सर्वाइकल के दर्द का इलाज :- इस बीमारी को सरवायाक्ल
भी कहा जाता है | इस बीमारी में मनुष्य की हड्डियाँ कमजोर हो जाती है उसमे
कैल्शियम की कमी हो जाती है | अधिकतर यह
बीमारी पुरुषों में पाई जाती है | पुरूषों का काम जैसे बोझ उठाना , उठने – बैठने
से यह रोग हो सकता है | जो व्यक्ति किसी ऑफिस में सारे दिन बैठने का काम करते है, उनको भी सर्वाइकल का के दर्द की परेशानी रहती है, आरम्भ में इस बीमारी का पता नहीं चलता, लेकिन बाद में बहुत तकलीफ होती है,
इस बीमारी के उपचार के लिए सुझाव -
- अधिक वजन न उठाये
- वज्रासन, चक्रासन और मत्स्यासन के अलावा गर्दन को गोल गोल घुमाने का अभ्यास करे ,
- प्रतिदिन सूर्योदय से पहले उठे और कम से कम 3 किलोमीटर जरूर पैदल चले. अगर तेज - तेज चलते है तो अधिक लाभ मिलेगा.
- अपने ऑफिस में अधिक देर तक एक मुद्रा में न बैठे , हर घंटे के बाद थोड़ी थोड़ी देर के लिए ब्रेक लेकर थोडा टहल कदमी जरूर करे.
- अगर आप घरेलु महिला है तो अधिक देर न सोये , और घरेलू कार्यों के बीच थोडा थोडा ब्रेक ले .
- बैठ कर पौचा लगाने से काफी लाभ मिलेगा , अगर अधिक दर्द रहता है तो वाइपर से पौचा लगाये,
इस बीमारी को ठीक करने के लिए एक
आयुर्वेदिक उपाय है | जैसे :-
सामग्री :-
१.
दशमूल क्वाथ( dashmool kwath ) :- २०० ग्राम
१. पीड़ान्तक क्वाथ( peedantak kwath ):- १०० ग्राम
किसी एक बड़े बर्तन में ४०० मिलीलीटर पानी ले | इसमें एक चम्मच. दशमूल
क्वाथ ,
पीड़ान्तक क्वाथ का मिश्रण मिला दें | अब इस पानी को मंद
अग्नि पर पकायें | जब इसका पानी पककर १०० ग्राम शेष रह जाए तो इसे छानकर सुबह के
समय और शाम के समय खाली पेट पी लें | यदि इस क्वाथ में निर्गुन्डी और हरसिंगार के
पोधे के तीन या चार पत्तों को मिलाकर पकाकर पीये | तो बहुत फायदा मिलता है |
सामग्री
:-
१. एकांगवीर रस( ekangvir rasa ) :- १० ग्राम
२. स्वर्ण माक्षिक( swaran makshik ) :- ५ ग्राम
३. प्रवाल पिष्टी( prawal pisthi ) :- १० ग्राम
४. गोदंती भस्म( godanti bhasma ) :- १० ग्राम
उपरोक्त सामग्रियों को आपस में मिलाकर एक मिश्रण तैयार करे | इस मिश्रण की
बराबर मात्रा की ६० पुड़ियाँ बना ले | और किसी शीशे के डिब्बे में बंद करके रख दे |
प्रतिदिन एक पुड़ियाँ सुबह के नाश्ते के समय और एक पुड़ियाँ रात को खाना खाने के आधा
घंटा पहले खाएं | इस औषधि को ताज़े पानी के साथ या शहद के साथ खाएं | औषधि समय पर ले .
नोट :- यदि किसी भी मनुष्य को बहुत ज्यादा दर्द होता है तो उसे बृहत वातचिन्तामणि के रस को एक
पुड़ियाँ में मिलाकर खाने से दर्द में जल्दी ही आराम मिल जाता है |
सामग्री
:-
१. त्र्योदशांग गुग्गुलु( tryodashang guggal):- 60 ग्राम
२. पीड़ान्तक वटी( peedantak tel ) :-
40 ग्राम
३. शिलाजीत रसायन( shilajeet rasayan) :- 40 ग्राम
ऊपर लिखी आयुर्वेदिक औषधि की एक – एक गोली रोजाना दिन में तीन बार खाना खाने
से लगभग आधा घंटा पहले खाएं | इन गोलियों को गुनगुने पानी के साथ खाएं | और यदि
सर्वाइकल की बीमारी में जयादा दर्द हो तो मनुष्य को विषतिन्दुक वटी नामक औषधि की
एक – एक गोली को रोजाना सुबह और शाम के समय खाएं | बहुत लाभ मिलेगा |
पीड़ान्तक तेल(peeda nashak tel ):- १०० मिलीलीटर
किसी भी अच्छी आयुर्वेदिक कंपनी से पीड़ान्तक तेल खरीदकर शरीर के जिस स्थान पर दर्द हो वहां मालिश
करें | इस तेल की मालिश करने से दर्द ठीक हो जाता है |
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