किडनी के रोग को कैसे कम करें , Kidney ke rog ko kaese km kren |

किडनी की बीमारी को ठीक करने के लिए उपचार :- किडनी के रोग को ठीक करने से पहले हम ये जानते है कि यह खराब किन कारणों से होती है |
किडनी के रोग को कैसे कम करें
किडनी के रोग को कैसे कम करें
कारण :- किडनी के रोग का बहुत समय के बाद पता चलता है | क्योंकि इस बीमारी का कोई भी लक्षण जल्दी उभर कर सामने नही आता | मानव शरीर में किडनी का मुख्य कार्य शुद्धिकरण का होता है | परन्तु जब मनुष्य की किडनी खराब हो जाती है तो उनके गुर्दे सामान्य रूप से कार्य करना कम कर देते है | इसी स्थिति को किडनी फेल्योर कहते है | जब हम खून और यूरिया का टेस्ट करवाते है तो हमे किडनी के बारे में पता चलता है कि वह ठीक प्रकार से कार्य कर रही है या नही | इसके आलावा जब किडनी की लगभग 50 % से भी ज्यादा भाग ख़राब हो जाता है  | और यह उचित प्रकार से कार्य नही कर रही है तो हमे ऐसी स्थिति में खून की जाँच अवश्य करवानी चहिये |
आज हम किडनी की खराब दशा को ठीक करने के कुछ उपाय के बारे में बता रहे है |मानव की किडनी का मुख्य कार्य रक्त का शुद्धिकरण करना होता है | किडनी का आकार लगभग ११ सेंटीमीटर होता है | यह एक लम्बी काजू आकार की छननी होती है | जो हमारे पेट के दोनों और स्थित होती है | डॉक्टर्स का यह मानना है कि एक स्वस्थ व्यक्ति के गुर्दे प्रतिदिन 50 से 60 लीटर जितना पानी को छनने की क्षमता रखता है | इसके आलावा एक स्वस्थ मनुष्य के शरीर से एक दिन मे कम से कम 1 से 2 लीटर पानी मूत्र बनकर शरीर से बाहर निकलता है | इससे शरीर के सभी व्यर्थ पदार्थ बाहर निकल जाते है | और मनुष्य नीरोग रहता है | मानव शरीर में दो गर्दे होते है | यदि किसी कारणवश कोई भी एक गुर्दा काम करना बंद कर दें तो  उस व्यक्ति का दूसरा गुर्दा कार्य को करता है | यह शरीर में व्यर्थ पदार्थों को जमने से रोकता है | और मनुष्य को स्वस्थ रखता है | मानव  शरीर के गुर्दे दिल से, फेफड़े से , प्लीहा से जुड़े हुए होते है | ये सभी एक साथ मिलकर कार्य को करते है | लेकिन मानव के गुर्दे और दिल दोनों एक साथ सहयोग करके काम करते है | इसलिए जब किसी मनुष्य को दिल की बीमारी  होती है तो उसके गुर्दे भी ठीक प्रकार से काम करना बंद कर देते है | इसके आलावा रोगी मनुष्य को ब्लडप्रेशर हाई का भी रोग लग जाता है |
Kidney Ke Rog Ke Lakshan
Kidney Ke Rog Ke Lakshan
मानव को ये सभी रोग केवल के किडनी की खराबी के कारण होता है | इससे मानव का शरीर कमजोर हो जाता है | आजकल सही खान – पान बना होने के कारण बहुत से मनुष्य को किडनी के रोग होने लगे है | और यह समस्या दिन प्रतिदिन बढती ही जा रही है | किडनी के खराब होने के कुछ लक्षण इस प्रकार से है |
1.भूख ना लगना
2.कमजोरी महसूस करना , थोड़ा सा काम करने पर थकावट महसूस करना
3.उल्टी होना
4.नींद ना आना
5.किडनी के रोगी का दीमाग सही तरह से काम नही करता
