अम्लपित्त की बीमारी को अंग्रेजी भाषा में acidity भी कहते है | यह रोग मनुष्य
को गलत खाने पीने और उठने – बैठने के कारण होता है | आज कल इस बीमारी से बहुत से
मनुष्य परेशान है | इस बीमारी को दूर करने के लिए मनुष्य को क्या – क्या आहार खाना
चाहिए और किन – किन चीजों से परहेज करना चाहिए | इस बात की जानकारी हम आपके लिए दे
रहे है | जिन का अनुसरण करने के बाद हम इस रोग से बच सकते है और अपना शरीर निरोग
बना सकते है |
खाने में प्रयोग की जाने वाली वस्तुएं :-
( चोकर युक्त आटा )
जैसे गेहूं , जो ,चना और सोयाबीन से बने आटे की ही रोटी का प्रयोग करे | हरी
पत्तेदार सब्जी जिनमे हम घिया ,तोरी , पेठा , सेम , परवल , सहिजन , सलाद , चोलाई का साग आदि रेशेदार सब्जी का
प्रयोग करना चाहिए | इसके आलावा अंकुरित किये हुए किसी भी प्रकार का अन्न रोजाना
प्रयोग करना चाहिए | यदि किसी भी रोगी को कब्ज हो तो उसे एक सप्ताह में कम से कम
एक बार कब्ज को दूर करने वाला त्रिफला और ईसबगोल को हल्के गर्म दूध के साथ या ताज़े
पानी के साथ पीना चाहिए | और हल्के और ज्यादा पानी की मात्रा वाले भोजन का सेवन
करना चाहिए | हल्के खाने में हम दलिया और मुंग की दाल की बनी हुई खिचड़ी का प्रयोग
क्र सकते है | लेकिन इस बात का ध्यान रखे की खिचड़ी ज्यादा गाढ़ी ना बनाकर पतली
बनाये | क्योकि ज्यादा पानी वाली खिचड़ी जल्दी पच जाती है | अम्लपित्त के रोगियों को
मीठे और ठन्डे पदार्थो का सेवन करना चाहिए जैसे पेठे की मिठाई . सेब का मुरब्बा ,
आंवले का मुरब्बा , गुलकंद , ताज़ा मट्टा आदि साथ ही साथ अनार , मुन्नका और किशमिश
आदि चीजों का भी खाने में प्रयोग करना चाहिए | इन सभी चीजों का प्रयोग करके हम
अम्लपित्त की परेशानी को दूर क्र सकते है |
जिन चीजों से परहेज करना है :-
इस बीमारी के होने का मुख्य कारण ज्यादा तली हुई चीजों
का प्रयोग करना है | जैसे हलवा , पुड़ी , समोसा , बर्गर , पिज़्ज़ा , कचौरी , इडली , और डोसा | हमे इन सभी चीजों का उपयोग कम
करना चाहिए | इसके आलावा चाय और कोफ़ी का भी प्रयोग कम क्र देना चाहिए | क्योंकि
अम्लपित्त या acidity होने का कारण इसके प्रयोग को भी माना गया है | सब्जियों में
हमे बैंगन , आलू , चिमिकंद , और गोभी का उपयिग नहीं करना चाहिए |
( दालें ) इस बीमारी से पीड़ित मनुष्य को कई ऐसी दालें है जिनके प्रयोग से हमे
यह परेशानी बढ़ जाती है | जैसे :- मसूर की दाल , चना , उड़द की दाल , राजमा और चावल
| हमे इन सभी चीजों का उपयोग नहीं करना चाहिए | इस रोग में आमचूर , कुल्थी ,
गरिष्ट लगने वाला भोजन , आचार , ज्यादा मात्रा में मिर्च मसालों का प्रयोग ,
मानसिक तनाव , नमकीन , गर्म खाना आदि का प्रयोग स्वास्थ्य के लिए अहितकर होता है |
नोट :- इस बीमारी में मनुष्य को कभी भी बीड़ी , सिगरेट आदि धुम्रपान वाली चीजों और
शराब का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए | इस बीमारी में नीम्बू और नमक का इस्तेमाल
अधिक मात्रा में करना चाहिए |
amilpit mein parhej or amalpit mein khaane yogye bhojan kya kar sakte hai , is bimari mein rogi ke pet mein acidity ho jaati hai , yeh rog aniymit bhojan karne se hota hai, aniymit bhojan or khaan peen ke karan hi aisa hota hai, amalpit or acitdity mein kabhi bhi patient ko spicy food or masale daar bhojan nahi karna chahiye, is bimari mein rogi swasthye ke liye ahitkar hota hai, acidity ke patient ko hari sabzi jaise palak , taridaar ghiya , locky or resedaar saag , bathuva, or hare dhaniya ka sevan karna jaroori hai, ras or juice wale fruit bhi acidity mein laabhkaari hote hai, jaise mausambi , santra, seb or apple, pine apple , papita , papaya, ananaas, kharbooja, tarbooj, gaingan , brinjal, aalu or potato se parhej karna jaroori hai, adhik namak na khaye, neembu ke ras se sevan kare,
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