तुलसी के फायदे : -
तुलसी का पौधा एक ऐसा पौधा है जो भारत में हर घर में पाया
जाता है पुराने समय से ही हमारे ऋषि मुनियों के द्वारा तुलसी के पौधे की पूजा की
जाती है क्योकि यह माना जाता है की जहाँ तुलसी का पौधा उपस्थित होता है वहा भगवान का वास होता है | अगर हमारे घर में तुलसी का पौधा है तो वहाँ की
वायु शुद्ध होती है और इसका सेवन करने से हम बीमार कम पड़ते है. जहाँ बीमारी नहीं
होती वहाँ खुशियाँ होती है और जहाँ खुशियाँ होती है वही भगवान होता है |
तुलसी के पौधे को एक
पवित्र पौधा माना जाता है | जिस स्थान पर तुलसी का पौधा होता है वहाँ की वायु
शुद्ध होती है | जहाँ एक ओर इस पौधे की पूजा देवी की तरह की जाती है वहीँ दूसरी ओर
इस पौधे को एक आयुर्वेदिक औषधी के रूप में प्रयोग किया जाता है |
उपाय :
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तुलसी के पौधे की
कुछ ताज़ी पत्तियों को पीसकर रस निकाल ले | तुलसी के इस रस में थोडा सा शहद
मिलाकर प्रतिदिन पथरी के रोग से पीड़ित व्यक्ति को दिया जाये तो किडनी में हुई पथरी
ठीक हो जाती है |
रोजाना ताज़ी तुलसी के पत्तों को मुँह में चबा –
चबाकर खाएं और पानी पीये | इससे शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता बढती है और
सर्दी, जुकाम, खांसी जैसी बीमारी ठीक हो जाती है |
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तुलसी के कुछ पत्तों को तोड़कर इसका रस निकाल ले | इस रस में एक
निम्बू का रस निकालकर मिलाकर चेहरे पर लगाने से फुन्सिया ठीक हो जाती है | और
चेहरा बेदाग होकर चमकने लगता है |
रोजाना तुलसी के
पत्तो को चबाने से मुँह में से आने वाली दुर्गन्ध दूर हो जाती है और दांत भी
स्वस्थ रहते है |
तुलसी की जड, अदरक,
और मुलहटी को आपस में मिलाकर पीसकर बारीक़ कर ले | इन तीनों के मिश्रण में थोडा सा
शहद मिलाकर सेवन करे | इस प्रकार के उपचार से खांसी और सर्दी से होने वाला बुखार
ठीक हो जाता है | यह उपचार दमा जैसी बीमारी में भी लाभदायक होता है |
तुलसी के बाजों को
प्रतिदिन सुबह पानी के साथ खाने से कुछ ही दिनों में धातु दुर्बलता दूर होती है.
तुलसी के सेवन से वीर्य शोधन होकर पुरुष स्वस्थ
और महिला में नई रज का निर्माण होता है .
tulsi ke beejon ka sevan agar koi bhi purush maatra ek saptaha or one week ke liye karta hai to aapko dhatu durbalta door ho jaati hai, aisa karne se aapko jo bhi virya sambandhi problem hoti hai vo sab theek ho jaati hai, tulsi ki jad adrak or mulheti ko aaps mein peeskar honey or shahad ke saath agar iska sevan kare to aapko kabhi khansi or sardi ki bimari nahi hogi, ye ek natural antibiotic hai or shareer ki bimari se ladne ki shakti pradaan karta hai, is paudhe se ghar ka wata varan shuddh hota hai,
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