6. हिचकी आना
7.पैरों में और पैरों के टकने मे सुजन आना
8.हृदय में पानी जमा हो जाता है जिससे छाती में दर्द होने लगता है |
9.किडनी के पेशंट को ब्लडप्रेशर हाई रहता है | कभी – कभी तो इस ब्लडप्रेशर को नियंत्रित करना बहुत कठिन हो जाता है |
10.       किडनी के रोगी को लगातार खुजली होती है |
11.       किडनी के रोगी को पेशाब कम आता है |
12.       मासपेशिया खीचने लगती है |
  किडनी खराब होने के कुछ कारण निम्नलिखित है |
Ø पानी का कम सेवन करना
Ø पेशाब आने पर रोक के रखना |
Ø नमक का अधिक से अधिक प्रयोग करना
Ø ब्लडप्रेशर हाई होने पर अच्छी तरह से इलाज ना करवाना
Ø 8 गिलास से कम पानी पीना
Ø मासाहार भोजन का अधिक सेवन करना
Ø शराब का अधिक सेवन करने से |
Ø शुगर होने पर उसे अनदेखा करने से |
Ø पेन किलर दवाओं का अधिक प्रयोग करने से |
Ø  काम करने के बाद आराम ना करना |
Ø सॉफ्ट ड्रिंक्स , सोडा और पेप्सी को पीने से |
pani adhik peeyen
pani adhik peeyen 
मानव के गुर्दे शरीर से व्यर्थ पदार्थों और जल को फिल्टर करके बाहर निकालता है | हमारे शरीर की मासपेशियों में पाया जाने वाला क्रिएटिन फास्फोरस का विखंडन करके उर्जा उत्पन्न करता है | अगर हमारे शरीर में क्रिएटिन का स्तर 1. 5 से ज्यादा होता है तो ये समझे की हमारे गुर्दे सही तरह से काम नही कर रहे है |ऐसी अवस्था में खून की जाँच करवाना बहुत जरूरी होता है | आज हम आपको कुछ ऐसे उपाय के बारे में बतायेंगे जिनका उपयोग करके आप अपने खून में क्रिएटिन की मात्रा के स्तर को घटा सकते है | इसके आलावा इन उपाय को प्रयोग करके आप अपने गुर्दे को स्वस्थ रख सकते है | खून में क्रिएटिन का स्तर घटाने के लिए अपने भोजन में प्रोटीन , फास्फोरस , पोटेशियम , और नमक की कम मात्रा का सेवन करें | जिस भी भोज्य पदार्थ में इन सभी चीजों की अधिकता होती है | उन सभी चीजों से परहेज करें | जब आप प्रोटीन युक्त भोज्य पदार्थ का सेवन नही करेंगे तो आपके शरीर में क्रिएटिन का स्तर भी कम रहेगा |  इससे किडनी को भी शरीर से व्यर्थ पदार्थ निकालने में कम जोर लगाना पड़ेगा | इसके आलावा किडनी की तंदुरस्ती में भी बढ़ोतरी होगी | एक विशेष बात यह है कि शरीर में क्रिएटिन टूटने से क्रीयटनिन बनते है |जिसकी वजह से हमारे गुर्दे खराब हो सकते है |  शरीर में कभी भी परेशानी ना आये इसके लिए हर एक महिला को पुरे दिन में लगभग 2.5 लीटर पानी पीना चाहिए | जबकि आदमी को 3.5 लीटर पानी का सेवन करना चाहिए | जो मनुष्य चाय और काफी का अधिक उपयोग करता है | उसके गुर्दे जल्दी खराब हो सकते है | या उनके गुर्दे पर हानिकारक प्रभाव पड़ते है | इसलिए हमे इन सभी चीजो से परहेज करना चाहिए |
 Kidney Ke Rog Mein Kya Khayen Or Kin Chijon Se Parhej Kren
 Kidney Ke Rog Mein Kya Khayen Or Kin Chijon Se Parhej Kren
