टायफायड का रोग फैलने वाला रोग है | जो एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति को हो
जाती है | इस रोग के होने का कारण है जीवाणु से संक्रमित भोजन का उपयोग करना है |
जिससे आंत और पाचन सम्बधि बीमारी हो जाती है | इससे होने वाला बुखार कई दिनों तक
रहता है | इस रोग में रोगी के शरीर पर छोटे – छोटे दाने निकल जात्ते है | पेट में
बहुत दर्द होता है | यदि इस रोग का सही समय पर उपचार नही किया गया तो इस रोग के
रोगी की मृत्यु भी हो सकती है | इस रोग के लम्बे समय तक रहने से मनुष्य के बालों
पर बुरा प्रभाव पड़ता है | जिसके कारण उसे गंजेपन की समस्या बन जाती है |
पानी को अच्छी तरह से उबाल लें | इसके बाद इसमे दो चम्मच शहद की मिला दें |
इस पानी को पुरे दिन भर पीयें | यह उपचार टायफाइड के रोगी के लियर बहुत लाभदायक है |
टायफायड के रोग का लक्षण |
इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को बिना उबला हुआ पानी नही पीना चाहिए | इसके
आलावा रोगी को आराम करना चाहिए |
टायफाइड के रोगी को तरल पदार्थ का सेवन करना चाहिए | जैसे :- फलों का रस ,
मुंग की दाल या उसकी बनी खिचड़ी आदि | ऐसे भोजन का सेवन करने से पाचन अच्छी तरह से
और आसानी से हो जाता है | गले में गरिष्ट लगने वाला भोजन रोगी को बिल्कुल भी ना
दें |
रोगी को हमेशा स्वच्छ रहना चाहिए |
इसलिए शोच जाने के बाद अपने हाथों को साबुन से धोएं |
टायफाइड के रोगी के पेट मे किसी प्रकार की समस्या ना हो इसके लिए उसे दूध
पिलायें |
रोगी को बासी भोजन ना दें | इसे उसकी सेहत और भी बिगड़ सकती है | रोगी को
पूरी तरह से पका हुआ भोजन खिलाएं |
Rogi Ko Sntre Ka Ras Den |
टायफाइड के रोग से पीड़ित व्यक्ति
को संतरे के रस में थोडा सा पानी मिलाकर पिलायें | ऐसा करने से रोगी के आंतों की
समस्या में सुधार होता है | इसके आलावा आंतों को रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है
| मूत्र खुलकर आता है | शरीर में से व्यर्थ पदार्थ बाहर निकलते है और शरीर को पोषक
तत्व की प्राप्ति होती है |
रोगी को दूध में हल्दी मिलाकर पिलायें | क्योंकि हल्दी में रोग नाशक गुण
मौजूद होते है | इसलिए हल्दी को एक बेहतर औषधि माना जाता है |
टायफाइड के रोग से पीड़ित व्यक्ति को लहुसन का उपयोग करना चाहिए | रोजाना एक
लहसुन को खाली पेट खाएं | इससे खून में उपस्थित श्वेत कण मजबूत होते है | इसके
आलावा 3 या 4 लहसुन को छोटे – छोटे हिस्से में काट ;लें और फिर दूध में डालकर
अच्छी तरह से पका लें| इसके बाद दूध का सेवन करें | यह बहुत ही लाभदायक उपाय है |
फलों का रस दें |
तुलसी के पौधे की कुछ पत्तियों को लेकर इसमें 5 नग कालीमिर्च की मिलाकर
बारीक़ करके पीस लें | अब इनकी छोटी – छोटी आकार की गोलियां बना लें | रोजाना एक
गोली को गर्म पानी के साथ खाएं | इन लोइयों को एक दिन में कम से कम दो या तीन बार
लें | बहुत लाभ मिलेगा |
एक लीटर पानी में 4 या 5 लौंग को डालकर अच्छी तरह से पका लें | जब पानी की मात्रा आधी रह जाये तो इसे पानी को
थोडा – थोडा पीते रहे | यह बहुत ही लाभकारी उपाय है | क्योंकि लौंग को एक औषधि के
रूप में माना जाता है | इससे आँतों का संक्रमण दूर हो जाता है | और साथ ही साथ
पाचन प्रणाली में सुधार होता है |
Tulsi Ke Patte Ka Upyog Kaese Kren, |
तवे पर एक चम्मच नमक को डालकर सेंक लें | इसके बाद एक गिलास पानी लें और इसमें
नमक घोलकर पी लें | यह एक लाभदायक उपाय है | इस पानी को पीने के बाद नोर्मल पानी
का सेवन करें | इस उपचार को करने से टायफाइड का रोग ठीक हो जाता है |
बीमारी के कारण रोगी के शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है | इसकी कमी
को पूरा करने के लिए सेब का रस , मौसमी का रस , केले का रस आदि का सेवन करना
चाहिए| यह बहुत ही असरदार उपाय है |
एक पका हुआ केला लें इसमें शहद डालकर अच्छी तरह से मसलकर एक मिश्रण बनाएं |
इसे दिन में कम से कम दो यां तीन बार लें| यह उपचार बहुत लाभकारी है |
लौंग का उपयोग कैसे करें |
एक गिलास खट्टी लस्सी
ले| इसमें धनियें की पत्तियों को पीसकर
डाल दें | इस उपचार को करने से टायफाइड का रोग ठीक हो जाता है | इसके आलावा
मोतीझरा भी ठीक हो जाता है |
टायफायड के रोग का लक्षण और ठीक करने के
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