मासिक धरम
मे समस्याए
साथियो ! हमारी माताओं बहनों को मासिक धरम
के दौरान बहुत
समस्याओ का सामना
करना पड़ता है कई
बार यह ज्यादा
होता है तो
कई बार कम
होता है जिससे
शरीर मे भी
समस्याए बन जाती
है । आयुर्वेद में इन समस्याओ
के निवारण के
कुछ उपाय बताए
गए है इनमे
से कुछ हम
यहाँ अपने पाठको
की सुविधा के
लिए दे रहे
है ।
तो दोस्तों आयुर्वेद में
इसका बहुत ही
सरल उपाय है
अशोका वृक्ष के
पत्तो की चटनी
बनाकर उसका उपयोग
करे । ( धयान
देने योग्य बात
यह है की
अशोक वृक्ष छोटे
वाला हो जिसके
नीचे माता सीता
बैठती थी )
अतः असली अशोक
वृक्ष के पांच
या छः पत्तो
को तोड़कर उनकी
चटनी बनाकर लगभग
डेढ़ गिलास पानी
में लगातार उबाले
जब तक आधा
गिलास पानी न
रह जाये ।
इस काढ़े को
सुबह खाली पेट
लेना चाहिए तथा लगातार
एक महीना तक
इसे पीना हैं
। इससे मासिक
धर्मं से सम्बंधित
सभी बीमारियों में
आराम मिलता है
दोस्तों अब हम
बात करते है
माहवारी के दौरान
होने वाले दर्दो
की,जो इतने
तेज़ होते है
की औरते जल्दी
से दर्द निवारक goli का इस्तेमाल करती
है
वो उस समय
तो राहत पा
लेती है पर
ये दवायें बहुत
ज्यादा नुकसान दायक होती
है । इसके
बजाये उन्हें
अपने सालो पुराने
आयुर्वेद पर विश्वास करना
चाहिए ।
जब भी ज्यादा दर्द
हो तो एक
कप चाय में
एक चम्मच देसी
घी डालकर उसे
घूँट-घूंट करके
पीना होता है
। व् इसे
गरम ही पीना
होता है ठंडा
करके नहीं ।
चाय की जगह
आप दूध भी
ले सकते है
।
इसके अलावा एक उपाय
है चूना , जब
तक पीरियड्स रहे
तब तक एक
चने की दाल
के दाने जितना
चूना ले सुबह
उठकर खाली पेट
इसे गरम पानी
से लेना चाहिए
इसके अलावा इसे
जूस में भी
ले सकते है
। परन्तु ध्यान
रहे के पथरी
या मूत्र रोगी को चूना नहीं
लेना चाहिए ।
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