हाड्रोसिल का रोग :- हाइड्रोसिल नामक बीमारी अधिकतर पुरुषों में होती है |
इस रोग में पुरुष के एक या फिर दोनो अण्डकोशों में पानी भर जाता है | जिसके कारण अंडकोष एक थैली की तरह फूल जाता है और एक गुब्बारे की तरह लगता है | इस अवस्था को पेटेन्ट प्रोसेसस वज़ायनेलिस कहा जाता है | इस स्थिति में पुरुषों को अधिक दर्द होता है | जब किसी व्यक्ति को अंडकोष के पानी भर जाता है तो उस स्थान पर सुजन हो जाती है | हाइड्रोसिल नामक रोग किसी को भी हो सकता है | लेकिन यह बीमारी अक्सर 40 से अधिक उम्र के व्यक्तियों में अधिकतर देखा गया है | इस बीमारी को ठीक करने के लिए अंडकोष में भरे हुए पानी को बाहर निकालना बहुत जरूरी है |
हाइड्रोसील के कारण, लक्षण और उपचार |
हाड्रोसिल नामक रोग होने के क्या कारण है ? इस बात की चर्चा इस प्रकार से है |
• अंडकोष पर किसी प्रकार की चोट लगना |
• नसों का सूज जाना |
• स्वास्थ्य की समस्याएं |
• बिना लंगोट के कसरत करना या जिम करना |
• अधिक शारीरिक सम्बन्ध बनाना |
• अनुवांशिक |
• भारी वजन उठाना |
• गलत खाने – पीने के कारण
• दूषित मल भरने पर |
हाड्रोसिल के लक्षण :- इस रोग के निम्नलिखित लक्षण है |
• इस बीमारी का सबसे पहला लक्षण है अंडकोष में तेज़ दर्द होना |
• अंडकोष के आगे का भाग सूजना
• चलने – फिरने में दिक्कत होना |
• उल्टी , दस्त और कब्ज होना |
हाड्रोसिल के रोग का उपचार :-जिन व्यक्तियों को यह रोग होता है | वे लोग अधिकतर सर्जरी या ओपरेशन करवाते है | जिसे करवाने में उन्हें अधिक पैसा खर्च करना पड़ता है और साथ ही साथ समय भी अधिक लगता है | इस रोग के और भी कई परिणाम हो सकते है | हाइड्रोसिल रोग का उपचार हम प्राकृतिक आयुर्वेदिक तरीके से भी कर सकते है | ऐसे ही कुछ उपाय आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बता रहे है | जिसका उपयोग करके आप घर बैठे ही अपनी इस पीड़ादायक बीमारी को ठीक कर सकते है |
Andkosh Badhne par Ilaaj |
• काटेरी की जड़ :- जिस व्यक्ति को अंडकोष में पानी भर जाता है | उसे इस रोग को ठीक करने के लिए एक उपाय है जो इस प्रकार से है :- काटेरी की जड़ को सुखाकर उसे बारीक़ करके पीस लें | इस बारीक़ मिश्रण की 10 ग्राम की मात्रा में लगभग ७ ग्राम काली मिर्च का चूर्ण भी मिला दें | अब इन दोनों के मिश्रण को हल्के गर्म पानी के साथ खाएं | इस तरह के उपचार को नियमित रूप से कम से कम 6 से 7 दिनों तक करें | हाड्रोसिल का रोग जड़ से खत्म हो जायेगा | यह हाड्रोसिल को ठीक करने का रामायण इलाज है | क्योंकि यह उपचार करने से दोबारा कभी भी अंडकोष में पानी नही भरता |
• लेप करना :- आयुर्वेद में हाड्रोसिल नामक बीमारी को ठीक करने के लिए मुख्य रूप से लेप का इस्तेमाल किया जाता है | इसलिए आप लेप का भी उपयोग करके इस बीमारी से छुटकारा पा सकते है | लेप बनाने की विधि इस प्रकार से है |
Andkosh Vriddhi Dard Sujan ko Thik Krne Ke Upay |
