शीलाजीत के फायदे और लाभ | |
हिन्दुस्थान एक ऐसा देश है | जंहा पर अनेक प्रकार की जड़ी – बूटियाँ
पाई जाती है | उन्ही जड़ी – बूटियाँ में से शिलाजीत एक चमत्कारी जडीबुटी है | इस
जडीबुटी को आयुर्वेद में एक अहम् स्थान प्राप्त है |
आयुर्वेद में ऐसा माना जाता
है कि ऐसा कोई रोग नही है जिसका इलाज शीलाजीत से नही किया जा सके | ऐसा भी माना
जाता है कि शीलाजीत की उत्त्पति पत्थर से हुई है | गर्मी के मौसम में सूर्य की
अधिक तेज़ किरणों से चट्टानों में उपस्थित धातु अंश के पिघलने से एक प्रकार का
स्त्राव होता है , उसे ही शीलाजीत कहा जाता है | शीलाजीत का स्वाद बहुत ही कडवा ,
कैसला और उष्ण होता है | जो मनुष्य के वीर्य में पोषण प्रदान करता है | शीलाजीत
तारकोल की तरह काला और गाढ़ा होता है | लेकिन जब यह सुख जाता है तो यह चमकने लगता
है | शीलाजीत से अनेक बिमारियों का इलाज किया जाता है जैसे :- मधुमेह , स्वप्न दोष
, यौन दुर्बलता आदि | इसके आलावा शीलाजीत के प्रयोग से वृद्ध अवस्था में होने वाली
कमजोरी और भी अन्य प्रकार के रोग से मुक्ति दिलाने में मदद करता है |
Bimariyon Ko Dur Kren Sheelajeet, |
शीलाजीत के प्रयोग से यौन शक्ति को बढ़ाएं |
शीलाजीत के प्रयोग से यौन शक्ति को बढ़ाएं :- इसका उपयोग काम उत्तेजना
बढ़ाने के लिए किया जाता है | शीलाजीत को इन्डियन वियाग्रा और ओर्गेजम भी कहा जाता
है | पुराने समय से ही आयुर्वेद में शीलाजीत का प्रयोग यौन शक्ति को बढ़ाने के लिए
किया जाता है | इसके उपयोग से वीर्य की संख्या बढती है | इसके आलावा सेक्स
हार्मोन्स को भी नियंत्रित करता है |
मानसिक थकावट और तनाव को दूर करने के लिए :- जो लोग शीलाजीत का प्रयोग करता है | उसकी
नर्वस पन दूर हो जाता है | इसके आलावा शीलाजीत का सेवन करने से मानसिक थकावट ,
चिंता से लड़ने की शक्ति मिलती है और साथ ही साथ याददास्त भी बढ़ती है | जो लोग
शीलाजीत का सेवन करते है वो किसी भी कार्य को मन लगाकर करते है | स्मरण शक्ति को
बढ़ाने के लिए रोजाना एक चम्मच मक्खन के साथ शीलाजीत का सेवन करना चाहिये | यह एक
लाभकारी उपचार है |
दिल की सेहत के लिए :- शीलाजीत के सेवन करने से दिल से जुडी हुई
बीमारी नही होती | इसके आलावा शीलाजीत के सेवन करने से ब्लडप्रेशर भी नियंत्रित
होता है |
पाचन तन्त्र को मजबूत बनाने के लिए :- पाचन शक्ति को बढ़ाने के लिए शीलाजीत
का पयोग किया जाता है | इसके आलावा इसके सेवन करने से अपच , गैस , कब्ज ,पेट का
दर्द आदि बिमारियों को दूर करता है | जो लोग शीलाजीत का सेवन करता है , उससे किडनी
, पेनक्रियाज और थायराइड ग्लैंड जैसी कोई बीमारी मही लगती | इससे मनुष्य का ब्लड
सर्कुलेशन सही से कार्य करने लगता है |
डायबीटिज कंट्रोल होता है |
डायबीटिज :- शीलाजीत के सेवन से डायबीटिज कंट्रोल में आ जाता है | इसके
सेवन करने से खून में उपस्थित शर्करा की मात्रा का स्तर कम हो जाता है | इसके
