शरीर
की
बदबू :-
वासा के पत्तों का रस निकालकर उसमे शंखचूर्ण मिलाकर लेप लगाने से शरीर में से आने वाली बदबू ठीक हो जाती है ।
जिनके शरीर से दुर्गन्ध अधिक आती है. उनको चाहिए कि केवल
सूती वस्त्र धारण करे. अधिक चमकीले वस्त्र नुक्सान पंहुचा सकते है |
ऐसे रोगियों को गर्मियों में कम से कम १२ से १५ गिलास पानी
और शर्दियों में ८ से १० गिलास पानी पीना चाहिए .
अधिक पसीने से ग्रसित रोगी को प्रतिदिन व्ययाम जरूर करना
चाहिए , व्ययाम के समय पसीने से अधिक पसीने के साथ बदबू वाला पानी निकल जायेगा ,
फिर साफ़ पानी से नहा ले, ऐसा करने से शरीर में बदबू आनी कम हो जाएगी |
अधिक तेल युक्त भोजन व मसालेदार भोजन से परहेज करे , लहसुन
व प्याज का सेवन कम करे इनका अधिक सेवन करने से पसीने से दुर्गन्ध आने का चांस बढ़
जाता है
प्रत्येक छुट्टी वाले दिन अपने पूरे शरीर पर नीम्बू के रस
का लेप करे फिर धो ले , ऐसा करने से आपकी तकलीफ कम हो जाएगी |
स्त्रियों को यदि अधिक पसीना आता है तो वे तला हुआ भोजन न
करे , रस युक्त फलाहार ले जैसे मोसंबी , अंगूर , अनार , पपीता , गाजर का जूस इत्यादि
का सेवन अधिक करे |
अधिक गर्मी होने पर जब बार बार प्यास लगे तो उस समय नीम्बू
पानी का प्रयोग करे , नीम्बू पानी से आपके शरीर के अंदर प्रतिरोधक क्षमता बढेगी और
आपके शरीर से दुर्गन्ध भी दूर होगी |
प्रतिदिन शाम को घर जाने के बाद अपने हाथ पैर जरूर धोये ,
गुनगुने पानी से
पानी के कीड़े मारने के लिए
वासा
का पौधा जल में रहने वाले कीड़े और जन्तुओ के लिए जहरीला होता है । मेंडक और छोटे - छोटे
जंतु मर जाते है इसलिए पानी को शुद करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है ।
पशु व्याधि
यदि
गाय और बैलो को किसी तरह का दर्द हो तो पशुओ के चारे में वासा के पत्ते की कुटी मिलाकर खिलाने से फायदा मिलता है । इस विधि के उपयोग से बैलो का उदर कृमि रोग दूर हो जाता है ।
सूखे पान
वासा
के पौधे के सूखे हुए पत्तो को किताबों में रखने से उनमे कीड़े नहीं लगते ।
कफ विकार
सामग्री :- 1. हरड़ २ बहेड़ा
3. आवंला 4. पटोल पत्र
5. वासा 6. गिलोय
7. कुटकी 8. पीपली मूल
इन
सभी सामग्री की २० ग्राम की मात्रा में लेकर इसे क्वाथ करके इसमें २० ग्राम शहद मिलाकर खा ले । इससे कफ ज्वर ठीक हो जाता है ।
2. गिलोय , त्रिफला , कुटकी , चिरायता , नीम की छाल , और
वासा की लगभग २० ग्राम की मात्रा को ३२० ग्राम पानी में पकाये । जब यह पककर एक चौथाई रह जाये तो इसे ठंडा कर ले । फिर इसमें शहद मिला ले । इस तैयार मिश्रण की २० मिलीलीटर की मात्रा को सुबह - शाम
पीने से कफ, पांडु और कामला का रोग ठीक हो जाता है ।
सन्निपात
:- सन्निपात ज्वर में वासा के पत्तों को पीसकर लगभग १० ग्राम रस निकाल ले । इस रस में थोड़ा सा अदरक का रस और तुलसी के पत्तों का रस निकालकर मिला ले । अब इसमें मुलहठी घिसकर मिला दे । इस तैयार मिश्रण को शहद के साथ सुबह , दोपहर शाम
के समय पीना चाहिए । इस विधि का उपयोग करने से सन्निपात ज्वर शांत हो जाता है ।
आम
दोष :- सामग्री :- 1. मोथा 2. वच
3. कुटकी 4. हरड़
5. दुर्वामुल
इन
सभी सामग्रियों को बराबर मात्रा में मिला ले । इस मिश्रण में से ५-६
ग्राम की मात्रा लेकर इसमें १० -२०
मिलीलीटर गोमूत्र के साथ पिलाना चाहिए । इसके पीने से आम दोष ठीक हो जाता है ।
No comments:
Post a Comment