अजीर्ण की बीमारी का
आयुर्वेदिक औषधियों के द्वारा ईलाज
कोई भी मनुष्य जब भोजन
करता है | और उसका भोजन का पाचन पूरी तरह से नहीं हो पाता है तो उसे अजीर्ण की
शिकायत कहते है | प्रदूषित भोजन को हमारा शरीर पूरी तरह पचाने में असमर्थ है, यदि भोजन साफ और स्वच्छ हो तो हम उस भोजन को आराम से पचा सकते है.
इसका एक मुख्य कारण हमारे शरीर में उपस्थित
जठराग्नि की मंदता है | इस बीमारी का ईलाज अरुचि और एसिडिटी के ईलाज की तरह ही
किया जाता है |
किसी भी बर्तन में थोडा
सा जीरा भून लें और उसे पीसकर चूर्ण बना लें | फिर इसमें थोड़ी सी मात्रा में काला
नमक मिलाकर खाएं | इस प्रकार की विधि का उपयोग करने से किसी भी तरह का पेट का रोग
ठीक हो जाता है | काला नमक प्रयोग करने से विशेष प्रकार का लाभ मिलता है |
दूषित भोजन पानी से रोग |
आनाह , आध्मान
और आटोप की बीमारी का आर्युवेदिक तरीके से ईलाज
हमारे आस पास के वातावरण की वायु बहुत दूषित होती जा रही है
| वायु में इतने अवगुण आ गये है | जिसके कारण हमारे शरीर के आमाशय में खाना उचित
प्रकार से न पचने की वजह से अन्न रस इक्कठा हो जाता है और किसी कारणवश यह रस मल के
रूप में बाहर नहीं निकल पाता | जिसके कारण मनुष्य को आनाह रोग हो जाता है |
इस बीमारी को ठीक करने के लिए निम्नलिखित उपाय है |
१. सर्वकल्प क्वाथ
:- २०० ग्राम
२. कायाकल्प क्वाथ
:- १०० ग्राम
किसी एक बड़े बर्तन में ४०० मिलीलीटर पानी ले | इसमें
उपरोक्त औषधियों को आपस में मिलाकर एक चम्मच की मात्रा को पानी में मिला दे | फिर
इसे धीमी आंच पर पकायें | पकते – पकते जब पानी की मात्रा १०० मिलीलीटर रह जाए तो
इसे छानकर सुबह और शाम बिना कुछ खाये इस पानी को पी लें | रोगी के शरीर में मौजूद आध्मान
और आटोप की बीमारी के लक्षण ठीक हो जाते है |
dushit bhojan se hone wali bimari or unka bachaav |
सामग्री :- उदरामृत
वटी :- ४० ग्राम
आरोग्यव्र्धानी :- ४०
ग्राम
इनकी २ -२ गोली
रोजाना सुबह और शाम खाना खाने के बाद गुनगुने पानी के साथ खाने से फायदा मिलता है
|
गैसहर
चूर्ण :- १०० ग्राम
किसी भी अच्छी आयुर्वेदिक कम्पनी द्वारा निर्मित ‘गैस बाहर
कर’ चूर्ण खरीद कर रोजाना आधा चम्मच गुनगुने पानी के साथ खाएं | इसका सेवन भोजन
करने से आधा घंटा पहले खाएं |
६. एलोवेरा जूस :- १० मिलीलीटर
७. आवंला का जूस :- ५
मिलीलीटर
८. गोधन अर्क :- ५ मिलीलीटर
इन तीनों को मिलाकर हल्के गर्म पानी के साथ रोजाना सुबह
खाली पेट पीने से लाभ मिलता है | और बीमारी जल्दी ठीक हो जाती है |
कब्ज
अभयारिष्ट :- ४५०
मिलीलीटर
इस औशधि की चार चम्मच की मात्रा में चार चम्मच हल्का गर्म
पानी मिलाकर रोजाना पीये | इस विधि का उपयोग एक दिन में कम से कम दो बार करने से हमे जल्दी आराम मिलता है |
उदरकल्प का चूर्ण :-
१०० ग्राम
इस चूर्ण की एक चम्मच की मात्रा को प्रतिदिन गुनगुने पानी
के साथ रात के समय सोने से पहले खा लें |
इसके आलावा एक और उपाय है जो इस प्रकार है |
चित्रकादी वटी :-
४० ग्राम
आरोग्यवर्धानी वटी
:- ४० ग्राम
इनकी २ -२ ,गोलियां एक दिन में कम से कम दो बार अवश्य
प्रयोग करे | इसके प्रयोग से हमे विशेष लाभ मिलता है |
नोट :- जिस व्यक्ति को मधुमेह की बीमारी है उसे उदरकल्प का चूर्ण का
इस्तेमाल नहीं करना चाहिए | इस चूर्ण के आलावा किसी भी शुद्ध भारतीय आयुर्वेदिक
कम्पनीद्वारा निर्मित ‘हरीतकी का चूर्ण’ , या त्रिफला का चूर्ण का ही इस्तेमाल
करना चाहिए |
सावधानियां : -
- हमे साफ जल का सेवन करना चाहिए,
- ताजे भोजन को ही ग्रहण करे ,
- गर्मी के मौसम में भोजन अधिक देर तक नहीं रूक पाता और जल्दी खराब हो जाता है
- साफ सफाई का ध्यान रखे
- रोज दन्त मंजन या नीम की दातुन से दांत साफ करे
- ३ नीम के पत्ते रोज चबा चबा कर खाये
- प्रतिदिन थोडा व्यायाम जरूर करे
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