमिश का उपयोग करें 
उल्टी आने पर आप क्या –क्या करे |
यदि आपको उल्टी आय या आपका मन खराब हो रहा हो तो ऐसे में काली मिर्च को पीस ले और नमक को काली मिर्च में मिळाले फिर इसे अंगूर के रस में मिलाकर पीये आपको आराम मिलेगा |
खाना खाने के आधे घंटे बाद अंगूर खाये इससे आपके खून में बढ़ोतरी होगी | और कुछ ही दिनों में आपका पेट फूलना , बदहजमी बीमारियों से छुटकारा मिलता है | और अंगूर के रस को थोडा सा नक् में डाले इससे नक्शिर बंद हो जाती है |
मुंह के कडवे पन को दूर करने के लिए किशमिश का उपयोग करना चाहिए | गोल मुनक्का को वीर्यवर्धक और भारी गुणों से युक्त होता है |
लू लगने पर होने वाली परेशानी को दूर करने के लिए अंगूर का शर्बत पीयें |
अंगूर का परिचय :- अंगूर को उम्र बढ़ाने वाला फल कहा जाता है | सभी फलों में अंगूर को  सबसे अच्छा फल माना जाता है | क्योंकि इसमें सभी प्रकार के प्राकृतिक तत्व पाए जाते है | नीरोगी के लिए यह उत्तम पौष्टिक आहार होता है | अंगूर सभी फलों में से अच्छा माना जाता है |इसका स्वाद भी अच्छा होता है | इसे दुनिया में हर व्यक्ति खाने में पसंद करता है | शायद ही कोई व्यक्ति ऐसा होगा जिसे अंगूर पसंद नही है | अंगूर मानव की आयु बढ़ाने वाला एक प्रसिद्ध फल होता है | इससे हमारे शरीर को ताकत भी मिलती है और हमारी स्किन की सुन्दरता भी बढती है | अंगूर खाने से हमे अधिक लाभ मिलता है | यह सभी फलों में से उत्तम होता है | जिसमे कोई भी दोष नही होता | इसमें बहुत तरह के पोष्टिक तत्व मौजूद होते है | जो व्यक्ति के लिए जरूरी होते है | जो व्यक्ति नीरोग होता है | उसके लिए यह एक पौष्टिक आहार है | जब अंगूर ना मिले तो आप इसके स्थान पर मुन्नका भी कहा सकते है | यह रोगी , कमजोर , स्वस्थ , बलवान सभी के लिए उपयोगी होता है | अंगूर की कई तरह की किस्मं पाई जाती है | जैसे :- काला अंगूर , लम्बे अंगूर , छोटे अंगूर आदि | इन्ही अंगूरों से किशमिश और मुनक्के बनाये जाते है | अंगूर में कैलोरी , फाइबर और विटामिन सी , इ और के की भरपूर मात्रा पाई जाती है | अंगूर का सेवन करने से सेहत और उम्र दोनों ही जवां रहती है | क्योंकि इसमें प्राकतिक गुण छिपे हुए है |  तो आइये जानते है | अंगूर के गुणों के बारे में |
अंगूर के लाभ
अंगूर के लाभ
अंगूर के लाभ :- अंगूर की विभिन्न किस्मे पाई जाती है | जैसे :- काले रंग के अंगूर , छोटे अंगूर , लम्बे अंगूर , बीज वाले अंगूर , आदि | जिस अंगूर में बीज नही होते उसे अच्छी तरह से सुखाकर किशमिश बनाई जाती है | जबकि काले रंग के अंगूर जिसमे बीज होते है | उससे मुनक्का बनाया जाता है | अंगूर मनुष्य के लिए एक पौष्टिक आहार होता है | जब किसी व्यक्ति को कोई बड़ा और भयंकर रोग हो जाता है | और कोई भी पदार्थ खाने पीने को नही दिया जाता तो ऐसी अवस्था में रोगी को अंगूर का सेवन करना चाहिए | अंगूर का सेवन करने से कैंसर, टीबी , बच्चों का सुखा रोग , संधिवात , फिट्स खून का विकार , अमाशय की गांठ , उपदंश , बार – बार पेशाब जाना मानव की दुर्बलता आदि रोगों को दूर हो जाता है | मानव को केवल अंगूर का सेवन करना चाहिए | इसके साथ और कोई फल ना खाएं |
अंगूर के गुण धर्म :-
पके हुए अंगूर :- पके अंगूर दस्तावर , शीतल , आँखों के लिए लाभकारी , शरीरी को पुष्ट करने वाला ,इसका रस मीठा होता है , आवाज में मधुरता लाने के लिए , कैसला , मूत्र को निकालने वाला पौष्टिक ., कफ कारक आदि के लिए लाभकारी होता है | इसके आलावा यह प्यास , बुखार , साँस से जुडी हुई समस्या , पीलिया , मोह , दाह , खांसी , सूजन म जलन , और डायबिटीज के रोग के लिए उपयोगी होता है |
कच्चा अंगूर :- कच्चे अंगूर गुणों से हीन , भारी , कफ , पित्त और रक्त पित्त नाशक होता है |
गोल मुनक्का :- यह वीर्य को बढ़ाने वाला और भारी कफ पित्त नाशक होता है |
ताज़ा अंगूर
ताज़ा अंगूर
किशमिश :- बिना बीज के छोटी किशमिश मधुर , धातु के बढ़ाने वाला , भूख को बढ़ाने वाला , खांसी , बुखार , ह्रदय का दर्द , रक्त पित्त , स्वर भेद वात और मुख के कड़वेपन को दूर करता है |  
ताज़ा अंगूर :- खून को पतला करता है | छाती के रोग के में लाभ ,मिलता है | इसे खाने से रक्त शुद्ध होता है | और खून में वृद्धि होती है |
तो दोस्तों ये थे | अंगूर के गुण और फायदे | जिनका उपयोग करके आप अपनी बीमारी को दूर कर सकते है



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