स्वाइन फ्लू को कैसे करें ठीक |
स्वाइन फ्लू से बचाव के उपाय :- स्वाइन
फ्लू कोई भयंकर बीमारी नही है | यह रोग आमतौर मौसम में बदलाव के कारण होता है | स्वाइन
फ्लू कोई नई बीमारी नही है | यह समान्य प्रका रके फ्लू के कारण होता है | हमारे आस
– पास के वातावरण में लाखों की संख्या में विषाणु पाए जाते है | जिन्हें कभी भी
नष्ट नही किया जा सकता है ,लेकिन इन विषाणु से बचा जा सकता है | मानव का शरीर वात
, कफ और पित्त के कारण बीमार होता है | ये सभी रोग विषाणु के कारण और भी बढ़ जाते
है |उस समय विषाणु की शक्ति कम हो जाती है और शरीर का संतुलन बिगड़ जाता है |
प्राकतिक ने मानव को जीवाणु और विषाणुओं से लड़ने की ताकत मिलती है | परन्तु मानव
के भाग दौड़ भरे जीवन में वह अपने खान – पान का अच्छी तरह से ध्यान नही रख पाता |
इस वजह से उसके शरीर के अंदर रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है |
परिमाणस्वरूप मनुष्य बीमारी का शिकार हो जाता है | उन्ही बीमारी में से एक स्वाइन
फ्लू है | आज हम आपको स्वाइन फ्लू नामक रोग से बचने के कुछ उपाय के बारे में
जानकारी देंगें|
Swine Flu Ke Liye Hrbl Tea Bnayen |
उपाय :- स्वाइन
फ्लू से बचने के लिए हर्बल टी का उपयोग करें | यह हमारी सेहत के लिए भी लाभदायक है
| इस चाय को आप अपने घर में आसानी से बना सकते है | इस चाय को बनाने की विधि इस
प्रकार से है |
विधि :- लौंग , इलायची , , सौंठ , हल्दी ,
दालचीनी , गिलोय , काली मिर्च , पिप्पली और तुलसी के कुछ पत्तों को लेकर आपस में
मिलाकर पीस लें | जब पावडर बन जाये तो इस पावडर की दो ग्राम की मात्रा को एक कप
चाय में डालकर पका लें | इस तरह से हबल चाय तैयार हो गई | इस चाय को रोजाना सुबह
और शाम के समय पीने से शरीर को रोगों से लड़ने की ताकत मिलती है | इसके आलावा आप
स्वाइन फ्लू जैसी बीमारी से बच जाते है | इस चाय को हर व्यक्ति पी सकता है चाहे वो
बीमार हो या स्वस्थ हो |
कपूर |
इलायची |
जिस व्यक्ति को स्वाइन फ्लू हो जाता है तो
उसे घबराने की जरूरत नही है | इस रोग को घरेलू इलाज करके दूर किया जा सकता है |
इलायची और कपूर को अच्छी पीसकर पावडर बना लें | इस तैयार पावडर को किसी कपड़े में बांधकर
एक छोटी सी पोटली बना लें | इस पोटली को बार – बार सूंघे | इस उपाय को करने से स्वाइन
फ्लू की कई बीमारी दूर हो जाती है | जैसे :- सिर का दर्द , सर्दी जुकाम , और बुखार
आदि |
Kadha Bnane Ka Trika |
स्वाइन फ्लू के रोग को दूर करने के लिए
चिरायता , गुडूची , अनन्तमूल , हल्दी , सौंठ , वासा और तुलसी के पत्ते को आपस में
मिलाकर काढ़ा बनाकर पीयें | इस उपाय को करने से स्वाइन फ्लू ठीक हो जाता है |
जिस मनुष्य को स्वाइन फ्लू है उसे नीलगिरी
नामक तेल की भाप लेनी चाहिए | इन सभी ईलाज के साथ में किसी आयुर्वेदिक चिकित्क से
सलाह लेकर श्रंग भस्म , त्रिकटु चूर्ण , सितोपीलादि लक्ष्मी विलास रस आदि का सेवन
कर सकते है |
स्वाइन फ्लू के लक्षण :-
लगातार बुखार होना |
गले में खराश |
भोजन को निगलने में परेशानी |
कमजोरी |
थकान |
भूख न लगना |
अधिक छींके आना |
आदि कुछ लक्षण है जिनसे आप स्वाइन फ्लू की
पहचान कर सकते है | आयुर्वेद के अनुसार इस रोग में व्यक्ति को शुद्ध शाकाहारी भोजन
करना चाहिए | गर्म पदार्थों का सेवन बहुत ही कम मात्रा में करना चाहिए | रोगी को
खुली और ताज़ी हवा में साँस लेना चाहिए | जिस कमरे में स्वाइन फ्लू से पीड़ित मनुष्य
को रखा जाता है | वह कमरा खुला , हवादार होना चाहिए | इसके आलावा कमरे में सूर्य
का प्रकाश सही मात्रा में आना चाहिए | रोगी को पानी उबालकर ठंडा करके पीना चाहिए |
क्योंकि जब पानी को उबालते है तो उसमे उपस्थित कीटाणु नष्ट हो जाते है | और पानी
स्वच्छ हो जाता है |
स्वाइन फ्लू से पीड़ित व्यक्ति को रोजाना सुबह के समय प्रणायाम
करना चाहिए | इससे उनका स्वास्थ्य ठीक रहता है |
Nilgiri Ke Tel Se Bhaap Len |
सूअर से दुरी बनाये |
स्वाइन फ्लू के रोगी को क्या नही करना
चाहिए :- जिस मनुष्य को स्वाइन फ्लू का रोग है उसे भीड़ वाले स्थान से बचकर रहना
चाहिए | जिस स्थान पर अधिक सूअर रहते हो उस स्थान से दुरी बनाये रखे | क्योंकि
सूअर के कारण ही यह रोग होता है |
यदि आपको छींके आती हो या उल्टी आती हो तो
उसे रोकना नही चाहिए |
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