थायराइड | गलगंड | घेंघा रोग

       गलगंड और थायराइड की बीमारी का कारण

गलगंड , जैसा कि नाम से ही पता चलता है ये रोग गले से संबंधित है, यह बीमारी आयोडीन की कमी से होता है | इस बीमारी में रोगी के गले में सूजन आ जाती है |  इस बीमारी से बचने के लिए हमें खाने  में आयोडीन युक्त नमक का उपयोग सही मात्रा में करना चाहिए | इस बीमारी की चिकित्सा आयुर्वेदिक तरीके से किया जा सकता है | इस बीमारी को स्लो किलर भी कहते है क्योकि इसमें रोगी को पता भी नहीं चलता और उसकी परेशानी धीरे धीरे बढती चली जाती है.

गलगंड के उपचार हेतु सामग्री :-  

सर्वकल्प क्वाथ – sarvakalp kwath :-   २०० ग्राम
मुलेठी  क्वाथ – mulethi kwath  :-    १०० ग्राम

उपरोक्त औषधियों को मिलाकर एक मिश्रण बना लें | फिर किसी बर्तन में ४०० मिलीलीटर पानी लें और इसमें एक चम्मच औषधि का मिश्रण मिलाकर मंद अग्नि पर पकाए | पकते – पकते जब इसका पानी १०० ग्राम रह जाए तो इसे छानकर सुबह और शाम खाली पेट पीये | गलगंड की परेशानी से छुटकारा मिल जाता है |


galgand , thyroid , ghenga rog
galgand , thyroid , ghenga rog 
सामाग्री    :-   

१. त्रिकटु चूर्ण – trikut churn     :- ५० ग्राम
२. प्रवाल  पिष्टी – pravaal pisti   :- १० ग्राम
३. गोदंती भस्म- godanti bhasma :- १० ग्राम
४. बहेडा  चूर्ण- baheda churan     :-  २० ग्राम
५. शिलासिन्दूर - shila sindoor     :- २ ग्राम
६. ताम्र भस्म – taamr bhasma    :-  १ ग्राम
७. मुक्ता  पिष्टी  - mukta pisti     :-  ४ ग्राम

इन सभी औषधियों को आपस में मिलाकर एक मिश्रण बनाए और इस मिश्रण की बराबर मात्रा की ६० पुड़ियाँ तैयार करें | और इन सभी पुड़ियाँ को डिब्बे में बंद करके किसी सुरक्षित स्थान पर रख दें | प्रतिदिन सुबह नाश्ते के समय एक पुडिया खाए और रात को भोजन करने से लगभग आधा घंटा पहले एक पुडिया खाए |  इस jadi booti जड़ी – बूटी का उपयोग ताज़े पानी के साथ , शहद के साथ , या मलाई के साथ खाएं |

 सामाग्री   :- 

१. कांचनार गुग्गुलु (kaanchnaar guggal) :- ६० ग्राम
२. वृद्धिबाधिका वटी (vardhibadhika vati):- ४० ग्राम
३. अरोग्य्वार्धानी वटी(arogyavardhani ):- ४० ग्राम

इन सभी औषधियों में से एक – एक गोली दिन में तीन बार खाना खाने से लगभग आधा घंटा पहले हल्के गर्म पानी के साथ खाए | इन सभी उपचारों का प्रयोग करके गलगंड थायराइड का रोग ठीक हो  जाता है |


Goitar, Galgand ya thyroid ki bimari gale or throat se related rog hai is rog ka pramukh karan sharer mein iodeen ki kami hona hai , yedi sareer mein is tatv ki kami hoti hai to galgand or thoiroid rog lag jaat ahai , namak ke saath is hamare sharer mein pauchna uchit hota hai , aajakal bazar mein iodine yukt namak bazar mein milta hai bas iska khaane or bhojan mein prayog karo aapke sareer mein iodine ki kami puri ho jayegi, ghenga rog or bimari ka ayurvedic or desi ilaj 

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