अगस्त
पौधा
अगस्त पौधे से परिचय :- अगस्त
का पेड़ पुरे भारत में पाया जाता है । यह पेड़ जहाँ बारिस अधिक
होती है अपने आप ही फलता फूलता है अगस्त और सितम्बर के महीनों में इस पेड़ के बीज
उचित वातावरण होने के बाद अपने आप ही उगने लगते है, जहाँ कहीं भी जल की मात्रा अधिक होती है और वायुमंडल उष्ण होती है । उस स्थान पर अगस्त का पेड़ बहुत ज्यादा फलता फूलता है । बारिश के मौसम में अगस्त के पौधे के बीज उगते है । अगस्त के पेड़ की चार प्रजातिया पाई जाती है । इस पेड़ की निम्मिन्लिखित चार किस्में है ।
1. श्वेत
2. पीत
3. नील
4. रक्त
लेकिन
अधिक संख्या में सफेद रंग का फूल ही प्राप्त होता है । अगस्त के कोमल पत्ते फूल और फलियों का शाक बनाकर खाया जाता है | भारत देश विभिन्न भाषाओँ और संस्कृतियों का
देश है इस लिए अगस्त
के पौधे को विभिन्न स्थानों पर अलग - अलग
नामों से जाना जाता है ।
जैसे :-
1.
अंग्रेजी में इस पौधे का नाम = sesbane है
2.
हिंदी भाषा में = अगस्तिया , अगस्त
3. . मराठी भाषा में =
अगसे , गिडा
4.
बंगाली भाषा में इस पौधे को = वक
5.
तमिल भाषा में अगस्त पौधे को = अगति
6.
पंजाबी भाषा में इस पौधे का नाम = हथिया
7.
असमी भाषा में अगस्त पेड़ का नाम = वकफुल
8.
गुजराती भाषा में = अगथियो
9.
तेलगु भाषा में = अविषि
10.
संस्कृत भाषा में = अगतस्य , मुनिद्रुम
अगस्त पेड़ की ढांचागत संरचना :-
अगस्त
के पेड़ जल्दी बढ़ने वाले और कम आयु वाले होते है । इस पेड़ की लकड़ी अधिक
मजबूत नहीं होती अत साधारण सी आंधी में भी इसकी टहनी टूट जाती है . इस पेड़ की लम्बाई लगभग २० फुट तक की होती है । इसके २० -२५
पत्तो के जोड़े एक लंबी डंडी में पाये जाते है । इसके पत्ते का आकार अंडाकार होता है और इसकी लम्बाई एक से डेढ़ इंच की होती है । अगस्त के पेड़ के फूल का रंग सफेद होता है ये नोक के आकार होने के साथ - साथ
एक फुट लम्बी होती है । इसकी फली में २० -२५
हलके रंग के बीज होते है । अगस्त के पेड़ के फूल और फल सर्दी के मौसम में लगते है ।
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