अजवायन के रासायनिक गुण – धर्म
अजवायन
के फूल में एक प्रकार का खुश्बुदार उड़नशील पदार्थ होता है जिसे हिंदी में फूलों का सत और अंग्रेजी में थाइमोल कहा जाता है । फूलों का सत निकालने के लिए अजवायन को पानी में भिगोकर भाप देकर निकाला जाता है ।
इसके
उपयोग से निम्नलिखित रोगों से छुटकारा पाया जाता है । जैसे :- दीपन , वात सम्बन्धी रोग, पाचन
क्रिया
की कमजोरी , अजवायन एक जीवाणुनाशक है
, उदर सम्बन्धी बीमारी का
इलाज , अजवायन कृमिनाशक है , गर्भाशय उत्तेजक , शुक्रनाशक , स्तनयनाशक , कफवातशामक , पित्त वर्धक , शोथहर , वेदना व दर्द का समाधान , शीतप्रशम ,और बुखार व ज्वर नाशक आदि ।
अजवाइन
का
दवाइयों
के
रूप
में
प्रयोग :-
खांसी :- यदि
किसी मानव को बार - बार
खांसी आती हो और अधिक कफ गिरता हो तो ऐसी अवस्था में केवल गुनगुना पानी पीये,
अजवायन के फूलों का सत निकालकर इसकी १२५ मिलीग्राम की मात्रा में लेकर इसमें २ ग्राम घी और ५ ग्राम शहद मिलाकर एक दिन में कम से कम तीन बार सेवन करने से कफ कम गिरता है और खांसी में भी आराम मिलता है । ऐसा करने से बलगम से
राहत मिलती है, इस रोग में ठंडा पदार्थ वर्जित है .
Chemistry of Ajwain in hindi |
2. कई बार खांसी और कफ की वजह से बुखार हो जाता है । तो छोटी पीपल आधा ग्राम और अजवायन २ ग्राम लेकर पानी में उबालकर पकाकर ठंडा कर लें । और फिर ५- १०
ग्राम की मात्रा में सेवन कर लें । इससे कफ, खांसी, बुखार ठीक हो जाता है ।
3. खांसी में रात को सोते समय अचानक अधिक खांसी हो
जाती है , इस प्रकार की बाधा के समाधान के लिए अजवायन को पानी में उबालकर गुनगुना
पीने से भी लाभ मिलता है, इस उपचार से मूत्र रोग का समाधान होता है , और भूख खूब
लगती है. ऐसा करने से सिर दर्द में भी राहत मिलती है .
ajwain se khansi ka ilaj |
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