गर्भाशय
का
दर्द
पुराणी कहावत है की बच्चे को जन्म देना खुद का भी नया जन्म
होना है . बच्चे के जन्म के समय जब
किसी स्त्री को प्रसव पीड़ा होता है तो उसे बहुत दर्द होता है । ये दर्द असहनीय होता है इससे स्त्रियों को बहुत कष्ट होता है । इस दर्द को कम करने के अफीम के डोडे को पानी में उबालकर ठंडा करके पीना चाहिए । इससे प्रसव का दर्द कम हो जाता है । परन्तु ये प्रयोग करने
से पहले अपने चिकित्सक से जरूर सलहा कर ले । इसकी मात्रा चिकित्सक सही बतलायेगा
क्योकि अधिक मात्रा से आपको नशा हो सकता है , इसका इतना ही प्रयोग करना है कि आप
दर्द को सहन कर सको .
कमर दर्द आज की इस भागदोड़ भरी जिंदगी में आम हो गया है ,
हमारा रहन सहन और कार्य प्रणाली इसकी पूर्ण जिम्मेदार है , कमर दर्द को ठीक करने के लिए अफीम में उसकी बराबर की मात्रा में मिश्री मिलाकर खाने से कमर का दर्द ठीक हो जाता है ।
2. इसके आलावा अफीम के डोडे को पानी में कुछ देर भिगो कर रख दें । फिर इसे छानकर पी लें । पीने के बाद इतना पानी पीये कि नशा न हो । इस प्रयोग को करने से कमर दर्द ठीक हो जाता है ।
वादी
में
दर्द
इस
बीमारी में स्नायु में पीड़ा होती है । इस पीड़ा को ठीक करने के लिए अफीम का लेप लगाना चाहिए ।
खुजली
खुजली
से मनुष्य बहुत परेशान हो जाता है । इस परेशानी को दूर करने के लिए तिल के तेल में अफीम को मिलाकर मालिश करने से खुजली जैसे बीमारी से छुटकारा मिल जाता है ।
जोंक
के
काटने
पर
यदि
किसी मनुष्य को जोंक ने काट लिया हो और इसका डंक पक जाये तो उस पर अफीम के दानो को पीसकर लेप लगाना चाहिए । इससे पका हुआ डंक ठीक हो जाता है ।
बुखार
अफीम
के डोडे और लगभग ७ काली मिर्च के दाने को पानी में उबालकर थोड़ा ठंडा करके पीना चाहिए । इस उपचार को एक दिन में कम से कम दो बार करने से बुखार शांत हो जाता है ।
नासूर
नासूर
एक ऐसी बीमारी में जिसमे व्रण और फोड़े पक जाते है । उनमे से मवाद निकलने लगता है । इस बीमारी को ठीक करने के लिए हुक्के के कीड़े और अफीम की एक बत्ती बनाकर भरने से नाड़ी व्रण ठीक हो जाता है ।
2. अफीम में मानव के नाख़ून की राख़ मिलाकर आग में पकाकर खाने से फायदा होता है ।
आक्षेप
अफीम
के उपयोग से प्रलाप , आक्षेप , अनिंद्रा , वायु
हनुस्तम्भ आदि रोग ठीक हो जाते है
दोष
अफीम
का अधिक मात्रा में उपयोग करने से मनुष्य नशे का आदि हो जाता है । इससे मृत्यु भी हो सकती है ।
बुखार का निवारण
नीम
का क्वाथ मैनफल का क्वाथ , रीठे
का जल , और
करमयक का रस निचोड़कर पीने से बहुत बीमार पड़ा हुआ मनुष्य ठीक हो जाता है । और स्वास्थ जीवन व्यतीत करता है ।
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