गठिया का रोग :-
गठिया
का रोग बहुत ही पीड़ादायक होता है | इस रोग में शरीर के जोड़ों में अधिक पीड़ा होती है
| इस रोग को आमवात का रोग भी कहा जाता है | मनुष्य को यह रोग शरीर में यूरिक एसिड
की मात्रा के बढ़ जाने के कारण होता है | गठिया रोग होने में यूरिक एसिड का बहुत
महत्वपूर्ण हिस्सा होता है | जब यूरिक एसिड शरीर के अन्य जोड़ों के हिस्से में या
घुटनों में जम जाता है तो गठिया रोग का जन्म होता है | इस रोग के लक्षण निम्नलिखित
है |
गठिया के रोग को दूर करने का उपाय |
1.
जोड़ों में अधिक दर्द
होना |
2.
शरीर के छोटे – बड़े
जोड़ों में सुजन आ जाती है |
3.
जोड़ो में दर्द के
कारण रोगी की हालत खराब हो जाती है |
4.
रात के समय जोड़ों का
दर्द और भी बढ़ जाता है |
5.
शरीर में अकडन महसूस
होती है |
इसलिय हमे गठिया का
अति शीघ्र ही इलाज कराना चाहिए | अन्यथा जोड़ों को अधिक नुकसान हो सकता है |
Gathiya Rog Ke Lakhan |
गठिया का इलाज करने से हमारा मतलब यह है कि हमारे
शरीर में उपस्थित यूरिक एसिड को बाहर निकालना | भोजन खाने के बाद जब इसका पाचन होता
है तो हमारे शरीर में यूरिक एसिड जम होने लगता है | जिसका सीधा प्रभाव हमारी
मासपेशियों पर पड़ता है | गठिया के रोगी को मांस का सेवन नही करना चाहिए | यह उसके
लिए बहुत ही हानिकारक होता है | मानव के गुर्दे से यूरिक एसिड पेशाब के जरिये शरीर से बाहर निकलते है | लेकिन
कई बार कुछ कारण से गर्दे में उपस्थित यूरिक एसिड पूरी तरह से बाहर नही निकल पाते
|ऐसी अवस्था में लोगों को पचने में असमर्थ वाले भोजन का सेवन नही करना चाहिए | इसके
आलावा मंसाहारका सेवन तो बिल्कुल भी न करें | इसका सेवन करने मनव को और भी बीमारी
लग सकती है | जिस भोजन में पूरिन अधिक मात्रा में
है | उस भोजन का सेवन नही करना चाहिए जैसे:- पत्तागोभी , मशरूम , वालोर ,
और हरे चने की सब्जी आदि | आप जितने भी सॉफ्ट ड्रिंक्स का उपयोग करते है |उनसे
सावधान रहे क्योंकि इसका उपयोग शरीर में यूरिक एसिड को बढाते है |
रोगी को हमेशा तीन लीटर पानी जरुर पीना चहिये | चाहे
सर्दी का मौसम हो या गर्मी का | पानी अधिक पीने से पेशाब अधि बार आता है | जिससे
हमारे शरीर के सभी व्यर्थ पदार्थ बाहर निकल जाते है |
पानी का सेवन अधिक करे |
भोजन से पहले रोगी को आलू के जुस का सेवन करना चाहियें | यह स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
होगा | गठिया के रोगी को सोने से पहले काड लीवर ऑयल में थोडा सा संतरे का रस
मिलाकर पीना चाहिए | इससे गठिया के रोग को ठीक होने में मदद मिलेगी |
लहसुन , गिलोय , देवदारू , सौंठ , अरंडी के पौधे की जड़
आदि इन पांच चीजों की 50 – 50 ग्राम की मात्रा लें | इन्हें कूटकर इसमें खांड
मिलाकर एक मिश्रण बनाये |इस मिश्रण को किसी शीशी में भरकर रख दें | एक गिलास पानी
में दो छोटे चम्मच की मात्रा में डालकर पकाएं | पकाते हुए जब यह पानी आधा रह जाये
तो इसे आंच से उतारकर ठंडा होने के लिए रख दें | जब पानी ठंडा हो जाये तो इसे पी लें
| इस उपचार को रोजाना सुबह और शाम के समय करें |ऐसा करने से गठिया के रोग में अधिक लाभ मिलेगा |
