अतिसार , प्रवाहिका और संग्रहणी की बीमारी
मनुष्य के पेट से जुडी हुई बीमारी होती है | इस रोग के होने का मुख्य कारण हमारा
अनियमित आहार है | जो भी मनुष्य इस बीमारी
से ग्रसित है उस मनुष्य को सबसे पहले अपने खाने पीने की चीजों को नियमित करना होगा
उसके बाद ही किसी भी प्रकार की औषधि का इस्तेमाल करना चाहिए | रोगी मनुष्य को इस
बीमारी में क्या – क्या खाना चाहिए | और किन वस्तुओं से परहेज करना चाहिए | इस बात की जानकारी प्रत्येक रोगी मनुष्य को
होनी चाहिए | आओ हम इस बात पर चर्चा करे |
खाने में प्रयोग की जाने
वाली वस्तुएं :-
इस बीमारी में मनुष्य को कोई भी भारी खाद्य पदार्थो का प्रयोग ना करके
हल्के पदर्थो का सेवन करना चाहिए | जैसे :- ( दलिया ) दलिया केवल गेहूं का ना
बनाकर इसमें गेहूं के साथ – साथ चावल ,
बाजरा , मुंग को एक बराबर मात्रा में मिलाकर बनाना चाहिए | इस प्रकार से
बनाया हुआ दलिया रोगी मनुष्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है | इसके आलावा बकरी के
दूध का सेवन करना चाहिए | क्योंकि बकरी का दूध गाय या भैंस के दूध की अपेक्षा बहुत हल्का होता है |
और जल्दी भी पच जाता है | रोगी मनुष्य को पक्के हुए केले, बेल का फल, बेल का मुरब्बा , मट्टा का भी
प्रयोग करना चाहिए | यदि कच्चे नारियल का पानी और नीम्बू , पुदीना , या
नमक और चीनी का बनाया हुआ घोल रोगी मनुष्य को दिया जाये तो उसके शरीर में
पानी की कमी की पूर्ति की जा सकती है | इसके आलावा मुंग और मसूर की दाल धान का लावा
, मुंग की दाल से बनी हुई खिचड़ी , घिया , तोरी और टिंडे की सब्जी का उबला हुआ पानी
आदि का सेवन अतिसार के रोगियों के लिए लाभकारी होता है | यदि रोगी को ज्यादा दस्त
हो तो दही में ईसबगोल मिलाकर देने से दस्त ठीक हो जाते है और साथ ही साथ पेट ठंडा
रहता है | इन सभी चीजो के उपयोग के आलावा रोगी मनुष्य को फलों का रस निकालकर देना
चाहिए | इस प्रकार खाने की वस्तुओं का पीड़ित मनुष्य को ध्यान रखना चाहिए |
जिन वस्तुओं से परहेज रखना
है :-
तली हुई वस्तुएं जैसे :- कचोरी , पुड़ी , समोसे
और पेटीज जिन को बनाने में मैदे का प्रयोग किया जाता है उन सभी चीजों से परहेज
करना चाहिए | इसके आलावा ज्यादा मात्रा में नमक और मिर्च मसालों का प्रयोग नहीं
करना चाहिए | यदि हम बीमारी की अवस्था में इन वस्तुओं का प्रयोग करते है तो हमारी
सेहत पर ज्यादा असर पड़ता है जिसके कारण एक बीमारी के साथ और भी कई बीमारी लग जाती
है | सब्जियों में हमें पत्ते वाली सब्जी, टमाटर, आलू, पेठा और ककड़ी का प्रयोग
नहीं करना चाहिए | इसके आलावा किसी भी प्रकार का ठंडा पदार्थ ( कोल्डड्रिंक ) दूध
का भी सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है | बाजार की बनी हुई
चीजें जैसे पिज़्ज़ा , बर्गर और कोई भी मिठाई हमे नहीं खानी चाहिए | इस सभी चीजों से
हमें परहेज रखना चाहिए |
pet sambandhi sabhi bimari hamare bhojan ke karan hoti hai , anuchit bhojan karne se hume kai prakaar ki nai bimari or rog lagne start ho jaate hai, bazari vastu ka sevan karne se bache, atisaar , sanghrani or dast or loose motion ke patient ko sabse adhik jaroori hota hai paani , dahi , lassi, kela , banana, daliya or khichdi ka sevan kare, sabhi parhejo ka sahara le, burger , pizza ityadi bhojan ka prayog bilkul bhi na kare, keval falahaar hi khaaye, is rog mein adhik milk or doodh ka sevan nahi karna chahiye, vo laabhdayak nahi hota, samose , kachodi puri or pudi , paties ke sevan se parhej kare,
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