5 ग्राम काली मिर्च और लगभग उससे दुगनी मात्रा में जीरा लें | अब इन दोनों को आपस में मिलाकर अच्छी तरह से पीस लें | अब इन दोनों के मिश्रण में थोड़ा सा सरसों का तेल या फिर जैतून का तेल मिला दें | अब इन तीनी के मिश्रण को हल्का गर्म कर लें | जब यह गर्म हो जाये तो इसमें थोडा सा गर्म पानी भी मिला दें | अब यह एक पतला घोल बन जायेगा | इस लेप को बढे हुए अंडकोष पर लगायें | इस उपाय को कम से कम 4 से 5 दिनों तक सुबह और शाम के समय इस्तेमाल करने से हाड्रोसिल के रोग में लाभ मिलता है |
माजूफल की 20 ग्राम की मात्रा और फिटकरी की 5 ग्राम की मात्रा को आपस में मिलाकर पीस लें और इसका एक लेप तैयार करें | इस तैयार लेप को सूजे हुए अंडकोष पर लगाने से जल्द ही उसका पानी सुख जाता है |
Hydrocele hone pr Ye Upay Aajmaayen |
सूर्य तप्त जल :- इस जल को बनाने के लिए लगभग 25 मिली लीटर पानी को किसी पीतल के गिलास में या किसी पीले रंग की बोतल में भरकर सूरज की रौशनी में गर्म होने के लिए रख दें | इस तरह से सुर्यत्प्त जल बन जाता है | इस पानी को एक दिन में 4 से 5 बार पीयें | जब रोगी इस पानी का सेवन करेगा उसके एक घंटे बाद वह अपने अंडकोष पर लाल प्रकाश डाले और अगले दो घंटे में नीला प्रकाश डालें | इस प्रिक्रिया को करने से हाड्रोसिल के रोग में जल्द ही आराम मिल जाता है |
संतरे के रस का सेवन करें |
संतरे का रस :- जिस रोगी को हाड्रोसिल का रोग है , उसे १५ से 20 दिनों तक दिनमे दो बार संतरे का रस या अनार के रस का सेवन करना चाहिए | इसके साथ – साथ सलाद में निम्बू मिलाकर खएं | यह इलाज हाइड्रोसिल के लिए प्राकृतिक चिकित्सा है | इस उपचार के साथ रोगी को उपवास भी रहने चाहिए | इससे रोगी के अण्डकोशों में जल का भराव नही होता |
स्नान करने से :- स्नान हाड्रोसिल के रोगियों के लिए बहुत जरूरी होता है | इसलिए उन्हें हमेशा गर्म पानी में नमक डालकर नहाना चाहिए | गर्म पानी से नहाने के आलावा इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को कटीस्नान , सूर्य स्नान और मेह्य्स्नन करना चाहिए | इस उपचार को करने से रोगी मनुष्य का रोग जल्द ही दूर हो जाता है |
गर्म पानी से स्नान करें |
इन सब उपाय को करने से आप हाइड्रोसिल नामक बीमारी से आसानी से छुटकारा पा सकते है | प्राक्रतिक उपचार को करने से चाहिए | इन उपाय को करने में ना तो अधिक पैसा खर्च होता है और ना ही समय की बर्बादी होती है | आयुर्वेदिक उपचार को करने से यदि किसी रोगी को आराम नही मिलता है तो इससे हमे कोई साइड इफेक्ट भी नही होता है | इससे रोग जड़ से ही दूर हो जाता है और दोबारा होने की सम्भवना भी नही होती |
हाइड्रोसील के कारण, लक्षण और उपचार Hydrocele ke Kaaran Lakshan
or Upchar , Hydrocele hone pr Ye Upay Aajmaayen, Andkosh Badhne par Ilaaj, हाइड्रोसील, Hydrocele, अंडकोष में पानी भरना, Andkosh Vriddhi
Dard Sujan ko Thik Krne Ke Upay |
No comments:
Post a Comment