आलावा शरीर से टोकसिस बाहर निकल जाते है | इसके आलावा शीलाजीत के सेवन करने से हमे
और भी कई औषधीय गुण होते है | जिसका वर्णन इस प्रकार से है |
शरीर में होने वाले रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है |
साँस संबंधित रोगों से निजात मिलती है | इसके साथ ही साथ कफ दूर हो
जाता है |
गठिया और जोड़ों का दर्द में राहत मिलती है और शरीर में किसी भी भाग की
सुजन दूर हो जाती है | इसके आलावा शीलाजीत का उपयोग दिल को सेहत मंद बनाने के लिए ,
किडनी की बीमारी को ठीक करने के लिए , एनीमिया , अल्सर को कम करने के लिए , और
पीलिया जैसे रोग को ठीक करने के लिए किया जाता है | यदि आप ये सोचते है कि केवल रोग
से पीड़ित व्यक्ति ही शीलाजीटत का प्रयोग करता है | लेकिन यह गलत है विचार है इसे रोगों
मनुष्य और निरोग मनुष्य दोनों ही उपयोग कर सकते है | इसके उपयोग से मनुष्य का शरीर
पुष्ट बनता है और साथ ही साथ वह थकान और अन्य रोगों से लड़ सकता है | जन्हें मानसिक
रोग है उन्हें एक चम्मच मक्खन के साथ थोड़े से शीलाजीत का सेवन करना चाहिए | इस
उपचार को प्रतिदिन करने से बहुत लाभ मिलता है | इससे मानसिक कमजोरी तो दूर होती ही
है साथ ही साथ इससे दिमागी थकावट भी दूर हो जाती है |
आयुर्वेदिक चिकित्सकों का यह मानना है कि शीलाजीत का प्रयोग सही
मात्रा में करना चाहिए | शीलाजीत की सही मात्रा दो से बारह रत्ती की होनी चाहिए | इसके
आलावा शीलाजीत का सेवन व्यक्ति की आयु रोग और उसके पाचन शक्ति के अनुसार करना
चाहिए | य्स्दी शीलाजीत का सेवन सुबह के समय सूर्य निकलने से पहले किया जाए तो
अच्छा होता है | दूध और शहद के साथ थोडा सा शीलाजीत मिलाकर सेवन करें | शीलाजीत के
सेवन करने के कम से कम 2 से 3 घंटे के बाद ही कुछ खाएं |
सुजन कम करें शीलाजीत |
कुछ लोग ऐसे है जिन्हें शीघ्र पतन की समस्या रहती है | उन लोगों के
लिए तो शीलाजीत किसी वरदान से कम नही होता | शीघ्र पतन की समस्या को दूर करने के
लिए बीस ग्राम शीलाजीत , बीस ग्राम भंग भस्म , और छ : ग्राम अभ्रक भस्म आदि को
अच्छी तरह से मिलाकर एक मिश्रण तैयार करें | इस तैयार मिश्रण की लगभग 2 – 2 रत्ती
की गोलिया बना लें | इस तैयार गोलियों में से रोजाना एक गोली को मिश्री मिले हुए
दूध के साथ खाएं | इस प्रकार के उपचार करने से आपको अधिक लाभ होगा |
जो लोग शीलाजीत का सेवन करते है उन्हें कुछ आवश्यक बातों का ध्यान
रखना जरूरी है | ये बातें निम्नलिखित है |
यौन शक्ति को बढ़ता है |
1. जिन
व्यक्तियों के शरीर में पित्त का प्रकोप है | उन्हें शीलाजीत का सेवन नही करना
चाहिए |
2. जब
तक आप शीलाजीत का उपयोग कर रहे तब तक आपको मिर्च – मसालें , खटाई , शराब और नॉन
वेज भोजन से परहेज करना होगा | इन सभी चोजों का परहेज करते हुए आप शीलाजीत के
फायदे अपने – आप महसूस करेंगे |
शीलाजीत के फायदे और लाभ | Sheelajeet Ke Upyog Se Youn Shkti
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