Mnushy Blood Preshar Kaese Hota Hai | |
आमतौर पर किसी भी मनुष्य का ब्लडप्रेशर
डायस्टोलिक के रूप में अभिव्यक्त किया जाता है | जैसे कि 120 / 80 सिस्टेलिक
अथार्त उपर का नम्बर धमनियों में दाब
को दिखाता है | इसमें ह्रदय की मांसपेशियाँ संकुचित होकर धमनियों में खून में पम्प
करती है | नीचे वाला नम्बर धमनियों में उस दाब को दिखाता है | जो संकुचन के बाद
हृदय की मासंपेशियाँ शिथिल हो जाती है | ब्लडप्रेशर उस समय अधिक हो जाता है , जब
हमारा हृदय पम्प कर रहा होता है |
निम्न ब्लडप्रेशर क्या होता है :- निम्न यानि
ब्लडप्रेशर लो जब होता है | जिससे धमनियों और नसों में खून का प्रवाह कम हो जाता
है , या उसके कम होने के लक्षण दिखाई देते है | जब हमारे शरीर में खून का प्रवाह
बहुत ही कम होता है | तो मष्तिष्क , हृदय , और गुर्दे जैसे कुछ जरूरी अंग स्थाई
रूप से क्षतिग्रस्त हो सकते है | इसके दूसरी और ब्लडप्रेशर हाई यानि उच्च रक्त चाप
की स्थिति में व्यक्तियों का बी. पी 100 / 60 तक गिर जाता है | तो उनमे निम्न रक्त
चाप के लक्षण दिखने लगते है | लेकिन निम्न रक्त चाप का कोई भी लक्षण दिखाई नही
देता है |
अगर किसी भी व्यक्ति को निम्न ब्लडप्रेशर के
कारण चक्कर आता है , या मितली या उल्टी आने का मन करता है , या खड़े होने पर बेहोश
हो जाते है | तो उसे अर्थोस्टेटिक उच्च रक्त चाप कहते है | खड़े होने पर निम्न रक्त
चाप के कारण होने वाले प्रभाव को सामन्यत व्यक्ति जल्द ही काबू पा लेता है | लेकिन
जब व्यक्ति के शरीर में खून की पूर्ति कम होती है या नही होती है तो , व्यक्ति के
सीने में दर्द हो सकता है
, यस दिल का दौरा पड़ सकता है | इसके आलावा जब हमारे
गुर्दे में अपर्याप्त खून की मात्रा की आपूर्ति होती है तो , तो गुर्दे शरीर से
यूरिया जैसे व्यर्थ पदार्थों को बाहर निकाल नही पाते | जिसके कारण खून में इनकी
मात्रा अधिक हो जाती है | ऐसे में व्यक्ति को शोक लग सकता है | जिससे उनके जीवन को
खतरा हो सकता है | जिन लोगों का ब्लडप्रेशर लो होता है | उन लोगों का गुर्दा ,
फेफड़ा और मष्तिष्क जल्द ही खराब हो सकते है | इसके बाद बात करते है | ब्लडप्रेशर
हाई के बारे में |
Blood Presher Ko Thik Kaese Kren |
ब्लडप्रेशर हाई क्या होता है :- 130 / 80 के
उपर का ब्लडप्रेशर जब होता है तो उसे हाइपरटेंशन या उच्च रक्त चाप कहलाता है | इसका
यह मतलब होता है कि हमारी धमनियों में उच्च रक्त चाप है | इसका अर्थ यह बिल्कुल भी
नही होता है कि तनाव अधिक होता है | क्योंकि तनाव और दबाव अस्थाई तौर पर खून के
दाब को बढ़ा देता है | सामान्य मनुष्य का रक्तचाप लगभग 120/80 से कम होना चाहिए | और
120/ 80और 139 /89 के बीच का रक्तचाप प्री हाइपरटेंशन कहलाता है | इसके आलावा 140
/90 या उससे ज्यादा हाई ब्लडप्रेशर को समझा जाता है |
b.P Ke Lakshn, Rakt Chap Kitne Trh Ke Hote Hai |
उच्च रक्त चाप में हृदय का रोग , गुर्दे की
बीमारी , या फिर धमनियों का सख्त हो जाना , आँखों पर प्रभाव पड़ना , मष्तिष्क खराब
होने की संभावना बढ़ जाती है | जिन लोगो का ब्लडप्रेशर हाई होता है | उन लोगों का
अपना इलाज जल्द से जल्द करवा लेना चाहिए , और अपने ब्लडप्रेशर को सामान्य रखने के
लिए हर उपाय पर अम्ल करना चाहिए |
एक स्वस्थ बड़े व्यक्ति का रक्तचाप का पारा को
90 और 120 मिलीमीटर के बीच में माना जाता है | लेकिन एक स्वस्थ व्यक्ति का पारा
120/80 का होना चाहिए | तो दोस्तों ये थे कुछ जानकारी जो की उच्च रक्त चाप और
निम्न रक्तचाप वाले लोगों के लिए बहुत ही जरूरी होता है |
मनुष्य को ब्लडप्रेशर कैसे होता है ,Mnushy Blood Preshar Kaese Hota Hai, Rakt Chap Kitne Trh Ke Hote Hai ,B,P Ke Lakshn ,
Blood Presher Ko Thik Kaese Kren |
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