प्रेम की सुन्दर व्याख्या
हम सब जानते हैं |
इस दुनिया में हम आते तो अकेले हैं, लेकिन साथ में बहुत लोगों की यादे लेके जाते हैं
और उन्हें अपनी यादे देके जाते हैं | वो यादे जो हमें प्यार से मिलती हैं | प्यार
एक एहसास होता है जो हम सिर्फ महसूस करते हैं | और, यह एहसास कब और कैसे हो जा
जाता है कोई नही जानता |
हम सबको प्यार की
जरूरत होती ही है | बस फर्क इतना होता है सबके प्यार करने का तरीका अलग होता है |
और सबको प्यार की अलग – अलग तरीके से जरूरत होती है |
प्यार के कुछ खुबसूरत पहलू
1.
सबसे पहले जब हम इस दुनिया
में आते हैं तो हमें कुछ भी पता नही होता है | और, इस दुनिया में हम सबसे पहले अपनी माँ को देखते हैं हमे
सबसे पहले माँ के प्यार की ही जरूरत होती है | क्योंकि माँ हमे दूध पिलाती है
हमारा ध्यान रखती है | धीरे – धीरे हम बढ़ने लगता है माँ बोलते है सबको पहचाने लगते है
पापा को दादा - दादी को, बुआ को चाचा – चाची आदि को | कुछ समय के बाद हमारे प्यार
की सीमा बढ़ने लगती है हमे पापा के साथ घूमना अच्छा लगता है खिलोनों से खेलना अच्छा
लगता है |
2.
जब हम तीन साल के हो जाते हैं
तब हम स्कूल जाने लगते हैं दूसरे बच्चो से मिलने लगते हैं दोस्त बनते हैं | उस समय
हमें अपने दोस्तों के प्यार की बहुत जुरुरत होती है | दोस्तों के साथ पढने के लिए, उनके के साथ खेलने के लिए
| जब तक हम स्कूल में पढते है तब तक हमें दोस्तों के प्यार की ही जरूरत होती है |
bachpan ki dosti, बचपन की दोस्ती , दोस्ती कैसे करे |
3.
स्कूल के बाद हम mature
होने लगते हैं बहुत सारे सपनों के साथ कॉलेज जाते हैं जैसे अच्छे – अच्छे
दोस्त बनाना, घूमना – फिरना, दोस्तों के साथ मौज मस्ती मारना | इन सबके साथ एक दिन
हम सब की जिन्दगी में एक ऐसा मोड़ आता है जब हमे किसी से प्यार का एहसास होने लगता
है हमे कुछ भी समझ नही आता | ये हमारे साथ
क्या हो रहा है | इस महंगाई की दुनिया में हम अपना सब कुछ पीछे छोड़कर जब आगे
निकलते जाते है उस समय कोई ऐसा दिख जाता है जो पहली नजर में ही हमे बहुत अच्छा
लगता है उसे बार – बार देखने का दिल करता है हमारा दिल उसके पीछे ऐसे भागता है
जैसे हमे Olympic की race जितनी हो | उसे देखते ही दिल में आता है बस ये
पल यही रुक जाये, सब यही थम जाये, मौसम कोई करवट न बदले, और हम बस उसे देखते रहे |
और, हम बस उसे देखते – देखते ही जिंदगी बिता दे | बस फिर क्या उससे बात किये बिना
चैन ही नही मिलता खाना- पीना, सोना तो जैसे भूल ही जाते हैं | और, बस उससे बात करने
के लिए खूब पापड़ बेलते हैं | उसके पीछे – पीछे घूमते है, उसके दोस्तों से जान
पहचान बनाते हैं, अपने सभी दोस्तों से बस उसकी ही बात करते है उसकी इतनी तारीफे
करते हैं की हमारे पास शब्द भी कम पड़ जाते हैं | फिर कुछ संघर्ष के बाद उससे बात
भी हो जाती है किसी दोस्तों के जरिये | उसके बाद जब उससे प्यार का इजहार करना होता
है | वैसे तो हम बड़े शेर बने घूमते हैं लेकिन उस समय ऐसा लगता है जैसे उसके सामने
बोलते ही हम भष्म हो जायेंगे | इतना डर लगता है बस पूछो मत | फिर जब उससे प्यार का
इजहार कर देते है और अगर वो हाँ बोल दे तो ऐसे नाचते है जैसे किसी की शादी में
बिना बुलाये आए हो | और, अगर वो ना कर दे तो ऐसा लगता है जैसे किसी ने हमारे हाथ
से चीन के हमारा दस करोड़ का चेक फाड़ दिया हो | और, फिर रोते तो हम ऐसे है जैसे सब
कुछ लुट गया हो |
4.
जब हमें किसी से प्यार हो
जाता है हमें बस वही अच्छा लगता है सिर्फ उसी की बाते सुनना अच्छा लगता है फिर
चाहे वो पूरा दिन बकवास की बाते करता रहे | उसके लिए सब कुछ छोड़ देते हैं दोस्तों
को घरवालो को जैसे मानो वही सब कुछ है वही जिंदगी बन जाता है किसी और के लिए तो समय ही नही होता है | और, हम
उसके लिए इस कदर पागल हो जाते है जैसे अगर उससे एक दिन बात नही होगी तो स्वयं भगवन
धरती पर आ जायेगें और कहेंगें बस बेटा तेरी उससे बात नही हुई तेरी जिंदगी अब यही
खत्म है | इस प्रकार की हालत को हम पागलपन या अंधापन की संज्ञा देते हैं जिसमे
बुद्दि और विवेक के लिए कोई स्थान नहीं होता |
5.
इन सबके बाद जब हमारी
जिन्दगी और आगे बढती है | हमारी किसी से Arrange Marriage या Love
Marriage हो जाती है और हमे कोई जीवन
साथी मिल जाता है | तब हमें जिन्दगी के हर मोड़ पर उसके प्यार की जरूरत होती है |
और, हमारी जिंदगी के हर सही – गलत फैसले को हम उसकी सलाह बिना के नही लेते है |
6.
उसके बाद जब हमारी कोई
सन्तान हो जाती है तब हमे उससे बहुत प्यार हो जाता है उसके मुहं से माँ और पापा
सुनना बहुत अच्छा लगता है | उस समय हम बस ये सोचते हैं उसके बोलने से पहले हम उसकी
सारी इच्छाएँ पूरी कर दें | अपने बच्चो के लिए बहुत सुन्दर सपने संजोते हैं |
7.
जब हम अपनी जिंदगी के
अन्तिम मोड़ पर आ जाते है तब हमे अपने बच्चो के प्यार की और अपने जीवन साथी के प्यार
की बहुत जरूरत होती है | हम चाहते हैं जैसे हमने अपने बच्चों की बहुत प्यार से
परवरिश की है अब हमारे जीवन के अन्तिम समय में हमारे बच्चे भी हमारी देखभाल करे
हमारे लिए समय निकलें | यह एक ऐसा समय होता है जहां हम एक बार फिर से बच्चे के
स्थिति में आ जाते हैं और हमे प्यार की बहुत जरूरत होती है और अपने जीवन साथी के
सहारे की भी बहुत जरूरत होती है | क्योंकि हम अपनी देखभाल नही कर पाते है |
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