आलू के जूस का सेवन करें |
खाना खाने से पहले संतरे का रस पीयें | लाभ मिलेगा |
सेंधा नमक , जीरा ,हिंग, काली मिर्च और सौंठ की एक
बराबर मात्रा लें | अब
इन सभी को लहसुन में मिलाकर बारीक़ करके पीस लें | इस
मिश्रण में केवल अरंड का तेल ना मिलाएं | क्योंकि अरंड के तेल में इस पिसे हुए
मिश्रण को भूनना है | भूनने के बाद इस मिश्रण को किसी शीशी में भरकर रख दें | इस
दवा की आधे या एक चम्मच की मात्रा को पानी के साथ रोजाना एक दिन में कम से कम दो
बार लें | इस उपाय को करने से गठिया रोग में लाभ मिलता है |
हार सिंगार का उपयोग |
हार सिंगार का उपयोग :- इस औषधि को पारिजात के नाम से
भी जाना जाता है | इस पौधे की लगभग 4 से 5 पत्तियों को एक गिलास पानी में उबाल लें
| पकाते हुए जब इस पानी की मात्रा आधी रह
जाये तो इसे छानकर ठंडा होने के लिए रख दें | ठंडा होने के बाद इस पानी का
सेवन करें | इस उपचार को करने से पुराने से पुराना गठिया का रोग ठीक हो जाता है |
बथुआ का उपयोग :- बथुआ के बारे में तो सब जानते है |
इसका प्रयोग सब्जी बनाने के लिए किया जाता है | लेकिन इसका उपयोग औषधि के रूप में
भी किया जाता है | बथुए की पत्तियों को पीसकर उसका रस निकाल लें | इस रस की 20
मिलीलीटर की मात्रा में थोडा सा नमक डालकर सेवन करें | इस उपचार को रोजाना सुबह और
शाम के समय करने से गठिया के रोग में लाभ मिलता है | इस उपचार को लगभग 3 महीने तक
लगातार करें |
Asgandh Ke Kya Upyog |
असगंध के पौधे की जड़ और मिश्री को एक समान मात्रा में
लेकर कुट = कूटकर बारीक़ कर लें | अब इसे किसी कपड़े में से छान लें | इस तरह से
तैयार किये हुए पावडर को किसी कांच की शीशी में भरकर रख दें | इस औषधि की 5 से 6
ग्राम की मात्रा को गर्म दूध के साथ रोजाना सुबह और शाम के समय खाएं | इस उपचार को
करने से गठिया का रोग दूर हो जाता है और गठिया में होने वाला दर्द भी दूर हो जाता है |
अरंड के पौधे की जड़ का उपयोग |
अरंडी के पौधे की जड़ को सुखाकर बारीक़ चूर्ण बनाएं |
इस तैयार चूर्ण की 1 से 2 चम्मच की मात्रा गठिया के रोगी को दें | इस चरण का सेवन
करने से गठिया का रोग ठीक होने लगता है |इसके आलावा आप अरंडी के तेल की मालिश भी
कर सकते है | इस तेल से मालिस करने से अधिक लाभ मिलता है |
अश्वगंधा , आमलकी , और शतावरी के मिलाकर बारीक़ चूर्ण
बनाएं | इन तीनो के मिश्रण से बनाया हुआ चूर्ण का इस्तेमाल करने से जोड़ो का दर्द
ठीक होने लगता है और शरीर के अंदर आई हुई कमजोरी भी दूर हो जाती है |
, Gathiya Rog ke Liye Ghrelu Aushdhi Kaese Bnayen |
सौंठ का प्रयोग करने से भी जोड़ो का दर्द ठीक हो जाता
है |
अपने भोजन में प्रोटीन की मात्रा को कम कर दें | इससे
शरीर में यूरिक एसिड नही बढेगा और जोड़ों का दर्द भी दूर हो जायेगा |
यदि आपके जोड़ों में सुजन आई हुई है तो कभी भी योगासन
का प्रयोग ना करें | आयुर्वेद में पंचकर्म चिकित्सा बहुत ही लाभदायक मानी जाती है
| इसलिए आप इस चिकिसा पद्धति को अपना सकते है |
संतरे के रस में पानी मिलाकर पीयें |