यदि किसी मनुष्य को मूत्र में या कोई संक्रामक रोग लग जाता है तो इससे भी  रक्त में क्रिएटिन बढ़ जाता है | अत: हमे शरीर की किसी भी बीमारी को अनदेखा नही करना चाहिए | चाहे वो कैसी भी बीमारी क्यों ना हो | हाई ब्लडप्रेशर के कारण गुर्दे को रक्त सप्लाई करने वाली नालियों पर बुरा प्रभाव पड़ता है | इसलिए हमे ब्लडप्रेशर को नियन्त्रण में रखना चाहिए | इसके लिए आपको कुछ ज्यादा करने की जरूरत नही है केवल नमक का उपयोग कम कर दें | इसके आलावा रोजाना प्रातकाल उठकर सैर करने के लिए जाएँ | प्रतिदिन व्यायाम करें और शरीर में आलास को बिल्कुल भी जगह ना दें |जिस व्यक्ति को मधुमेह का रोग है | उसे भी गुर्दे की तिक्क्त हो सकती है | इसलिए हमे समय रहते इसका इलाज करना चाहिए | मधुमेह के रोग के कारण शरीर में क्रियटनिन की मात्रा बढ़ जाती है | जिसके कारण गुर्दे अपना कार्य अच्छी तरह से नही कर पाते | मानव को अपने खून में शर्करा की मात्रा का संतुलन बनाना चाहिए | मानव शरीर के लिए प्रोटीन बहुत जरूरी होता है | इससे हमारी मासपेशियों और उत्तकों का निर्माण होता है | यह हमे रोगों से लड़ने की ताकत भी देता है | लेकिन किडनी के रोग में प्रोटीन का उपयोग बहुत हानिकारक होता है | मास और अण्डों में सबसे अधिक प्रोटीन होता है | अत : ये भोज्य पदार्थ किडनी के रोगी के लिए ठीक नही है | आप अपने शरीर में प्रोटीन की कमी को थोड़ी सी दाल खाकर भी पूरा कर सकते है | इसके आलावा जब किडनी के पेशंट के शरीर में पोटेशियम की मात्रा भी अधिक हो जाती है तो उस पेशंट को हार्ट अटैक होने की संभावना बन जाती है | शरीर में पोटेशियम की मात्रा का पता लगाने के लिए खून की जाँच करवाये | यदि खून में अधिक पोटेशियम है, तो  उस भोजन का उपयोग करें जिसमे पोटेशियम की मात्रा कम हो |  
Kidney kharab Hone Ke Karan
, Kidney kharab Hone Ke Karan
जिस भोजन में पोटेशियम की मात्रा कम होती है उनके नाम निम्नलिखित है |
शिमला मिर्च , पाइनएप्पल , पत्ता गोभी , फूल गोभी , लहसुन , प्याज , जैतून का तेल , खीरा , ककड़ी , सेब , लाल अंगूर , और सफेद चावल आदि
जिस भोजन में अधिक पोटाशियम होता है | उनके नाम निम्नलिखित है | केला , तरबूज , किशमिश , पालक , टमाटर , आलू बुखारा , भूरे चावल , संतरा ,आलू का उपयोग नही करना चाहिए | इसमें अधिक पोटेशियम की मात्रा होती है |
किडनी खराब होने के कारण और उसके उपचार के तरीके:-  
vमूत्र में यदि इन्फेक्शन है तो उसका समय पर और सही तरह से इलाज करवाएं |
vहाई ब्लडप्रेशर और मधुमेह के रोग का उचित प्रकार से इलाज करवाएं |
vयदि किडनी में पथरी हो गई है तो उसका हर्बल तरीके से इलाज करें | इससे गुर्दे पे कोई हानिकारक प्रभाव नही होगा |
vकिडनी के पेशंट को क्या खाना चाहिए:- सबसे पहले इस बात का पता लगायें कि किडनी कितनी खराब है | उसी के अनुसार ही उचित भोजन का चुनाव करें |
