अतिस्थौल्य
की बीमारी को इंग्लिश में ओबेसिटी और
हिंदी में मोटापे की बीमारी कहते है | इस रोग में मनुष्य की चर्बी बढ़ जाती है |
जिसके कारण मानव बहुत परेशान हो जाता है | इस बीमारी का आयुर्वेदिक तरीके से किया
जा सकता है |मोटापे की आरंभिक पोजीशन अधिक नुक्सान दायक नहीं होती इसलिए लोग इसपर
ध्यान नहीं देते लेकिन जब ये रोग अधिक हो जाता है तो फिर संभालना मुस्किल हो जाता
है अपने शरीर का भार भी एक जगह से दूसरी जगह उठाना कठिन लगता है .
मोटापे की बीमारी का उपचार :- ( सामग्री )
१. सर्वकल्प क्वाथ ( sarvkalp kwath ) :- २०० ग्राम
२. कायाकल्प क्वाथ ( kayakalp kwath ) :- २०० ग्राम
३. त्रिफला चूर्ण ( trifala churan ) :- १०० ग्राम
इन तीनो औषधियों को मिलाकर
मिश्रण बनाए | एक बड़े बर्तन में ४०० मिलीलीटर पानी लेकर इसमें एक चम्मच औषधि का
चूर्ण मिलाकर धीमी – धीमी आंच पर पकने के लिए रख दे | पक कर जब इसका पानी १००
मिलीलीटर के लगभग रह जाए तो इसे छानकर सुबह और शाम खाली पेट पी लें |
सामग्री :-
मेदोहर वटी ( Madohar vati ) :- ५० ग्राम
इस औषधि की दो – दो गोली
प्रतिदिन खाना खाने से लगभग एक घंटा पहले गुनगुने पानी के साथ खाए | इस विधि के
उपयोग से हमें बहुत फायदा मिलेगा |
सामाग्री :-
१. त्रिफला गुग्गुलु – Trifala Guggal :- ६० ग्राम
२. अरोग्य्वार्धानी - aarogyavardhini :- ६० ग्राम
इन दोनों औषधियों की २ -२ गोली सुबह के समय और शाम के समय हल्के गर्म पानी
के साथ खाए | इससे मोटापा दूर हो जाता है |
सामाग्री :-
गोधन अर्क – godhan ark :- २० मिलीलीटर
धृतकुमारी का रस dhrit kumari ras :- २० मिलीलीटर
उपरोक्त औषधि को सुबह और शाम खाली पेट पीने से motapa - मोटापा कम होता है |
इसके अतिरिक्त मोटापे को कम करने के लिए कुछ प्रभावित करने वाले प्रणायाम या
आसन करने चाहिए |
Motapa ek
gambheer rog hai ye apni first stage pe adhik preshaan nahi karta prantu jab
iski second or third stage aati hai to rogi preshaan ho jaata hai . apne sharer
ko ek sthaan se dusre sthan tak bhi lekar jana uskeliye kathin karya lagta hai
, isliye motape ko samy par hi niyantran mein karna chahiye, exercise ,
pranayama or yogasan karne se aapka body se extra fat hat jaata hai or
aap slim or fit ban jaate hai , motape iska pramukh karan hamari dincharya or
bhojan hai , bina bhookh ke bhojan karna , khaane ke liye jeena, apne swad par
control na karna , ityadi ho sakte hai, hamara rojgaar bhi motape ka karan ho
sakta hai ,, isliye jo vyakti adhik time ke liye chair pr baithe rahete hai
unko chahiye ke apne routine ko thoda theek kare har ghante ke baad , ek 5
minute ka break lekar chiar se khade ho jaye or thoda tahale. Morning mein
exercise jaroor kare, adhik nahi to kam se akm 3 kilometer ki walk jaroor kare,
hotape ka reason, motape ka ilaj, kotape ka karan, ayurvedic ilaj to remove
fat.
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