जो व्यक्ति गठिया के रोग से पीड़ित है उसे भुने हुए
भोजन का सेवन नही करना चहिये |
यदि रोगी को सुजन नही है तो वह प्रणायाम और योगासन का
प्रयोग कर काटे है | इस उपाय को करने से संधिवात के कारण होने वाले जोड़ों के दर्द
से छुटकारा मिल जाता है |
रोगी को अपने भोजन में हरे पत्तेदार सब्जी और रेशेदार
फलों का उपयोग करना चाहिए | इनका सेवन करने से एक तो कब्ज की समस्या दूर होती है
और दूसरा जोड़ो का दर्द भी दूर हो जाता है |
लोह गूगल , रसोनादी गूगल , रस्नाशशल्लकी वटी आदि को
मिलाकर एक मिश्रण बनाएं | इस मिश्रण की छोटी – छोटी गोलियां बनाएं | एक गोली सुबह
के समय और एक गोली रात के समय दूध के साथ खाएं | इस उपचार को लगभग 2 से 3 महीने तक
करें | गठिया के रोग में जल्द से जल्द आराम मिलेगा |
रोगी को एक सप्ताह में दो बार अरंडी का तेल की 25
मिलीलीटर की मात्रा को दूध के साथ पीना चाहिए | लाभ मिलेगा |
मेथी के दाने का उपयोग |
गठिया के रोग को कम करने के लिए एक दवा बनाएं | इसे
किस तरह से बनाना है इसकी जानकारी हम आपको दे रहे है |
हल्दी , सुखा हुआ अदरक , और मेथी के दानों की एक
बराबर की मात्रा लें | अब इन सभी को पीसकर बारीक़ पावडर बना लें | इस तरह से तैयार
पावडर को रोजाना एक चम्मच की मात्रा में गर्म पानी के साथ खाएं | इस उपाय को सुबह
के समय खाली पेट करें | ससे रोगी के घुटनों का दर्द और कमर का दर्द ठीक हो जाता है
| यश औषधि संधिवात के लिए भी लाभदायक है |
इस उपचार को कम से कम दो से तीन महीने करने के लाभ मिलेगा |
गठिया के दर्द को करें दूर :- एक पतीली में एक लीटर
पानी को आंच पर रख दें | अब इस पतीली पर एक जाली रख दें | यदि जाली ना हो तो किसी
कपड़े को गीला करके पतीली के उपर रख दें | जब भाप से कपड़ा गर्म हो जाये तो दर्द
वाले स्थान पर कुछ मिनट के लिए रख दें | इस समय में दूसरा कपड़ा पतीली के उपर रख
दें | और उपचार को दोबारा दोहराएँ | इस उपाय को रोजाना करने से जोदोदं के दर्द में
धीरे – धीरे आराम होने लगता है और कुछ ही समय बाद दर्द खत्म हो जाता है | यह एक
असरदार उपाय है |
हरी पत्तेदार सब्जियां और फलों का उपयोग |
सावधानीयां :- गठिया के रोग से पीड़ित व्यक्ति को ठंडा
से बचना चाहिए | जिस स्थान पर सुजन आई है उस स्थान पर बालू या गर्म पानी का पैड रख
कर सिकाई करें | इसके आलावा रोगी को गर्म पानी से ही नहाना चाहिए | गठिया के रोग
से पीड़ित व्यक्ति को अपनी क्षमता के अनुसार व्यायाम करना चाहिए |
क्या खाएं और किस से परहेज करे ;- गठिया के रोगी को
अपने भोजन पर विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए |
अधिक तेल और मिर्च वाले भोजन से परहेज करें |
क्या खाएं :०- सरसों का साग , बथुआ , पालक , मूंग ,
मसूर , परवल , तोराई , अंगूर , पपीता . लोकी और हरी पत्तेदार सब्जियों का ही उपयोग
करें |इन सभी का उपयोग आपकी सेहत के लिए लाभदायक है |
रोगी को रोजाना नियमित रूप से लहसुन और अदरक का सेवन
करना चाहिए |
उपरोक्त उपाय को करने से गठिया का रोग दूर हो जाता है
|
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