1.जितना मरीज का वजन हो उसके अनुसार एक ग्राम प्रोटीन की मात्रा प्रति एक किलो के हिसाब से खाएं | जो व्यक्ति मासाहार के सेवन करने वालों के लिए एक अंडा और लगभग 30 ग्राम मछली , 30 ग्राम चिकिन आदि पर्याप्त है | जबकि शाकाहारी भोजन खाने वालों के लिए 30 ग्राम पनीर , एक कप दूध , आधा कप दही और 30 ग्राम दाल उचित आहार है |
2.कैलोरी की कमी को पूरा करने के लिए एक स्लाईस ब्रेड , आधा कप चावल या आधा कप पास्ता का सेवन करें |
स्वस्थ वर्धक भोजन करें
स्वस्थ वर्धक भोजन करें 
3.सोडियम या नमक :- पुरे दिन में एक चम्मच का चौथा हिस्सा ही नमक का प्रयोग करें | यदि खाने में नमक कम लगे तो आप निम्बू , इलायची और तुलसी का उपयोग कर सकते है | इससे भोजन में स्वाद बढ़ता है |
4.बाजार में मिलने वाले डिब्बाबंद और पैकिट वाले चिप्स , सॉस ,आचार आदि का सेवन ना करें | यह आपकी सेहत के लिए हानिकारक है  |
5.विटामिन के लिए पूरे दिन में लगभग एक कप सब्जी और दो फल खाएं |
पोटेशियम :- फल , सब्जियां , दूध , दही , मास अंडा आदि में अधिक होता है | इस भोजन का अधिक सेवन करने से किडनी की परेशानी बढ़ सकती है | केला , तरबूज , किशमिश , पालक , टमाटर , आलू बुखारा , भूरे चावल , संतरा ,आलू आदि  का सेवन ना करें  | इसके स्थान पर आप सेब , अंगूर , अनानास , गोभी खीरा , मुली , गाजर , खा सकते है |
फास्फोरस किस चीज में अधिक है:- दूध और दूध से बनी हुई वस्तुओं में , मछली , अंडा ,बिन्स , नट्स आदि में फास्फोरस की अधिक मात्रा उपस्थित होती है | इसलिए इन सभी चीजों का उचित मात्रा में सेवन करें |
कैल्शियम :- जैसा की पहले ही बताया गया है कि दूध और दूध से बनी हुई चीजों का सही मात्रा में प्रयोग करें | अधिक कैल्शियम युक्त भोजन करने से किडनी में पथरी होने की संभावना हो जाती है | 
फैट :- बटर, घी, और तली हुई चीजे , भुनी हुई वस्तुओं का परहेज करें | इससे शरीर में फैट बढ़ता है | भोजन बनाते समय केवल ओलिव ऑयल का उपयोग करें | यदि संभव हो तो दूध के स्थान पर स्किम्ड दूध का ही उपयोग करें |
तरल पदार्थ :- जब किसी मनुष्य की किडनी थोड़ी खराब होती है तो सामान्य मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन करना चाहिए | लेकिन जब किडनी बिल्कुल खराब हो जाये अथवा काम करना बंद कर दे तो तरल पदार्थ का उपयोग सही मात्रा में करना चाहिए | जैसे सोडा , शराब , जूस का सेवन ना करें | अपनी किडनी की पोजीशन देखते हुई पूरे दिनभर में लगभग 6 से 7 कप ही तरल  पदार्थ का सेवन करें |
 Pani Ki Kitni Matra Ke Sevn Krna Chahiye
 Pani Ki Kitni Matra Ke Sevn Krna Chahiye
जिसकी किडनी खराब हो गई है तो उसे थोड़े से मुंग को पानी में फुलाकर अंकुरित करके खाना चाहिए | यह रोगी के लिए अति उत्तम आहार होता है | अंकुरित मुंग को थोड़ा सा उबालकर जीवाणु मुक्त कर लेना चाहिए |

किडनी पेशंट को सही समय पर और उचित मात्रा में भोजन करना चाहिए | 


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